
#पलामू #सियासी_बयान — सिंदूर योजना पर फूटा कांग्रेस नेता का गुस्सा, बोले: “पहले पत्नी को भेजिए सिंदूर, देश की महिलाएं सुरक्षा चाहती हैं”
- सुधीर चंद्रवंशी ने पीएम मोदी की सिंदूर योजना को बताया ‘महिलाओं का अपमान’
- पहलगाम की घटना पर उठाए सवाल: 56 इंच का सीना कहां गया?
- ‘पत्नी को सिंदूर नहीं दे पाए, देश को दे रहे हैं’—कांग्रेस नेता का कटाक्ष
- ‘महिलाओं को किताब, शिक्षा, रोजगार दो, सिंदूर नहीं’—सुधीर चंद्रवंशी
- जीएसटी, दूध के दाम और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी उठाए सवाल
- ‘सत्ता के लालच में महिलाओं के सम्मान को भुला बैठे हैं पीएम’
सिंदूर योजना पर कांग्रेस नेता की नाराजगी
पलामू में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विश्रामपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने सिंदूर योजना पर तीखा हमला करते हुए कहा:
सुधीर चंद्रवंशी ने कहा: “जिसकी रगों में खून की जगह सिंदूर बहता है, वह पहलगाम में बहनों का सिंदूर मिटाने वालों को अब तक क्यों नहीं मिटा पाया? 56 इंच के सीने का दिखावा सिर्फ हवा-हवाई साबित हो रहा है।”
पत्नी को भेजिए सिंदूर, देश की महिलाएं आत्मसम्मान चाहती हैं
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री की सिंदूर योजना पर सवाल उठाते हुए कहा:
सुधीर चंद्रवंशी ने कहा: “देश की सुहागन महिलाएं अपने पति द्वारा दिया गया सिंदूर ही सिर पर सजाती हैं। मोदी जी को देश की महिलाओं को सिंदूर बांटने की बजाय अपनी पत्नी को सिंदूर लगाना चाहिए।“
उन्होंने कहा कि सत्ता की भूख में प्रधानमंत्री लोकलाज और भारतीय परंपराओं को भूल बैठे हैं। उनका सुझाव था कि:
सुधीर चंद्रवंशी ने कहा: “मोदी जी मां तुल्य जशोदा बेन को सिंदूर लगाकर देश को एक सशक्त संदेश दें। सिर्फ सिंदूर बांटने से महिलाओं का सम्मान नहीं बढ़ता, जब तक सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी न हों।”
रोजगार और शिक्षा से होगा सशक्तिकरण
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की महिलाएं दिखावे की नौटंकी नहीं चाहतीं, उन्हें वास्तविक सशक्तिकरण चाहिए।
सुधीर चंद्रवंशी ने कहा:
“अगर मोदी जी सचमुच महिलाओं की भलाई चाहते हैं, तो किताब, सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार के अवसर भेजें। सिंदूर ही भेजना है तो पहले अपनी पत्नी को भेजें।“
उन्होंने सरकार से बच्चों के दूध की कीमतें कम करने, शिक्षा पर लगे जीएसटी को हटाने और स्वास्थ्य सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की मांग की।
सुधीर चंद्रवंशी ने दो टूक कहा: “महिलाओं को आपके भेजे हुए सिंदूर से ज्यादा सुरक्षा और आत्मसम्मान की जरूरत है। रोजगार से आत्मनिर्भरता मिलेगी, सिंदूर से नहीं।“
पहलगाम कांड के बाद बढ़ी बहस
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कश्मीर के पहलगाम में महिलाओं पर हुए हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है और इसी बीच मोदी सरकार की सिंदूर योजना ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्ष इसे भावनात्मक राजनीति और महिलाओं के वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बता रहा है।
न्यूज़ देखो: सियासत के शोर में असली सवालों की तलाश
सुधीर चंद्रवंशी का बयान उस सियासी माहौल में आया है जहां भावनात्मक नारों और प्रतीकों के जरिए जनमत को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है। न्यूज़ देखो का मानना है कि महिलाओं के सम्मान की बातें तभी सार्थक होंगी जब सरकारें शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसे ठोस मुद्दों पर जवाबदेह बनेंगी। सिर्फ सिंदूर नहीं, सम्मानजनक जीवन चाहिए।
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जन-जागरूकता की जरूरत
देश की राजनीति में भावनाओं की आड़ में असली मुद्दे कहीं खो न जाएं, यह सुनिश्चित करना हम सबका दायित्व है। सशक्त लोकतंत्र की पहचान है कि जनता सवाल पूछे और जवाब मांगे।
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