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आदेश की अवहेलना पर गरजे SP अमित रंजन, 106 पुलिसकर्मियों से मांगा जवाब

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#सीतामढ़ी #पुलिसकार्रवाई — एसपी के निर्देशों की अनदेखी पर कई अफसरों पर लटक रही कार्रवाई की तलवार

  • 106 पुलिसकर्मियों ने नहीं दिया मासिक कार्य विवरणी, SP ने मांगा 24 घंटे में जवाब
  • 20 जनवरी को जारी हुआ था आदेश, पर अप्रैल में भी नहीं हुआ अनुपालन
  • SP ने कहा— “ऐसा लगता है अप्रैल में कोई काम ही नहीं हुआ”
  • 10 थानाध्यक्षों समेत निरीक्षक, अवर निरीक्षक और सहायक अफसरों पर गाज गिरने की आशंका
  • अप्रैल 2025 का वेतन जब्त करने की चेतावनी, कारण बताओ नोटिस जारी
  • आदेशों की लगातार अवहेलना से SP काफी नाराज, अनुशासन बहाल करने की तैयारी

आदेश का निरंतर उल्लंघन बना कार्रवाई की वजह

सीतामढ़ी के एसपी अमित रंजन ने एक बार फिर जिले की पुलिसिंग को अनुशासित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। एसपी ने 20 जनवरी 2025 को सभी अनुसंधानकर्ताओं को यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि हर महीने की पांच तारीख तक मासिक कार्य विवरणी प्रस्तुत करें, लेकिन अप्रैल तक 106 पुलिस अफसरों ने इस आदेश को पूरी तरह से नजरअंदाज किया।

SP ने इसे आदेश की अवहेलना मानते हुए कड़ा रुख अख्तियार किया है। उनका कहना है कि ऐसे अधिकारियों का व्यवहार यह दर्शाता है कि अप्रैल माह में इन्होंने कोई कार्य नहीं किया।

“यह दर्शाता है कि संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली में गंभीर लापरवाही है।”
एसपी अमित रंजन

कौन-कौन पुलिस अफसर आए कार्रवाई के दायरे में

SP कार्यालय से जारी सूची के अनुसार, जिन 10 थानाध्यक्षों और पुलिस अफसरों का वेतन जब्त हो सकता है, उनमें प्रमुख रूप से संजीव कुमार, चंद्र भूषण कुमार सिंह, सरोज कुमार, अशोक कुमार, रणवीर कुमार झा, राजेश कुमार यादव, अनिल राम और अनिल कुमार-2 शामिल हैं।

इनके साथ पुलिस अवर निरीक्षक जितेन्द्र कुमार, राजेश कुमार-2, देवनारायण हेम्ब्रम, सुरेन्द्र कुमार अरुण, रेणु देवी, नन्द किशोर राय, सहित दर्जनों अफसरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इन सभी से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्यों ना अप्रैल का वेतन जब्त किया जाए।

अन्य अफसरों से भी मांगा गया जवाब

इनके अलावा कई पुलिस अवर निरीक्षक, सहायक निरीक्षक और महिला पदाधिकारी भी कार्रवाई के घेरे में हैं। इनमें त्रिपुरारी कुमार राय, प्रदीप पासवान, कुमार गौरव सिन्हा, पिंकी कुमारी, रामावती भगत, सुखविंदर, अजीत कुमार, अनुपमा कुमारी, राकेश कुमार, समेत 60 से अधिक अफसरों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है

अफसरों की कार्यशैली पर उठे सवाल

एसपी रंजन की सख्ती इसलिए भी जरूरी हो गई है क्योंकि अनुशासनहीनता और लापरवाही से जिले की कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मासिक रिपोर्टिंग जैसी बुनियादी प्रक्रिया का अनुपालन न करना यह दर्शाता है कि कुछ अफसर अपने कार्य के प्रति गंभीर नहीं हैं।

SP के इस निर्णय से साफ है कि अब जिले में कार्यसंस्कृति को लेकर समझौता नहीं किया जाएगा। विभागीय अनुशासन बहाल करने के लिए एसपी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आदेशों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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