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लचरागढ़ से बाघमुंडा के लिए कलकत्ता चिल्ड्रेन एकेडमी के छात्र रवाना होंगे — शैक्षणिक भ्रमण को लेकर तैयारियाँ पूरी

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#कोलेबिरा #शैक्षणिक_भ्रमण : कलकत्ता चिल्ड्रेन एकेडमी के 101 छात्र-शिक्षक शुक्रवार सुबह बाघमुंडा (बसिया) के लिए शैक्षिक भ्रमण सह वन भोज पर रवाना होंगे—विद्यालय ने सुरक्षा और तैयारी की विस्तृत व्यवस्था की।
  • कलकत्ता चिल्ड्रेन एकेडमी, लचरागढ़ के छात्र-छात्राएं 13 दिसंबर, शुक्रवार को शैक्षिक भ्रमण पर जाएंगे।
  • कुल 101 प्रतिभागी, जिनमें शिक्षक-शिक्षिकाएँ भी शामिल, ‘मंत्री’ बस से बाघमुंडा के लिए रवाना होंगे।
  • भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को प्राकृतिक परिवेशमैदान आधारित सीख से जोड़ना।
  • प्रधानाध्यापक शिव शंकर बेरा ने बताया—सभी तैयारियाँ पूरी, सुरक्षा निर्देश जारी।
  • विद्यालय प्रशासन ने छात्रों की सुरक्षा, अनुशासन और समुचित देखरेख के लिए विशेष व्यवस्था की।
  • वन भोज व प्रकृति अवलोकन के माध्यम से बच्चों को अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान की जाएगी।

कलकत्ता चिल्ड्रेन एकेडमी, लचरागढ़ द्वारा आयोजित यह शैक्षिक भ्रमण छात्रों के लिए रोमांचक और सीख से भरपूर होने वाला है। शुक्रवार सुबह प्रस्थान करने वाली टीम में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएँ भी शामिल रहेंगे। विद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस भ्रमण का उद्देश्य बच्चों को पुस्तकीय शिक्षा से आगे प्रकृति के वास्तविक संसार से जोड़ना, पर्यावरणीय समझ विकसित करना तथा सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभवों को समृद्ध करना है। यात्रा से संबंधित समस्त तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

कार्यक्रम का उद्देश्य: अनुभवात्मक शिक्षा और प्रकृति से परिचय

विद्यालय प्रशासन के अनुसार, इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि बच्चों को अनुभवाधारित (experiential learning) के माध्यम से शिक्षित करना है। बाघमुंडा (बसिया) का हरा-भरा प्राकृतिक वातावरण, खुला वन क्षेत्र और शांत माहौल बच्चों को प्रकृति के प्रति सजग और संवेदनशील बनाता है।

प्रधानाध्यापक शिव शंकर बेरा ने कहा:

“इस शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से हम छात्रों को किताबों से बाहर निकलकर वास्तविक परिवेश में सीखने का अवसर देना चाहते हैं। प्रकृति से जुड़ने और सहयोगात्मक सीख की दिशा में यह यात्रा उनके विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”

यात्रा की विस्तृत तैयारी: सुरक्षा सर्वोपरि

विद्यालय द्वारा यात्रा को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए व्यापक तैयारी की गई है।

  • सभी छात्रों के लिए व्यवहार और सुरक्षा संबंधी निर्देश जारी किए गए।
  • प्रत्येक छात्र को शिक्षक-शिक्षिका के जिम्मे समूहवार विभाजित किया गया है।
  • यात्रा के दौरान प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) की व्यवस्था की गई है।
  • बस चालक और सह-चालक को रूट और आवश्यक सुरक्षा मानकों की जानकारी दी गई है।

प्रबंधन के अनुसार, सभी 101 प्रतिभागी ‘मंत्री’ बस के माध्यम से निर्धारित समय पर बाघमुंडा की ओर प्रस्थान करेंगे।

वन भोज और सामूहिक गतिविधियाँ

बाघमुंडा पहुंचने के बाद छात्रों के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शामिल हैं:

  • वन भोज
  • प्रकृति अवलोकन
  • समूह कार्य (टीम बिल्डिंग)
  • सांस्कृतिक व खेलकूद गतिविधियाँ

ये गतिविधियाँ बच्चों को न केवल आनंद प्रदान करेंगी बल्कि उनके नेतृत्व कौशल, सहयोग भावना, तथा सामाजिक व्यवहार को भी सुदृढ़ करेंगी।

अभिभावकों का उत्साह और विद्यालय का विश्वास

विद्यालय द्वारा समय से पहले सभी अभिभावकों को यात्रा योजना, सुरक्षा व्यवस्थाओं और कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी गई। अभिभावकों ने भी इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण को बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।

एक अभिभावक ने कहा:

“इस तरह के भ्रमण बच्चों में आत्मनिर्भरता, अनुशासन और प्रकृति की समझ विकसित करते हैं। हमें विद्यालय की तैयारियों पर पूरा भरोसा है।”

शिक्षकों की भूमिका: निरंतर निगरानी और मार्गदर्शन

भ्रमण में शामिल सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को उनके-अपने दायित्व सौंप दिए गए हैं।

  • छात्रों की उपस्थिति
  • समूह प्रबंधन
  • सुरक्षा देखरेख
  • गतिविधियों का समन्वय

विद्यालय प्रशासन का मानना है कि सम्मिलित टीमवर्क से यह भ्रमण सफल और यादगार बनेगा।

यात्रा की महत्ता: बच्चों के विकास का व्यापक अवसर

ऐसे शैक्षणिक भ्रमण बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • प्रकृति के प्रति जागरूकता
  • समूह में काम करने की क्षमता
  • नेतृत्व और सामंजस्य
  • व्यवहारिक ज्ञान

बच्चों के सीखने का दायरा कक्षा से बाहर बढ़ाकर वास्तविक दुनिया तक ले जाना आधुनिक शिक्षा पद्धति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और कलकत्ता चिल्ड्रेन एकेडमी इस दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।

न्यूज़ देखो: बच्चों के सीखने को नया आयाम देने की पहल

इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट होता है कि विद्यालय प्रबंधन छात्रों की केवल पठन-पाठन तक सीमित शिक्षा के बजाय व्यापक अनुभव आधारित शिक्षा को महत्व दे रहा है। बाघमुंडा जैसे प्राकृतिक स्थल पर विद्यार्थियों को ले जाना पर्यावरणीय जागरूकता और सामाजिक सीख का उत्कृष्ट माध्यम है।
न्यूज़ देखो ऐसे आयोजनों को शिक्षा जगत में सकारात्मक बदलाव का उदाहरण मानता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रकृति से सीखने का अवसर—बच्चों में जिज्ञासा जगाने का समय

शैक्षणिक भ्रमण सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि भविष्य की समझ को मजबूत करने का माध्यम होते हैं। प्रकृति के बीच सीखने का अनुभव बच्चों की जिज्ञासा, रचनात्मकता और संवेदनशीलता को बढ़ाता है। ऐसे कार्यक्रम उन्हें आत्मविश्वासी और व्यवहारिक शिक्षा की ओर अग्रसर करते हैं।

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Birendra Tiwari

सिमडेगा

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