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पलामू रेंज में बढ़ते साइबर अपराध पर सख्ती, हर हफ्ते होगी समीक्षा

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#पलामू #साइबर_अपराध : डीआईजी नौशाद आलम ने साइबर मामलों पर जताई गंभीरता — तीनों जिलों के एसपी को दिए कड़े निर्देश, हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आदेश
  • पलामू, गढ़वा और लातेहार में हर हफ्ते साइबर अपराधों की होगी समीक्षा
  • डीआईजी नौशाद आलम ने 15 दिन में समीक्षा और रिपोर्टिंग के निर्देश दिए
  • गढ़वा और लातेहार में साइबर सेल, जबकि पलामू में साइबर थाना किया गया स्थापित
  • सभी एसपी को हेल्पलाइन नंबर जारी करने और जन-जागरूकता अभियान चलाने का आदेश
  • लंबित मामलों में टालमटोल करने वाले पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई

हर सप्ताह की जाएगी साइबर क्राइम की गहन समीक्षा

पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम ने कहा है कि पलामू, गढ़वा और लातेहार में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए हर सप्ताह उनकी समीक्षा की जाएगी। इसके अतिरिक्त, डीआईजी स्वयं प्रत्येक 15 दिन में इन मामलों की गहन समीक्षा करेंगे और सभी एसपी से प्रगति रिपोर्ट मांगेंगे।

तीनों जिलों में बनाए गए विशेष साइबर यूनिट

साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए पलामू में एक पूर्ण साइबर थाना, जबकि गढ़वा और लातेहार में साइबर सेल का गठन किया गया है। पलामू साइबर थाना में वरिष्ठ इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर की तैनाती की गई है ताकि ठगी के मामलों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

डीआईजी नौशाद आलम ने कहा: “लोगों की अज्ञानता और डर के कारण वे अक्सर साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं। लेकिन लोगों को डरने की नहीं, पुलिस को पूरी जानकारी देने की जरूरत है, जिससे तुरंत कार्रवाई की जा सके।”

एसपी को दिए गए विशेष निर्देश

डीआईजी ने तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को कहा है कि वे एक सप्ताह के भीतर सभी लंबित साइबर मामलों की समीक्षा करें। साथ ही, हर जिले में साइबर हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों को इसकी व्यापक जानकारी दें ताकि पीड़ित सीधे मदद मांग सकें।

डीआईजी ने स्पष्ट किया: “अगर किसी पुलिसकर्मी ने मामलों को लेकर टालमटोल किया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हर स्तर पर बढ़ेगी सतर्कता

डीआईजी ने कहा कि साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों और तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं, ऐसे में जन-जागरूकता के साथ प्रशासनिक सजगता भी जरूरी है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि किसी भी साइबर ठगी के तुरंत बाद पुलिस को सूचित करें ताकि कार्रवाई में देरी न हो।

किस तरह की होती है साइबर ठगी?

पलामू साइबर थाना में अब तक दर्ज मामलों में सरकारी योजनाओं के नाम पर पैसे वसूलना, बैंकिंग विवरण पूछकर खाते खाली करना, डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देना जैसे कई तरीके शामिल हैं। डीआईजी ने कहा कि ऐसी ठगी की घटनाओं से निपटने के लिए हर स्तर पर निगरानी और समीक्षा को सशक्त किया जा रहा है।

न्यूज़ देखो: डिजिटल ठगों के खिलाफ नई रणनीति की शुरुआत

पलामू रेंज में साइबर अपराध पर पुलिस की सख्ती एक सकारात्मक कदम है। हेल्पलाइन, समीक्षा और त्वरित कार्रवाई जैसे उपाय अगर ईमानदारी से लागू किए जाएं, तो ठगी की शिकार जनता को राहत मिल सकती है। न्यूज़ देखो का मानना है कि यह पहल सिर्फ समीक्षा तक सीमित न रहे, बल्कि तकनीकी सशक्तिकरण और जनसहभागिता के माध्यम से बदलाव लाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

साइबर ठगी से बचें, जागरूक बनें

डिजिटल युग में सजग नागरिक ही सुरक्षित नागरिक होता है। किसी भी कॉल, लिंक या संदिग्ध गतिविधि से सावधान रहें। अगर कोई ठगी का शिकार हो, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। इस खबर को अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा करें और डिजिटल अपराध से लड़ने के लिए एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क तैयार करें।

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