- एनएचआरसीसीबी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में “सूचना का अधिकार” पर चर्चा।
- अध्यक्षता डॉ. रणधीर कुमार और मुख्य अतिथि के रूप में यशवंत सिन्हा की उपस्थिति।
- आरटीआई अधिनियम 2005 के महत्व, प्रक्रिया और चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श।
- सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल।
वेबिनार का आयोजन और मुख्य बातें:
गिरिडीह। एनएचआरसीसीबी (राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं नागरिक सुरक्षा बोर्ड) द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का विषय “सूचना का अधिकार” था, जिसकी अध्यक्षता एनएचआरसीसीबी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रणधीर कुमार ने की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त यशवंत सिन्हा उपस्थित रहे। वेबिनार का संचालन राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर प्रभात कुमार मिश्र ने किया।
आरटीआई अधिनियम पर चर्चा:
वेबिनार में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि यशवंत सिन्हा ने कहा:
“सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सरकारी सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करता है और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करता है।”
इस दौरान आरटीआई के महत्व, सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया और इसके कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई।
डॉ. रणधीर कुमार का वक्तव्य:
एनएचआरसीसीबी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रणधीर कुमार ने कहा:
“सूचना का अधिकार नागरिकों को अपने अधिकारों की रक्षा करने और सरकारी कार्यों में सुधार लाने का अवसर प्रदान करता है। केंद्र और राज्य सरकार को इस पर विस्तृत रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग को अधिक सक्रिय बनाने पर बल दिया, जिससे यह अधिनियम जनहित में बेहतर कार्य कर सके।
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