
#दुमका #सड़क_सुरक्षा : समाहरणालय सभागार में हुई बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को चेताया – नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई करें
- उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दिए सख्त निर्देश।
- बिना लाल कपड़ा बांधे सरिया ढोने वाले वाहनों को तुरंत जब्त करने का आदेश।
- दुमका–पाकुड़ मुख्य मार्ग समेत सभी क्षतिग्रस्त सड़कों को शीघ्र दुरुस्त करने का निर्देश।
- स्कूल बसों की सुरक्षा जांच अनिवार्य – खिड़कियों पर ग्रिल लगाना एक माह में पूरा करें।
- ब्लाइंड टर्न्स पर कन्वैक्स मिरर और सड़क किनारे चेतावनी संकेत लगाने पर भी जोर।
दुमका। समाहरणालय सभागार में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि सड़क सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि सड़कों पर चलने वाले हर वाहन को सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है।
सड़क पर चलने वाले नियमों का कड़ाई से पालन आवश्यक
डीसी ने कहा कि कई बार देखा जा रहा है कि सरिया ढोने वाले वाहन बिना लाल कपड़ा लगाए सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे वाहनों को तुरंत जब्त किया जाए। उन्होंने दुमका–पाकुड़ मुख्य मार्ग सहित जिले की अन्य क्षतिग्रस्त सड़कों की जल्द मरम्मत कराने का निर्देश दिया, ताकि आम लोगों की जान जोखिम में न पड़े।
उपायुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा: “सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही अस्वीकार्य है। विभागीय अधिकारी समय-सीमा में सुधार कार्य पूरे करें, वरना जवाबदेही तय की जाएगी।”
स्कूल बसों की सुरक्षा पर विशेष जोर
डीसी ने शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले की सभी स्कूल बसों की तकनीकी जांच एक माह के भीतर पूरी की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बसों की खिड़कियों पर मजबूत ग्रिल लगाना अनिवार्य होगा, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, प्रत्येक बस में फर्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर और फिटनेस सर्टिफिकेट उपलब्ध होना चाहिए।
ब्लाइंड टर्न्स और गड्ढों पर होगी विशेष निगरानी
बैठक में ब्लाइंड टर्न्स पर कन्वैक्स मिरर लगाने और गड्ढों की मरम्मत तत्काल कराने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि जहां भी सड़क पर दृश्यता कम है, वहां चेतावनी बोर्ड और परावर्तक साइन बोर्ड लगाए जाएं। उन्होंने ग्रामीण सड़कों की हालत सुधारने और हादसों के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया।
विभागों को दी समय सीमा
डीसी ने सभी विभागों को स्पष्ट समय सीमा निर्धारित करते हुए कहा कि एक महीने के भीतर सभी सड़क-सुरक्षा सुधार कार्य पूरे किए जाएं। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस और जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बिना रिफ्लेक्टर, ओवरलोड या अवैध रूप से चलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई करें।



न्यूज़ देखो: जिम्मेदारी से ही बचेगी जानें
दुमका उपायुक्त का यह कदम सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए अब कड़े कदम जरूरी हैं। अगर निर्देशों का सख्ती से पालन हुआ, तो सड़क हादसों में कमी लाना संभव है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षा ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी
सड़क सुरक्षा केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि हम सभी नियमों का पालन करें, सावधानी बरतें और दूसरों को भी जागरूक करें, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। अब समय है जिम्मेदारी से ड्राइविंग करने और सुरक्षित भारत बनाने का। सजग रहें, सुरक्षित चलें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा कर दूसरों को भी जागरूक करें।




