Bihar

रोहतास रोपवे का सफल ट्रायल शुरू, कैमूर पहाड़ी तक पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान

#रोहतास #पर्यटन_विकास : कैमूर पहाड़ी तक रोपवे ट्रायल सफल—पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बड़ी सुविधा।

बिहार के रोहतास जिले में पर्यटन विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। रोहतास रोपवे का आज सफल ट्रायल किया गया, जिसके तहत दो केबिन कैमूर पहाड़ी के शीर्ष तक भेजे गए। इस परियोजना से रोहतासगढ़ किला और चौरसन शिव मंदिर तक पहुंच आसान होगी। रोपवे के शुरू होने से क्षेत्रीय पर्यटन को नई पहचान मिलने की उम्मीद है।

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  • रोहतास रोपवे का सफल ट्रायल शुरू।
  • ट्रायल के दौरान दो केबिन कैमूर पहाड़ी के शिखर तक पहुंचे।
  • भविष्य में कुल 12 केबिन लगाए जाने की योजना।
  • रोहतासगढ़ किला और चौरसन शिव मंदिर तक आसान पहुंच।
  • जिले में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद।

बिहार के रोहतास जिले में लंबे समय से जिस पर्यटन परियोजना का इंतजार किया जा रहा था, वह अब साकार होती दिख रही है। कैमूर पहाड़ी की ऊंचाइयों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए तैयार किए गए रोहतास रोपवे का आज सफल ट्रायल किया गया। इस ट्रायल के साथ ही न सिर्फ पर्यटकों में उत्साह देखा गया, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और विकास की नई संभावनाएं नजर आने लगी हैं।

कैमूर पहाड़ी तक पहली सफल उड़ान

आज किए गए ट्रायल के दौरान रोपवे के दो केबिन को सफलतापूर्वक दूसरे छोर पर स्थित कैमूर पहाड़ी के शीर्ष तक भेजा गया। तकनीकी टीम की निगरानी में पूरा ट्रायल संपन्न हुआ, जिसमें सुरक्षा मानकों और संचालन प्रक्रिया की गहन जांच की गई। अधिकारियों के अनुसार, ट्रायल पूरी तरह सफल रहा और सभी तकनीकी पहलुओं ने अपेक्षा के अनुरूप काम किया।

12 केबिन से होगी सुगम यात्रा

परियोजना के तहत आने वाले समय में रोपवे पर कुल 12 केबिन लगाए जाएंगे। प्रत्येक केबिन में सीमित संख्या में यात्री सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकेंगे। इससे पहाड़ी रास्तों पर पैदल या कठिन चढ़ाई से होने वाली परेशानी से मुक्ति मिलेगी, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के लिए यह सुविधा अत्यंत लाभकारी साबित होगी।

रोहतासगढ़ किला और चौरसन शिव मंदिर तक आसान पहुंच

रोहतास रोपवे के शुरू होने से रोहतासगढ़ किला और चौरसन शिव मंदिर तक पहुंचना पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल हो जाएगा। अब तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इन ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए कठिन पहाड़ी रास्तों का सामना करना पड़ता था। रोपवे के माध्यम से यह यात्रा न सिर्फ समय की बचत करेगी, बल्कि सुरक्षित और रोमांचक भी होगी।

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

रोहतास जिला ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध है, लेकिन सीमित सुविधाओं के कारण पर्यटन की संभावनाएं पूरी तरह साकार नहीं हो पाई थीं। रोपवे परियोजना के पूरा होने से कैमूर की हरी-भरी वादियों, पहाड़ियों और ऐतिहासिक धरोहरों का आनंद पर्यटक आसानी से ले सकेंगे। इससे जिले को राज्य और राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर मजबूत पहचान मिलने की उम्मीद है।

स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा

रोपवे परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। केबिन संचालन, रखरखाव, सुरक्षा, गाइड सेवा, परिवहन और स्थानीय व्यापार को इससे सीधा लाभ मिलने की संभावना है। होटल, ढाबा, हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

सुरक्षा और तकनीकी मानकों पर विशेष ध्यान

अधिकारियों के अनुसार, रोपवे के संचालन में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। ट्रायल के दौरान ब्रेक सिस्टम, केबिन संतुलन, आपातकालीन व्यवस्था और मौसम के प्रभावों का परीक्षण किया गया। आगे के चरणों में भी कई ट्रायल रन किए जाएंगे, ताकि आम यात्रियों के लिए इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाया जा सके।

परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने कहा: “रोहतास रोपवे न केवल पर्यटन सुविधा है, बल्कि यह जिले के समग्र विकास का माध्यम बनेगा। सभी सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के बाद ही इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा।”

पर्यटकों में उत्साह

रोपवे ट्रायल की खबर मिलते ही स्थानीय युवाओं और पर्यटन से जुड़े लोगों में उत्साह देखने को मिला। सोशल मीडिया पर भी लोग कैमूर पहाड़ी से जुड़ी तस्वीरें और उम्मीदें साझा करते नजर आए। कई लोगों का मानना है कि यह परियोजना रोहतास को बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल करने में मददगार साबित होगी।

आगे की राह

अब सफल ट्रायल के बाद रोपवे के पूर्ण संचालन की दिशा में तेजी से काम किए जाने की संभावना है। जैसे-जैसे सभी केबिन लगाए जाएंगे और अंतिम सुरक्षा प्रमाणन मिलेगा, वैसे-वैसे इसे आम पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।

न्यूज़ देखो: रोहतास के लिए विकास का संकेत

रोहतास रोपवे का सफल ट्रायल यह दर्शाता है कि बुनियादी ढांचे और पर्यटन विकास पर गंभीरता से काम हो रहा है। अब चुनौती यह है कि परियोजना को समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से जनता के लिए शुरू किया जाए। यदि ऐसा होता है, तो यह रोहतास जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पर्यटन से समृद्धि की ओर

पर्यटन केवल घूमने का साधन नहीं, बल्कि स्थानीय विकास का आधार भी है।
क्या आप रोहतास रोपवे से कैमूर की वादियों का आनंद लेना चाहेंगे?
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