
#गुमला #शिक्षा_उन्नयन : झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार जारी में टीचर्स के लिए TNA आकलन परीक्षा का आयोजन, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में कदम
- रा. उत्क्रांत उच्च विद्यालय, जारी में TNA (टीचर नीड एसेसमेंट) आकलन परीक्षा आयोजित।
- परीक्षा दो शिफ्ट में ऑनलाइन आयोजित की गई, जिसमें कुल 60 बहुविकल्पीय प्रश्न शामिल थे।
- परीक्षा कुल 120 अंकों की थी, प्रत्येक प्रश्न 2 अंकों का।
- मौके पर उपस्थित बीपीएम सरफराज अंसारी ने परीक्षा के महत्व और शिक्षकों के कौशल सुधार पर प्रकाश डाला।
- परीक्षा संचालन में निर्भय कुमार, रीना कुमारी, सेवन्ती कुमारी, दिनेश नंद, माताशरण कुजूर, मुकेश कुमार, अंजली कुजूर, बिनीत कुजूर और संजीव पंकज कुजूर का योगदान सराहनीय रहा।
गुमला जिले के जारी प्रखंड में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार टीचर्स के कौशल और विषय ज्ञान को बढ़ाने के लिए TNA आकलन परीक्षा आयोजित की गई। यह परीक्षा दो शिफ्ट में ऑनलाइन संपन्न हुई और शिक्षकों की विषय ज्ञान, पाठ योजना, मूल्यांकन प्रक्रिया और व्यक्तित्व दक्षताओं का परीक्षण किया गया। परीक्षा में कुल 60 बहुविकल्पीय प्रश्न थे, प्रत्येक प्रश्न 2 अंकों का था, जिससे कुल 120 अंकों की परीक्षा ली गई।
परीक्षा का उद्देश्य और महत्व
बीपीएम सरफराज अंसारी ने बताया कि TNA परीक्षा का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के शिक्षण कौशल और विषय दक्षता में सुधार लाना है। इसके माध्यम से न केवल शिक्षक अपनी तैयारी और क्षमता का आकलन कर पाएंगे, बल्कि छात्रों के सीखने के अनुभव में भी सुधार होगा।
बीपीएम सरफराज अंसारी ने कहा: “TNA परीक्षा शिक्षकों के पेशेवर विकास और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे शिक्षक अपने पाठ्यक्रम को बेहतर ढंग से तैयार और संचालित कर सकेंगे।”
सफल संचालन और टीम का योगदान
परीक्षा के सफल संचालन में निर्भय कुमार, रीना कुमारी, सेवन्ती कुमारी, दिनेश नंद, माताशरण कुजूर, मुकेश कुमार, अंजली कुमारी, बिनीत कुजूर और संजीव पंकज कुजूर ने सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी मदद से परीक्षा सुचारू और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुई।
न्यूज़ देखो: शिक्षा की गुणवत्ता सुधार में टीचर्स प्रशिक्षण का महत्व
यह परीक्षा यह दर्शाती है कि शिक्षकों की पेशेवर क्षमता में निवेश और आकलन से छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में सुधार संभव है। शिक्षा परियोजनाओं के माध्यम से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों लाभान्वित होते हैं और समग्र शिक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
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