
#सिमडेगा #ईएसआईसी_जागरूकता : व्यापारियों को ईएसआईसी निबंधन, कर्मचारियों के हितलाभ और स्प्री योजना की शर्तों पर विस्तार से बताया गया
- सिमडेगा चेंबर ऑफ कॉमर्स की पहल पर व्यापारियों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित।
- कार्यक्रम में डिप्टी डायरेक्टर शुभाषित मिश्रा, एसएसओ निर्भय सिंह, शाखा प्रबंधक राजकिशोर मौजूद रहे।
- 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए ईएसआईसी में निबंधन अनिवार्य बताया गया।
- कर्मचारियों को चिकित्सा, बीमारी, मातृत्व, आश्रितजन और अपंगता सहित कई सुरक्षा लाभ उपलब्ध।
- सरकार की स्प्री योजना 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक—नए निबंधन पर पूर्व अवधि की कोई जांच नहीं।
मंगलवार को सिमडेगा के आनंद भवन में सिमडेगा चेंबर ऑफ कॉमर्स की पहल पर आयोजित कार्यशाला में व्यापारियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से जुड़े नियमों, जिम्मेदारियों और कर्मचारियों को मिलने वाले विभिन्न सुरक्षा लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। कार्यक्रम में विभाग के डिप्टी डायरेक्टर शुभाषित मिश्रा, एसएसओ निर्भय सिंह और शाखा प्रबंधक राजकिशोर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यशाला का उद्देश्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को ईएसआईसी की अनिवार्यता, कर्मचारियों की सुरक्षा और सरकार द्वारा लाई गई विशेष योजनाओं के प्रति जागरूक करना था।
ईएसआईसी निबंधन की अनिवार्यता और कानूनी प्रावधान
कार्यशाला के मुख्य वक्ता शुभाषित मिश्रा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में संचालित ऐसे सभी प्रतिष्ठान, जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, उन्हें ईएसआईसी में निबंधन कराना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निबंधन न केवल कर्मचारियों के लिए आवश्यक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि व्यवसायों की विश्वसनीयता और कानूनी अनुपालन को भी मजबूत करता है।
उन्होंने विस्तार से समझाया कि ईएसआईसी के अंतर्गत निबंधित कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएं, बीमारी के समय आर्थिक सहायता, मातृत्व लाभ, आश्रितजन हितलाभ, वृद्धावस्था चिकित्सा देखभाल और अपंगता हितलाभ जैसे कई प्रकार के सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलते हैं।
कर्मचारियों के लिए उपलब्ध प्रमुख लाभ
कार्यशाला में बताया गया कि ईएसआईसी से जुड़े कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण सहायता योजनाएं हासिल होती हैं जिनमें शामिल हैं:
- चिकित्सा हितलाभ: कर्मचारियों और उनके परिवार को संपूर्ण चिकित्सा सुविधा।
- बीमारी हितलाभ: बीमारी की अवधि में वेतन का एक हिस्सा आर्थिक सहायता के रूप में।
- मातृत्व लाभ: महिला कर्मचारियों को प्रसूति के दौरान आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी सहायता।
- आश्रितजन हितलाभ: कार्य के दौरान दुर्घटना से मृत्यु की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहारा।
- अपंगता लाभ: आंशिक या पूर्ण अपंगता होने पर स्थायी सहायता।
स्प्री योजना: नियोक्ताओं के लिए सुवर्ण अवसर
डिप्टी डायरेक्टर मिश्रा ने विशेष रूप से सरकार की स्प्री योजना का उल्लेख किया, जो 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक लागू है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में यदि कोई नया प्रतिष्ठान ईएसआईसी में निबंधन कराता है तो:
- नियोक्ता की पिछली अवधि की कोई जांच नहीं होगी।
- पूर्व के रिकॉर्ड या दस्तावेजों की जांच की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने सभी व्यापारियों से आग्रह किया कि इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने प्रतिष्ठानों को ईएसआईसी से जोड़ें ताकि भविष्य में किसी कानूनी जटिलता से बचा जा सके और कर्मचारियों को समय पर लाभ मिल सके।
व्यापारियों की सक्रिय उपस्थिति और संवाद
कार्यक्रम में सिमडेगा के दर्जनों व्यापारी मौजूद रहे जिनमें मोतीलाल अग्रवाल, मिथिलेश प्रसाद, मुकेश गोयल, धनंजय केसरी, मो. मंसूर, अशोक जयसवाल, विनय अग्रवाल, शैलेश, सौरभ, राकेश, भोलू, शशि सिंह, लखन गुप्ता, सत्यनारायण प्रसाद सहित अन्य कई लोग शामिल थे। व्यापारियों ने ईएसआईसी प्रक्रिया से जुड़े सवाल पूछे और अपने संस्थानों में कर्मचारियों को मिलने वाली सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर उत्साह दिखाया।
विस्तृत संवाद और जिम्मेदारियों पर जानकारी
व्यापारियों को बताया गया कि ईएसआईसी निबंधन न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों को कानूनी रूप से सुरक्षित और व्यवस्थित बनाता है। अधिकारियों ने कहा कि सभी नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के हितों के प्रति सजग रहने की जरूरत है।

न्यूज़ देखो: कर्मचारियों की सुरक्षा ही मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव
ईएसआईसी जैसी योजनाएं व्यापार और कर्मचारी—दोनों के हित में काम करती हैं। यह कार्यक्रम बताता है कि सिमडेगा में व्यापारी अब श्रमिकों की सुरक्षा और कानूनी अनुपालन को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं। सरकार की स्प्री योजना भी नियोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है, जिससे उद्योगों को संगठित ढांचे में लाने में मदद मिलेगी।
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सुरक्षित भविष्य के लिए जिम्मेदार कदम जरूरी
कर्मचारियों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सिर्फ उनकी जरूरत नहीं, बल्कि हर व्यवसाय की मजबूती का आधार है। जब नियोक्ता सही नियमों का पालन करते हुए अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हैं, तो कार्य वातावरण सुरक्षित और भरोसेमंद बनता है। अब वक्त है कि सभी व्यापारी आगे बढ़कर ईएसआईसी निबंधन कराएं और कर्मचारियों को उनका हक सुनिश्चित करें।
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