#बानो #फुटबॉलटूर्नामेंट : संत थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल में खेल और शिक्षा के संतुलन पर जोर देते हुए शानदार मुकाबले संपन्न हुए
- संत थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल बानो में अंतर स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन।
- सीनियर लड़कों में ग्रुप A ने ग्रुप B को 2-0 से हराया।
- सीनियर लड़कियों में ग्रुप C ने ग्रुप A को 1-0 से पराजित किया।
- जूनियर लड़कों में ग्रुप B ने ग्रुप A को 1-0 से मात दी।
- जूनियर लड़कियों में ग्रुप A ने ग्रुप B को 1-0 से हराकर जीत दर्ज की।
- कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पादरी सी एस जड़िया ने छात्रों को खेल और पढ़ाई में संतुलन रखने की प्रेरणा दी।
संत थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल बानो में आयोजित अंतर स्कूल फुटबॉल टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। खेल का रोमांच पूरे दिन मैदान पर देखने को मिला। चार अलग-अलग वर्गों में हुए मुकाबलों में बच्चों ने जीत हासिल करने के लिए जोरदार प्रयास किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पादरी सी एस जड़िया ने कहा कि शिक्षा और खेल दोनों ही भविष्य को संवारने में मददगार होते हैं।
सीनियर वर्ग के मुकाबले
सीनियर लड़कों के मैच में ग्रुप A ने शानदार खेल दिखाते हुए ग्रुप B को 2-0 से हराया। वहीं सीनियर लड़कियों के मुकाबले में ग्रुप C ने कड़े संघर्ष के बाद ग्रुप A को 1-0 से मात दी।
जूनियर वर्ग में जोश
जूनियर लड़कों में खेल काफी रोमांचक रहा, जहां ग्रुप B ने ग्रुप A को 1-0 से हराकर जीत अपने नाम की। वहीं जूनियर लड़कियों के मैच में ग्रुप A ने बढ़त लेते हुए ग्रुप B को 1-0 से हराया।
मुख्य अतिथि का प्रेरक संबोधन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पादरी सी एस जड़िया ने बच्चों को खेल और पढ़ाई में संतुलन साधने की बात कही। उन्होंने कहा:
पादरी सी एस जड़िया ने कहा: “वर्तमान समय में हम पढ़ाई के साथ-साथ खेल से भी भविष्य को निखार सकते हैं। खेल से मन हल्का होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए हमें अच्छा खेल खेलना चाहिए।”
आयोजन में सहयोग और उपस्थिति
मैचों में रेफरी की भूमिका पवन, अभिषेक और अर्पण ने निभाई। कार्यक्रम में स्कूल के प्रिंसिपल फ्रांसिस टेटे और शिक्षक विजय, पौलुस, सोसन, परशुराम, नेलसन, मिसेज सलोमी, सुनीता, सुचिता, उर्मिला, मार्टिना ने आयोजन में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। इसके अलावा अतिथि के रूप में पादरी दुलार बा, बिलकन बगैरला भी मौजूद रहे।

न्यूज़ देखो: शिक्षा और खेल का संगम
यह टूर्नामेंट बच्चों के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलों के महत्व को समझने का अवसर बना। इस आयोजन ने दिखाया कि खेलों से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है बल्कि मानसिक संतुलन और टीम भावना भी विकसित होती है।
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खेल से सीखें जीवन की दिशा
अब समय है कि हम सब बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करें और शिक्षा के साथ खेल में भी उनका भविष्य संवारें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों तक शेयर करें ताकि और लोग भी प्रेरित हों।