
#दुमका #प्रशासनिक_निर्णय : उल्लंघन पर प्राथमिकी से लेकर वाहन और उपकरण जब्ती तक की कार्रवाई होगी
- दुमका एसडीओ का कड़ा आदेश शादी में रात 10 बजे के बाद डीजे बजा तो दोनों पक्षों पर प्राथमिकी।
- नियम तोड़ने पर डीजे सेट वाहन जब्त किए जाएंगे जरूरत पड़ने पर विवाह भवन सील किया जाएगा।
- घर में होने वाली शादियों पर भी समान नियम लागू।
- रात 10 बजे से पहले सीमित ध्वनि स्तर में ही संगीत की अनुमति।
- डीजे संचालक बुकिंग से पहले ग्राहक को नियम बताने के लिए बाध्य।
- आदेश हाई कोर्ट निर्देश और जनहित को आधार बनाकर जारी।
दुमका में शादी समारोहों में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण और देर रात होने वाली परेशानियों को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ी सख्ती की घोषणा की है। एसडीओ ने साफ कहा है कि अब रात दस बजे के बाद किसी भी तरह का डीजे नहीं बजेगा और यदि बजता पाया गया तो वर पक्ष और वधू पक्ष दोनों पर प्राथमिकी दर्ज होगी। इसके साथ ही डीजे सेट वाहन और अन्य उपकरण जब्त कर लिए जाएंगे और यदि उल्लंघन बड़ा हुआ तो विवाह भवन को भी सील किया जा सकता है। यह नियम घर में होने वाली शादियों पर भी समान रूप से लागू होगा।
एसडीओ का आदेश क्यों हुआ सख्त
विगत दिनों कई इलाकों से देर रात शादी समारोहों में तेज आवाज के डीजे चलने शिकायतें मिली थीं। इसकी वजह से न सिर्फ स्थानीय लोग परेशान होते थे बल्कि अस्पतालों में भर्ती मरीज बुजुर्ग और बच्चों को भी परेशानी झेलनी पड़ती थी। इसी क्रम में हाई कोर्ट ने भी प्रशासन को कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया था जिसके बाद दुमका एसडीओ ने यह आदेश जारी किया।
रात दस बजे के बाद संगीत पूरी तरह वर्जित
प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि रात 10 बजे के बाद किसी भी परिस्थिति में डीजे नहीं बजेगा। यदि किसी ने सोचा कि गांव या घर में शादी है तो नियम बदल जाएगा तो यह गलत है। आदेश शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर लागू होगा।
साथ ही रात दस बजे से पहले भी केवल नियंत्रित ध्वनि स्तर पर म्यूजिक की अनुमति है ताकि किसी को असुविधा न हो।
डीजे संचालकों पर भी बड़ी जिम्मेदारी
एसडीओ ने निर्देश दिया कि डीजे संचालक बुकिंग लेने से पहले ही ग्राहक को नियम समझाएंगे। यदि संचालक जानबूझकर नियम तोड़ने में सहयोग करते पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि आयोजकों और संचालकों दोनों में जागरूकता बने और कानून का पालन हो सके।
विवाह भवन सील तक की कार्रवाई
एसडीओ ने कहा कि यदि किसी विवाह भवन में बार बार नियम उल्लंघन पाया जाएगा तो उसे सील कर दिया जाएगा। इससे साफ संदेश दिया गया है कि प्रशासन किसी भी हाल में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।
डीजे वाहन और उपकरण जब्त करने की कार्रवाई भी तुरंत की जाएगी ताकि दोबारा उल्लंघन की संभावना कम हो।
न्यूज़ देखो: जनसुविधा के लिए जरूरी प्रशासनिक सख्ती
दुमका का यह निर्णय बताता है कि जनहित और कानून व्यवस्था प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देर रात होने वाला शोर सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि कई लोगों के लिए परेशानी और स्वास्थ्य जोखिम बनता है। एसडीओ का यह कदम विवाह आयोजनों को नियमबद्ध करेगा और समाज में अनुशासन बनाए रखने में मदद करेगा।
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जिम्मेदार आयोजन से ही बनेगी खुशियों की असली तस्वीर
शादी जीवन का सबसे आनंदमय अवसर होता है लेकिन उसकी खुशी किसी और की परेशानी का कारण न बने यह equally आवश्यक है। दुमका प्रशासन का यह कदम हमें याद दिलाता है कि सामुदायिक जीवन में नियम पालन ही वास्तविक सभ्य समाज की पहचान है।
आइए सभी मिलकर इस नियम का सम्मान करें ताकि हर आयोजन सुरक्षित शांतिपूर्ण और आनंदमय हो सके। अपनी राय नीचे कमेंट करें और इस खबर को शेयर कर दूसरों तक भी पहुंचाएं ताकि जागरूकता बढ़े और नियमों का पालन हर जगह सुनिश्चित हो सके।





