
#गढ़वा #स्थानीय_कला : एसडीएम संजय कुमार ने मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाले स्थानीय कलाकारों के साथ अनौपचारिक संवाद का निमंत्रण दिया
- एसडीएम संजय कुमार इस बुधवार को आयोजित “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में मिट्टी की मूर्तियां बनाने वाले स्थानीय कलाकारों को आमंत्रित करेंगे।
- संवाद के दौरान कलाकारों के कार्य, परंपरा, कला-संरक्षण, बाजार और सरकारी योजनाओं से जुड़ाव पर चर्चा की जाएगी।
- गढ़वा क्षेत्र में अधिकांश मूर्तिकार बंगाल और अन्य क्षेत्रों से आते हैं, जबकि स्थानीय कलाकार अभी गुमनामी में हैं।
- कलाकारों से अनुरोध किया गया है कि वे आगामी 10 सितंबर को सुबह 11 बजे अनुमंडल कार्यालय में सहभागिता निभाएं।
- दिसंबर 2024 से यह कार्यक्रम समाज के विभिन्न अनसुने वर्गों की समस्याओं और सुझावों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली में शामिल करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
गढ़वा सदर अनुमंडल में प्रशासन और जनसमुदाय के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए हर बुधवार आयोजित होने वाले “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम की अगली कड़ी में इस बार स्थानीय मिट्टी के मूर्तिकारों को आमंत्रित किया गया है। यह पहल स्थानीय कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है। एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि क्षेत्र में मूर्तियों का निर्माण अधिकतर बाहरी राज्यों के कारीगर करते हैं, लेकिन कई स्थानीय कलाकार भी इस कला में पारंगत हैं, जिनकी प्रतिभा अभी पर्याप्त पहचान नहीं पा सकी है।
संवाद का उद्देश्य और महत्व
इस विशेष कार्यक्रम के दौरान कलाकारों से उनके कार्यों, परंपरा, कला संरक्षण, बाजार की उपलब्धता, सरकारी योजनाओं से जुड़ाव और उनकी कठिनाइयों पर चर्चा की जाएगी। संजय कुमार ने कहा कि यह मंच स्थानीय कलाकारों को अपनी कला को सामने लाने और प्रशासन को उनके सुझाव और जरूरतें बताने का अवसर देगा। उन्होंने कलाकारों से अनुरोध किया कि वे अपने व्यस्त समय से 1 घंटा निकाल कर 10 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे अनुमंडल कार्यालय में उपस्थित हों।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “हमारे स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को पहचान मिलनी चाहिए। यह कार्यक्रम उन्हें प्रोत्साहित करने और उनकी कला को नई पहचान दिलाने का अवसर है।”
स्थानीय कलाकारों की भागीदारी और पारंपरिक उत्सव
गढ़वा क्षेत्र में गणेश पूजा, विश्वकर्मा पूजा, दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा के लिए कई स्थानीय कलाकार अपने हाथों से मिट्टी को देवी-देवताओं के रूप में गढ़ते हैं। इसके अलावा वे रथ और पंडालों का निर्माण भी करते हैं। वर्तमान में कई कलाकार दुर्गा पूजा और विश्वकर्मा पूजा की तैयारियों में व्यस्त हैं।
एसडीएम संजय कुमार ने बताया: “हम चाहते हैं कि स्थानीय कलाकारों को एक मंच मिले ताकि उनकी कला को गुमनामी से बाहर निकाला जा सके और उन्हें आर्थिक और सामाजिक प्रोत्साहन मिले।”
प्रशासनिक पहल और सामाजिक प्रभाव
दिसंबर 2024 से “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम समाज के विभिन्न अनसुने वर्गों की समस्याओं और सुझावों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली में शामिल करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इस संवाद से न केवल कलाकारों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि प्रशासन को उनकी आवश्यकताओं और चुनौतियों की वास्तविक जानकारी भी मिलेगी।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “हमें उम्मीद है कि इस संवाद से स्थानीय कलाकारों की कला को नई पहचान मिलेगी और वे भविष्य में भी अपनी कला के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान देंगे।”
न्यूज़ देखो: स्थानीय कला और कलाकारों को नई पहचान देने की पहल
गढ़वा प्रशासन की यह पहल यह दिखाती है कि स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को उजागर करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। यह कदम कलाकारों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्थानीय कलाकारों को मंच मिले और कला को पहचान
स्थानीय कलाकारों की कला को प्रोत्साहित करने और उनकी चुनौतियों को प्रशासन तक पहुंचाने का अवसर प्राप्त करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और कला और संस्कृति के संरक्षण में भागीदारी बढ़ाएं।