
#रांची #सेवापखवाड़ा : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में हुई बैठक में जनसेवा कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई
- भाजपा प्रदेश कार्यालय, रांची में सेवा पखवाड़ा 2025 की तैयारी को लेकर बैठक हुई।
- बैठक की अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष सह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने की।
- कार्यक्रम में राष्ट्रीय महामंत्री राधा मोहन, रवींद्र राय, कर्मवीर सिंह, अदित्य प्रसाद साहू, पी. के. वर्मा, चंपाई सोरेन, अमर बाउरी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
- स्वास्थ्य शिविर, पर्यावरण संरक्षण अभियान और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
- सेवा पखवाड़ा का मकसद जनसेवा को संगठनात्मक रूप से मजबूती देना है।
रांची में भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को सेवा पखवाड़ा 2025 की तैयारियों को लेकर अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने की और इसमें संगठनात्मक रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
सेवा पखवाड़ा की तैयारी पर बनी रणनीति
बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सेवा पखवाड़ा के अवसर पर पूरे राज्य में स्वास्थ्य जांच शिविर, पर्यावरण संरक्षण अभियान, रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण और विभिन्न सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पार्टी ने तय किया कि प्रत्येक जिला और मंडल स्तर पर अलग-अलग समितियां बनाकर कार्यक्रमों को सफल बनाया जाएगा।
वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राधा मोहन, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, राज्यसभा सांसद सह प्रदेश महामंत्री अदित्य प्रसाद साहू, प्रदेश महामंत्री पी. के. वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी समेत बड़ी संख्या में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा: “सेवा पखवाड़ा केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह जनसेवा का संकल्प है। भाजपा कार्यकर्ता समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने का काम करेंगे।”
संगठनात्मक मजबूती पर जोर
बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सेवा पखवाड़ा जैसे अभियान संगठन को जनता से जोड़ने का माध्यम हैं। इसके जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सेवा भावना के साथ समाज के बीच काम करने का अवसर मिलेगा और भाजपा की जमीनी पकड़ और मजबूत होगी।

न्यूज़ देखो: सेवा के जरिए राजनीति से परे जुड़ाव
भाजपा की यह पहल दिखाती है कि राजनीतिक दल केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज में सेवा और जागरूकता के कार्यों से भी सीधे जुड़ते हैं। सेवा पखवाड़ा का आयोजन जनता के बीच विश्वास और संवाद की नई राह खोल सकता है।
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सेवा ही सबसे बड़ा धर्म
सेवा पखवाड़ा जैसे आयोजन हमें यह सिखाते हैं कि राजनीति का असली मकसद जनता की सेवा है। आइए इस विचार को आगे बढ़ाएं—अपनी राय कमेंट में साझा करें और खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।