
#बेतला #शैक्षणिक_पर्यटन : जंगल, वन्यजीव और प्रकृति को करीब से जानकर छात्राओं ने बढ़ाया ज्ञान
- पलामू के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पोखरहा की छात्राओं का बेतला नेशनल पार्क भ्रमण।
- भ्रमण के दौरान जंगल, वन्य प्राणी और प्राकृतिक संसाधनों की मिली व्यावहारिक जानकारी।
- पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार शिक्षिका चंदा कुमारी एवं विभा कुमारी के नेतृत्व में भ्रमण।
- बेतला म्यूजियम केंद्र प्रभारी वनपाल नैंसी मधु ने दी वन्यजीवों से जुड़ी विस्तृत जानकारी।
- शैक्षणिक भ्रमण से छात्राओं में प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूकता।
बेतला (लातेहार)। पीटीआर क्षेत्र अंतर्गत स्थित विश्व प्रसिद्ध बेतला नेशनल पार्क इन दिनों केवल देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का ही नहीं, बल्कि पलामू प्रमंडल के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं का भी प्रमुख आकर्षण केंद्र बना हुआ है। इसी क्रम में सोमवार को पलामू जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पोखरहा की छात्राओं ने बेतला नेशनल पार्क सहित आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों का शैक्षणिक भ्रमण किया।
भ्रमण के दौरान छात्राओं को जंगल की जैव विविधता, वन्य प्राणियों की प्रजातियों तथा प्राकृतिक संसाधनों के महत्व के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त हुई। छात्राओं ने प्रकृति को करीब से देखकर न केवल आनंद लिया, बल्कि पुस्तकों में पढ़ी गई जानकारियों को व्यवहारिक रूप में समझने का अवसर भी पाया।
शिक्षा के साथ व्यावहारिक ज्ञान पर जोर
विद्यालय की पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार शिक्षिका चंदा कुमारी और विभा कुमारी ने बताया कि इस वर्ष विद्यालय द्वारा छात्राओं को विभिन्न प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्राओं को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखते हुए सामान्य ज्ञान, पर्यावरणीय समझ और व्यवहारिक अनुभव प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रमण से छात्राओं के व्यक्तित्व विकास में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बेतला म्यूजियम में मिली वन्यजीवों की जानकारी
भ्रमण के दौरान छात्राओं ने बेतला म्यूजियम का भी अवलोकन किया। म्यूजियम केंद्र प्रभारी वनपाल नैंसी मधु ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए म्यूजियम में संरक्षित विभिन्न वन्य प्राणियों के अवशेषों और चित्रों के माध्यम से उनकी प्रजातियों, जीवन शैली और संरक्षण के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि म्यूजियम के माध्यम से आम लोगों और विद्यार्थियों को वन्य जीवों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
छात्राओं ने म्यूजियम में रखे दुर्लभ वन्य प्राणियों के अवशेष और चित्र देखकर गहरी रुचि दिखाई और कई सवाल भी पूछे, जिनका सरल भाषा में उत्तर दिया गया।
न्यूज़ देखो: प्रकृति से जुड़ती नई पीढ़ी
शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से छात्राओं को प्रकृति, जंगल और वन्यजीवों से जोड़ना भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम है। ऐसे प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की भावना बचपन से ही मजबूत होती है।
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सीख, अनुभव और संरक्षण की प्रेरणा
इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण छात्राओं को सीखने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देते हैं। यदि आपके क्षेत्र में भी ऐसे प्रयास हो रहे हैं, तो अपनी राय साझा करें और इस खबर को आगे बढ़ाएं।





