
#सिमडेगा #आंगनबाड़ी_उत्सव : उपायुक्त कंचन सिंह की उपस्थिति में बच्चों के जन्मदिन, गोद भराई, अन्नप्राशन और स्वेटर वितरण जैसे सार्थक कार्यक्रम संपन्न
- डिप्टीटोली, सिमडेगा के आंगनबाड़ी केंद्रों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- कार्यक्रम में उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने स्वयं उपस्थित होकर बच्चों और अभिभावकों का उत्साह बढ़ाया।
- आंगनबाड़ी में नामांकित नंदनी कुमारी और साक्षी कुमारी का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया।
- सभी पंजीकृत बच्चों को स्वेटर वितरण कर ठंड से सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
- उपायुक्त ने कार्यक्रम में गोद भराई और अन्नप्राशन संस्कार भी संपन्न कराकर सामाजिक परंपराओं का सम्मान किया।
- स्थल पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरज मुन्नी कुमारी और आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं भी मौजूद रहीं।
सिमडेगा के डिप्टीटोली स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में शनिवार को एक विशेष और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास को केंद्र में रखा गया। यह कार्यक्रम प्रशासन की सक्रियता, जनसंवाद और सामुदायिक परंपराओं के संयोग का सुंदर उदाहरण रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ दो नन्हीं बच्चियों—नंदनी कुमारी और साक्षी कुमारी—के जन्मदिन उत्सव से हुआ। उपायुक्त कंचन सिंह ने बच्चियों के साथ केक काटकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
जन्मदिन समारोह: बच्चों के चेहरे पर मुस्कान
कार्यक्रम की शुरुआत जन्मदिन समारोह से हुई, जिससे वातावरण में उत्साह और उल्लास भर गया। आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित दोनों बच्चियों—नंदनी और साक्षी—का जन्मदिन मनाया गया। परिवारजनों और आंगनबाड़ी सेंटर की सेविकाओं ने बच्चियों को आशीर्वाद दिया।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “बच्चों के जन्मदिन जैसे छोटे-छोटे उत्सव भी उनके सामाजिक और भावनात्मक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।”
स्वेटर वितरण: बच्चों को ठंड से सुरक्षा
सर्दी के मौसम को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज सभी बच्चों को स्वेटर वितरण किया गया। प्रशासन का उद्देश्य था कि हर बच्चा इस मौसम में सुरक्षित, स्वस्थ और गर्म रह सके। स्वेटर पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे और परिवारों में संतोष देखा गया।
मातृ-शिशु कल्याण से जुड़े संस्कार
कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक मातृ-शिशु स्वास्थ्य संबंधी संस्कार भी सम्पन्न कराए गए। इनमें गोद भराई और अन्नप्राशन शामिल थे।
- एक गर्भवती महिला का गोद भराई संस्कार किया गया।
- एक शिशु का अन्नप्राशन संस्कार संपन्न हुआ, जिसमें उपायुक्त ने स्वयं भूमिका निभाई।
इन पलों ने कार्यक्रम में सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व जोड़ दिया।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “परंपरागत संस्कार समाज की सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हैं और मातृ-शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।”
आंगनबाड़ी सेविकाओं के कार्यों की सराहना
उपायुक्त ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ये कार्यकर्ता न केवल बच्चों को पोषण और शिक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि समुदायिक विकास का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
स्थल पर उपस्थित जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरज मुन्नी कुमारी ने भी कार्यक्रम की सफलता और टीम के प्रयासों की सराहना की।
समुदाय में बढ़ी जागरूकता
इस कार्यक्रम से मातृ-शिशु पोषण, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ी। ग्रामीणों ने उपायुक्त से सीधे संवाद कर अपनी जरूरतें और सुझाव साझा किए।
न्यूज़ देखो: प्रशासनिक प्रयास और सामुदायिक सहभागिता का सफल संगम
डिप्टीटोली का यह कार्यक्रम दिखाता है कि जब प्रशासन, आंगनबाड़ी तंत्र और समुदाय मिलकर काम करते हैं, तो बच्चों और महिलाओं के विकास में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
ऐसे आयोजन न केवल सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाते हैं, बल्कि सामाजिक परंपराओं को भी जीवित रखते हैं।
सिमडेगा प्रशासन की यह पहल अनुकरणीय है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों की मुस्कान ही समाज की सबसे बड़ी ताकत
जब प्रशासन और समाज बच्चों के विकास के लिए एकजुट होते हैं, तब भविष्य अपने आप उज्ज्वल बन जाता है।
नन्हें बच्चों के लिए स्वेटर, पोषण, सुरक्षा और प्यार—यही वास्तविक निवेश है जो एक बेहतर कल का निर्माण करता है।
आइए, हम सभी बाल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रयासों में अपनी भूमिका निभाएं।
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