
#लातेहार #वन्यजीवसंरक्षण : बेतला नेशनल पार्क में वनरक्षियों और पुलिस जवानों को सांपों को सुरक्षित पकड़ने और जंगल में छोड़ने का प्रशिक्षण दिया गया
- बेतला पीटीआर क्षेत्र में सांपों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित।
- जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता की टीम ने वनरक्षियों, वनपालों और पुलिस जवानों को प्रशिक्षण दिया।
- प्रशिक्षण देने वालों में अरविंदु दास, सुमन कोट और अभय कुमार शामिल रहे।
- डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जैना ने कहा – “ज्ञान और प्रशिक्षण के अभाव में लोग अक्सर सांप मार देते हैं, अब प्रशिक्षित टीम उन्हें सुरक्षित बचाएगी।”
- ग्रामीणों को संदेश – सांप देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचना दें, अनावश्यक नुकसान न पहुंचाएं।
- मौके पर संतोष कुमार सिंह, रामकुमार देव, गुलशन सुरीन, शशांक पाण्डेय, मनिष बक्शी, राजू कुमार, धीरज कुमार, रवि कुमार सहित अनेक वनपाल और वनरक्षि उपस्थित रहे।
बेतला नेशनल पार्क में इन दिनों सांपों को सुरक्षित रेस्क्यू करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (कोलकाता) की टीम द्वारा पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र के वनरक्षियों, वनपालों और झारखंड पुलिस के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सांप को देखकर लोग डर या अज्ञानवश उन्हें न मारें, बल्कि विशेषज्ञ तरीके से पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दें।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व
प्रशिक्षण के दौरान अभय कुमार, सुमन कोट और अरविंदु दास ने वनरक्षियों और पुलिसकर्मियों को सांप पकड़ने की तकनीकें सिखाईं। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण से एक प्रशिक्षित समूह तैयार होगा, जो आपातकालीन परिस्थितियों में सांपों को सुरक्षित रेस्क्यू कर सकेगा।
डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जैना ने कहा: “ज्ञान और प्रशिक्षण के अभाव में आम लोग सांप को मार देते हैं। इस प्रशिक्षण से अब वनरक्षि और पुलिस जवान सुरक्षित तरीके से सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ सकेंगे।”
ग्रामीणों के लिए संदेश
जैना ने ग्रामीणों से अपील की कि सांप को नुकसान न पहुंचाएं। अगर गांव में सांप दिखे तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सांप का भी जीने का अधिकार है, जैसे इंसान का। अब वन विभाग की प्रशिक्षित टीमें उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ने का काम करेंगी।
जैना ने आगे कहा: “अगर किसी ग्रामीण को सांप काट लेता है तो आपदा प्रबंधन विभाग से मुआवजा मिलेगा, इसलिए सांप को मारने की बजाय सूचना दें।”
मौके पर मौजूद अधिकारी
इस अवसर पर प्रभारी वनपाल संतोष कुमार सिंह, रामकुमार देव, गुलशन सुरीन, शशांक पाण्डेय, मनिष बक्शी, राजू कुमार, धीरज कुमार, रवि कुमार समेत पूरे टाइगर रिजर्व क्षेत्र के वनपाल और वनरक्षि उपस्थित रहे। सभी ने प्रशिक्षण लेकर यह संकल्प लिया कि भविष्य में किसी भी सांप को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और सुरक्षित रेस्क्यू ही प्राथमिकता होगी।
न्यूज़ देखो: जंगल और इंसान दोनों की सुरक्षा
यह खबर इस बात की गवाही है कि जागरूकता और प्रशिक्षण से इंसान और वन्यजीव दोनों सुरक्षित रह सकते हैं। बेतला पीटीआर की यह पहल न केवल जैव विविधता संरक्षण की दिशा में कदम है बल्कि ग्रामीणों को भी जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जीवन बचाएं, संतुलन बनाएं
प्रकृति और वन्यजीव हमारे पर्यावरण का अहम हिस्सा हैं। सांपों को मारने की बजाय सुरक्षित रेस्क्यू करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और वन्यजीव संरक्षण में अपनी भागीदारी निभाएं।