
#सिमडेगा #मानवताकीअपील : कुरडेग प्रखंड के परकला गांव में गरीब विधवा महिला का घर दूसरी बार बारिश में हुआ ध्वस्त
- परकला गांव की विधवा सुमिता तिर्की का घर भारी बारिश से क्षतिग्रस्त होकर गिर गया।
- गरीब परिवार ने लकड़ी के सहारे घर को खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन फिर से बारिश में वह ढह गया।
- दो बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर सुमिता ने प्रशासन से आवास की गुहार लगाई है।
- सरकारी आवास योजना के तहत उन्हें राहत और नया घर मिलना चाहिए।
- ग्रामीणों ने भी प्रशासन से त्वरित सहायता की मांग की है।
सिमडेगा जिले के कुरडेग प्रखंड के खिंडा पंचायत अंतर्गत परकला गांव में रहने वाली सुमिता तिर्की (उम्र 48 वर्ष) के सामने आज भीषण संकट खड़ा हो गया है। पिछले दिनों लगातार हुई भारी बारिश में उनका घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर गिर गया। पहले भी एक बार बारिश के कारण दीवारें कमजोर हो चुकी थीं, जिसे उन्होंने लकड़ी के खंभों के सहारे खड़ा किया था। मगर फिर से हुई तेज बारिश ने सबकुछ ढहा दिया। अब सुमिता तिर्की के पास न रहने को छत बची है, न कोई दूसरा सहारा।
खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर
सुमिता तिर्की के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। उनके पति स्वर्गीय सुशील तिर्की के निधन के बाद परिवार का पूरा भार उन्हीं के कंधों पर आ गया। उनके दो बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी—दोनों की उम्र लगभग 18 से 19 वर्ष है। बरसात के दिनों में जब हर कोई अपने घर में सुरक्षित होता है, तब यह परिवार टूटी दीवारों और टपकती छतों के बीच किसी तरह दिन काट रहा है।
सुमिता तिर्की ने कहा: “हम बहुत गरीब हैं। घर पूरी तरह गिर गया है। बच्चों के साथ बाहर रहना पड़ रहा है। प्रशासन से बस एक छत की उम्मीद है ताकि हम सुरक्षित रह सकें।”
जरूरतमंदों के लिए सरकारी योजनाएं बनीं हैं, पर पहुंच नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि सुमिता तिर्की जैसे कई गरीब परिवार अब भी प्रधानमंत्री आवास योजना या राज्य आवास योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं। जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि जिन परिवारों के घर प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट हुए हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराया जाए।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन से आग्रह किया है कि सुमिता तिर्की के परिवार को जल्द से जल्द नया आवास मुहैया कराया जाए ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
प्रशासन से उम्मीद
गांव के लोगों ने बताया कि प्रखंड प्रशासन को स्थिति की जानकारी दी जा चुकी है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि प्रशासन कितनी जल्दी मदद के लिए आगे आता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस कठिन समय में प्रशासन को मानवता के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए।
न्यूज़ देखो: हर गरीब को मिले अपना आशियाना
ऐसे मामलों से साफ है कि ज़मीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में अभी भी सुधार की जरूरत है। एक विधवा महिला का घर दूसरी बार बारिश में ढह जाना, यह केवल प्रशासन की नहीं बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी का प्रश्न है। जरूरत है कि हर सुमिता तिर्की को उनका अधिकार – एक सुरक्षित छत – मिले।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अब वक्त है मदद का हाथ बढ़ाने का
सुमिता जैसी परिवारों के लिए हमारी छोटी सी संवेदना बड़ा सहारा बन सकती है। प्रशासन और समाज दोनों को आगे आकर ऐसे जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि सुमिता तिर्की तक मदद जल्द पहुंच सके।




