
#Garhwa #TeamDaulat : रक्तदान की अनूठी मिसाल, जरूरतमंदों के लिए बनी जीवनरेखा
- 72 घंटे में 6 रक्तदान कर कई जिंदगियों को बचाया गया।
- रविवार को चार मरीजों के लिए चार रक्तवीरों ने रक्तदान किया।
- सोमवार को 12 वर्षीय बच्ची की जान बचाने के लिए O पॉजिटिव रक्तदान हुआ।
- मंगलवार को महिला मरीज के लिए B- नेगेटिव रक्तदान कर अभियान को मजबूती मिली।
- टीम दौलत का संकल्प: गढ़वा में कोई भी मरीज रक्त की कमी से न मरे।
72 घंटों में इंसानियत की मिसाल
गढ़वा में इंसानियत का ऐसा उदाहरण सामने आया, जिसने पूरे जिले का ध्यान खींच लिया। टीम दौलत ने मात्र 72 घंटों में 6 बार रक्तदान कर कई जिंदगियों में उम्मीद की किरण जगाई। यह अभियान दिखाता है कि जरूरतमंद की मदद ही सबसे बड़ा धर्म है।
रविवार: चार जीवन बचाने का दिन
रविवार को टीम दौलत के चार रक्तवीरों ने चार मरीजों की जान बचाने के लिए रक्तदान किया। इनमें शामिल हैं:
- सलेंद्र कुमार: B- नेगेटिव
- शशि भूषण मेहता: O+ पॉजिटिव
- पंकज रजक: O+ पॉजिटिव
- सलेंद्र ठाकुर: AB+ पॉजिटिव
इन चारों ने न सिर्फ मरीजों को जीवनदान दिया बल्कि समाज में मानवता का नया मानक स्थापित किया।
सोमवार: बच्ची की जिंदगी दांव पर
सोमवार को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती 12 वर्षीय बच्ची का हीमोग्लोबिन सिर्फ 3 ग्राम रह गया था। डॉक्टरों ने तत्काल रक्त चढ़ाने की जरूरत बताई। जैसे ही यह खबर टीम दौलत के ग्रुप में पहुंची, सचिन कुमार ने बिना देर किए काम छोड़कर O पॉजिटिव रक्तदान कर बच्ची की जान बचाई।
टीम के सदस्य ने कहा: “जिस बच्ची की जान खतरे में थी, आज वह मुस्कुरा रही है। यही इस टीम की सबसे बड़ी जीत है।”
मंगलवार: महिला मरीज को नई जिंदगी
मंगलवार को भी यह सिलसिला जारी रहा। विकास मेहता ने B- नेगेटिव रक्तदान कर एक महिला मरीज को नई जिंदगी दी। इस तरह तीन दिनों में छह रक्तदान हुए, जो टीम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
टीम दौलत का संकल्प
टीम दौलत के संयोजक दौलत सोनी ने स्पष्ट कहा:
दौलत सोनी ने कहा: “हमारा मकसद यही है कि गढ़वा में कोई भी मरीज रक्त की कमी से अपनी जान न गंवाए। यह टीम दिल से बनी है और हर सदस्य इसके लिए हर वक्त तैयार रहता है।”
लगातार बढ़ रहा है अभियान
टीम दौलत का यह मानवीय अभियान लगातार बड़ा हो रहा है। लोगों का जुड़ाव और तत्परता दिखाती है कि जब समाज एकजुट होकर आगे बढ़ता है, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।






न्यूज़ देखो: मानवता का नया आयाम
गढ़वा में टीम दौलत की यह पहल बताती है कि संकट की घड़ी में एकजुटता सबसे बड़ा बल है। यह सिर्फ रक्तदान नहीं, बल्कि जीवनदान का अभियान है। ऐसे प्रयास समाज में भरोसा जगाते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बदलाव की राह में आपका साथ जरूरी
अगर आप भी इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं, तो आज ही रक्तदान का संकल्प लें। आपकी छोटी सी पहल किसी की जिंदगी बचा सकती है। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय दें और जरूरतमंदों तक मदद का संदेश पहुंचाएं।
गढ़वा की इस कहानी ने साबित कर दिया है कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है।