#गढ़वा #प्रशासनिकसमीक्षा – योजनाओं की धीमी प्रगति पर उपायुक्त ने जताई नाराजगी, जनप्रतिनिधियों से मांगा सहयोग और जमीनी समस्याओं का समाधान
- उपायुक्त शेखर जमुआर ने प्रखंड स्तरीय योजनाओं की बारीकी से समीक्षा की
- अवैध रूप से लाभ ले रहे अपात्रों को योजनाओं से बाहर करने का आदेश
- पेयजल संकट, शौचालय निर्माण और आयुष्मान कार्ड की स्थिति पर गहन चर्चा
- जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से समस्याओं की मिली वास्तविक तस्वीर
- राशन कार्ड और e-KYC अपडेट पर भी उपायुक्त ने अधिकारियों को दी चेतावनी
- योजनाओं की प्रगति पर प्रत्येक विभाग से मांगी गई डिटेल रिपोर्ट
अपात्र लाभुकों पर कार्रवाई और योजनाओं में पारदर्शिता का निर्देश
श्री बंशीधर नगर प्रखंड सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में गढ़वा उपायुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि प्रत्येक योजना की पारदर्शिता सर्वोपरि है और लाभ केवल पात्र व्यक्तियों तक ही सीमित रहना चाहिए।
बैठक में मनरेगा, आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत योजना, पेंशन योजना, और पीएम किसान सम्मान निधि जैसे प्रमुख कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
“जो भी लाभुक अपात्र हैं, उन्हें योजनाओं से हटाकर सही लाभार्थियों को जोड़ा जाए,” — शेखर जमुआर
उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि फील्ड में जाकर जांच करें और लाभ वितरण में किसी तरह की लापरवाही न हो।
जनप्रतिनिधियों से मिला फीडबैक बना प्रशासन के लिए दिशा
बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं को बेबाकी से सामने रखा। इनमें पेयजल संकट, आवास योजना में अनियमितता, शौचालय निर्माण में लापरवाही, और आयुष्मान कार्ड से वंचित लाभुकों की शिकायतें शामिल रहीं।
उपायुक्त ने जनप्रतिनिधियों के इन सुझावों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सुधारात्मक कार्य करने को कहा।
डिजिटल योजनाओं की धीमी प्रगति बनी चिंता का कारण
e-KYC प्रक्रिया, राशन कार्ड से आधार लिंकिंग, और आयुष्मान कार्ड वितरण जैसे डिजिटल पहलुओं की प्रगति पर उपायुक्त ने विशेष ध्यान दिया।
उन्होंने बताया कि अब भी बड़ी संख्या में लाभुक ऐसे हैं जिनका डाटा अधूरा है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि
“प्रशासन की प्राथमिकता है कि कोई भी पात्र नागरिक योजनाओं से वंचित न रह जाए,” — शेखर जमुआर
शिक्षा और कृषि योजनाओं में भी लानी होगी तेजी
विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति, कक्षाओं का नियमित संचालन न होना, और कृषकों को योजनाओं की जानकारी न मिल पाना जैसे मुद्दे भी बैठक में उठे।
उपायुक्त ने शिक्षा विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे क्षेत्र में भ्रमण कर वास्तविक स्थिति की समीक्षा करें और योजना क्रियान्वयन में तेजी लाएं।



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