गढ़वा/कांडी दिल्ली प्रबंधन संस्थान में एमबीए की पढ़ाई कर रहे छात्र श्वेताभ रंजन ने सतबहिनी झरना तीर्थ में दो घंटे तक श्रमदान कर एक मिसाल पेश की। श्वेताभ ने स्वेच्छा से सीमेंट-कंक्रीट का मसाला माथे पर ढोकर निर्माण कार्य में योगदान दिया। उनकी इस पहल ने वहां मौजूद लोगों को आश्चर्य और खुशी से भर दिया।
कांडी प्रखंड के अधौरा गांव निवासी पत्रकार रामरंजन के बेटे श्वेताभ को समाजसेवा का शौक बचपन से रहा है। रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने झोंपड़पट्टी में रहने वाले गरीब बच्चों को शिक्षित करने का कार्य किया। बच्चों को किताबें, कॉपियां, पेंसिल, और कपड़े देकर उन्होंने उन्हें प्राथमिक और मिडिल स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने में मदद की।
शौकिया फोटोग्राफी में भी श्वेताभ का नाम रोशन है। उन्होंने नेशनल और स्टेट लेवल पर पुरस्कार जीते हैं। एमबीए की पढ़ाई के दौरान भी श्वेताभ ग्रुप लीडर की भूमिका निभा रहे हैं और नैनीताल की बर्फीली पहाड़ियों में डिजास्टर मैनेजमेंट के दौरान भी प्रथम स्थान हासिल किया है।
सतबहिनी झरना में उनके श्रमदान को देखकर मां सतबहिनी झरना तीर्थ विकास समिति के सचिव पं. मुरलीधर मिश्र और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनकी सराहना की। सभी ने एक स्वर में कहा कि श्वेताभ अपने “लर्निंग बाय डूइंग” दृष्टिकोण से सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचेंगे।