
#झारखंड #शिक्षा_समीक्षा – CBSE से संबद्ध SoE स्कूलों में 60% से कम पास प्रतिशत पर मंगाया गया जवाब
- कक्षा 12वीं (साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स) के परिणामों में कई SoE स्कूलों का पास प्रतिशत 60% से भी कम
- राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक (SPD) ने सभी संबंधित प्राचार्यों को नोटिस जारी किया
- 7 कार्य दिवसों के भीतर लिखित जवाब मांगा गया है
- राज्य सरकार ने SoE स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्य से शुरू किया था
- शिक्षा विभाग ने दोहराया—गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा
खराब परीक्षा परिणामों पर सरकार की सख्ती
झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग ने CBSE पाठ्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (SoE) के कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणामों की विस्तृत समीक्षा के बाद गहरी चिंता व्यक्त की है। समीक्षा में सामने आया कि राज्य के कई SoE स्कूलों में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स तीनों संकायों में पास प्रतिशत 60% से भी कम रहा है।
इस गिरावट को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है और इसके पीछे की प्रशासनिक तथा शैक्षणिक विफलताओं की पहचान के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जिम्मेदार प्राचार्यों से जवाब तलब
राज्य परियोजना निदेशक (SPD) की ओर से ऐसे सभी अप्रसन्नजनक प्रदर्शन वाले स्कूलों के प्राचार्यों को शो कॉज़ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक प्राचार्य को 7 कार्य दिवसों के भीतर लिखित जवाब प्रस्तुत करना होगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि परीक्षा परिणाम इतने खराब क्यों रहे।
शिक्षा विभाग के अनुसार,
“राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक गैर-परक्राम्य प्राथमिकता है और किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।”
SoE स्कूलों की मूल भावना और वर्तमान स्थिति
मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (SoE) झारखंड सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेहतर शैक्षणिक माहौल देना है। इन स्कूलों को CBSE पाठ्यक्रम से जोड़कर राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में बच्चों को सक्षम बनाना प्राथमिक लक्ष्य रहा है।
लेकिन हालिया परीक्षा परिणामों ने शिक्षा विभाग को झकझोर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मौजूदा शैक्षणिक प्रक्रिया में सुधार की सख्त जरूरत है।
न्यूज़ देखो : शिक्षा की गुणवत्ता पर हमारी पैनी नजर
झारखंड के SoE स्कूलों के प्रदर्शन की यह समीक्षा शिक्षा की गंभीरता और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। न्यूज़ देखो हमेशा से शैक्षणिक स्तर की गिरावट, नीति के क्रियान्वयन में खामियों और छात्रों के भविष्य से जुड़े हर पहलू पर गहराई से रिपोर्टिंग करता आया है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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