
#गढ़वा #शिक्षणप्रशिक्षण : शिक्षकों के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल शुभारंभ और समापन
- राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कजराठ में शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय ICT प्रशिक्षण आयोजित।
- प्रशिक्षण का संचालन आईसीटी प्रशिक्षक संजीव कुमार विश्वकर्मा द्वारा किया गया।
- प्रशिक्षण का उद्देश्य आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास का प्रभावी उपयोग और डिजिटल शिक्षण विधियों में दक्षता बढ़ाना।
- चार विद्यालयों के शिक्षक शामिल: कजराठ, करकोमा, गेरूआ और गेरुआडीह।
- राकेश कुमार तिवारी, द्वारिका प्रसाद, उदय कांत सहित कई समर्पित शिक्षक सक्रिय भागीदारी निभाई।
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कजराठ में शिक्षकों के लिए आयोजित पांच दिवसीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को शुभारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण विधियों में दक्ष बनाना और उन्हें आधुनिक तकनीक से लैस करना था। कार्यक्रम की शुरुआत में उपस्थित शिक्षकों का स्वागत किया गया, जिससे पूरे प्रशिक्षण में सकारात्मक और उत्साहपूर्ण माहौल बना।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और क्रियान्वयन
इस प्रशिक्षण का संचालन राजकीय मध्य विद्यालय करकोमा के आईसीटी इंस्ट्रक्टर संजीव कुमार विश्वकर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि यह पहल राज्य योजनान्तर्गत ज्ञानोदय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य विद्यालयों में आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास की स्थापना और उनके प्रभावी संचालन को सुनिश्चित करना है। शिक्षकों को विशेष रूप से इन उपकरणों का सही उपयोग करना, डिजिटल संसाधनों को शिक्षण प्रक्रिया में शामिल करना और छात्रों को 21वीं सदी के कौशल से लैस करना सिखाया गया।
प्रशिक्षण का स्वरूप और सहभागिता
प्रशिक्षण कार्यक्रम दो चरणों में गैर-आवासीय रूप से आयोजित किया गया, जिससे शिक्षकों को सीखने और अभ्यास करने के पर्याप्त समय मिला। यह प्रशिक्षण चार विद्यालयों के शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया:
- राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कजराठ
- राजकीय मध्य विद्यालय, करकोमा
- राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, गेरूआ
- राजकीय मध्य विद्यालय, गेरुआडीह
इस प्रशिक्षण में कई उत्साही और समर्पित शिक्षकों ने भाग लिया, जिनमें राकेश कुमार तिवारी, द्वारिका प्रसाद, उदय कांत, बरुण कुमार, मिथिलेश तिवारी, अजय कुमार, अवधेश सिंह, वसीम राजा, पवन कुमार, प्रदीप राम शामिल थे। इन शिक्षकों ने न केवल प्रशिक्षण में भाग लिया, बल्कि अपनी जिज्ञासा और सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम को और अधिक फलदायी बनाया।
अपेक्षित परिणाम और प्रभाव
प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद यह उम्मीद की जाती है कि सभी प्रशिक्षित शिक्षक अब अपने-अपने विद्यालयों में आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास का अधिकतम उपयोग करेंगे। इससे शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को डिजिटल युग के अनुसार सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
न्यूज़ देखो: गढ़वा में डिजिटल शिक्षण को सशक्त बनाने की पहल
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दर्शाता है कि आधुनिक तकनीक का सही उपयोग शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए लाभकारी है। इससे शिक्षा प्रणाली में निखार आएगा और शिक्षक डिजिटल शिक्षण विधियों में दक्ष बनेंगे। प्रशासनिक स्तर पर इस तरह की पहल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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डिजिटल युग में शिक्षकों की सशक्तीकरण की दिशा में कदम
शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने का मार्ग है। यह समय है कि प्रशिक्षित शिक्षक अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करते हुए छात्रों को बेहतर शिक्षा दें। अपनी राय कमेंट करें, इस पहल को साझा करें और शिक्षा में सुधार के इस प्रयास को सभी तक पहुँचाने में मदद करें।