#रांची #छात्र_राजनीति : लंबे अंतराल के बाद छात्र नेता राणा हिमांशु सिंह की आजसू छात्र संघ में वापसी से संगठन में उत्साह और जोश की नई लहर।
- राणा हिमांशु सिंह ने की आजसू छात्र संघ में औपचारिक घर वापसी की घोषणा।
- कार्यक्रम में जिला प्रभारी राहुल कुमार मिश्रा, तुलसी शुक्ला, और अभिषेक राज रहे उपस्थित।
- संगठन में नई ऊर्जा और एकजुटता का संदेश लेकर लौटी यह वापसी।
- नेताओं ने कहा — यह विचारधारा और संघर्ष की जीत है।
- आने वाले दिनों में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्याओं पर होगा ठोस आंदोलन।
छात्र राजनीति में सक्रिय प्रमुख युवा चेहरा राणा हिमांशु सिंह ने पुनः आजसू छात्र संघ में वापसी कर ली है। उनकी यह वापसी संगठन के लिए नई दिशा और जोश लेकर आई है। इस अवसर पर छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया और इसे आजसू की विचारधारा की जीत बताया।
संगठन में लौटी पुरानी ऊर्जा और एकता की भावना
कार्यक्रम के दौरान छात्र नेता अभिषेक राज ने कहा कि आजसू छात्र संघ ही वह मंच है जिसने हमेशा छात्र हितों के लिए आवाज़ उठाई है। उन्होंने कहा कि “व्यक्तिगत कारणों से कुछ समय दूरी बनी रही, लेकिन विचारधारा और संघर्ष की भावना कभी नहीं टूटी। आज मैं अपने परिवार में वापस लौटा हूं।” उनकी यह बात उपस्थित कार्यकर्ताओं में जोश भरने वाली रही।
अभिषेक राज ने कहा: “आजसू छात्र संघ ही वह मंच है जिसने हमेशा छात्र हितों की आवाज़ बुलंद की है। व्यक्तिगत कारणों से कुछ समय दूरी रही, लेकिन विचारधारा और संघर्ष की भावना कभी नहीं टूटी।”
नेतृत्व ने जताई खुशी, बताया संगठन की जीत
इस मौके पर युवा आजसू के जिला प्रभारी राहुल कुमार मिश्रा ने कहा कि हिमांशु की घर वापसी संगठन के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति की वापसी नहीं बल्कि एक विचारधारा का पुनर्जागरण है। आने वाले दिनों में छात्र संघ विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की समस्याओं को लेकर संगठित रणनीति तैयार करेगा।
राहुल कुमार मिश्रा ने कहा: “हमारे साथी की घर वापसी से संगठन को नई दिशा और मजबूती मिली है। छात्र राजनीति में संघर्ष की राह पर हम सब मिलकर और मजबूती से आगे बढ़ेंगे।”
विचारधारा की जीत का प्रतीक बना यह दिन
आजसू पार्टी के जिला कार्यकारी अध्यक्ष तुलसी शुक्ला ने कहा कि यह घर वापसी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक विचारधारा की जीत है। उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य सदैव छात्रों के अधिकारों की रक्षा और समाज में जागरूकता फैलाना रहा है, और हिमांशु की वापसी इस मिशन को और बल प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि संगठन अपने मूल आदर्शों — संघर्ष, सेवा और समर्पण — को पुनः स्थापित करने के लिए दृढ़ है। इस मौके पर कई कार्यकर्ताओं ने भविष्य में छात्र समस्याओं को लेकर सक्रिय आंदोलन चलाने का संकल्प लिया।
छात्रों के मुद्दों पर केंद्रित रहेगी आने वाली रणनीति
संगठन के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि अब ध्यान पूरी तरह छात्रों की वास्तविक समस्याओं पर केंद्रित किया जाएगा — चाहे वह फीस वृद्धि, छात्रावास की व्यवस्था, रोजगार परामर्श, या कॉलेज प्रबंधन की मनमानी हो।
उन्होंने कहा कि आने वाले सत्र में आजसू छात्र संघ कॉलेज परिसरों में जाकर छात्रों से सीधा संवाद स्थापित करेगा और उनके मुद्दों को सरकार तक पहुंचाएगा।
इस अवसर पर कई पुराने कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे जिन्होंने इस वापसी को “आजसू की नई शुरुआत” बताया।
न्यूज़ देखो: छात्र राजनीति में विचारधारा की पुनः स्थापना
राणा हिमांशु सिंह की घर वापसी ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि छात्र राजनीति केवल पद और प्रतिष्ठा का माध्यम नहीं, बल्कि विचार और संघर्ष की भावना का प्रतीक है। यह घटना युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है कि संगठन से नाता विचारों के आधार पर बनता है, व्यक्ति के स्वार्थ पर नहीं। आने वाले दिनों में आजसू छात्र संघ की गतिविधियों से यह नई ऊर्जा ज़मीनी स्तर पर देखने को मिलेगी।
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युवाओं की एकजुटता से ही होगा परिवर्तन
छात्र राजनीति केवल मंच नहीं, बदलाव का माध्यम है। राणा हिमांशु सिंह की यह वापसी युवाओं को यह संदेश देती है कि अपने समाज और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा। अब समय है कि हर छात्र अपनी भूमिका समझे, सक्रिय बने और जागरूकता फैलाए।
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