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लातेहार मंडल कारा का औचक निरीक्षण, बंदियों की सुविधाओं और अधिकारों को लेकर सख्त हुए पीडीजे

#लातेहार #जेल_निरीक्षण बंदियों को न्याय, शिक्षा और स्वच्छता की दिशा में मिला न्यायिक भरोसा

  • प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने किया मंडल कारा का निरीक्षण
  • जेल में कुल 420 बंदी, जिनमें 414 विचाराधीन और 6 दोषसिद्ध पाए गए
  • 17 महिला बंदी, पीडीजे ने स्वास्थ्य, भोजन, अधिवक्ता व्यवस्था की ली जानकारी
  • बंदियों के लिए क्लास, रोजगार प्रशिक्षण और योग शिविर चलाने के निर्देश
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और स्कैनर प्रयोग को लेकर दिए सख्त निर्देश
  • जेल प्रशासन को सभी सुविधाएं जेल मैनुअल के अनुसार उपलब्ध कराने का निर्देश

बैरक दर बैरक निरीक्षण, स्वास्थ्य से लेकर मुकदमे तक की ली जानकारी

लातेहार के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पीडीजे) सह डालसा अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को लातेहार मंडल कारा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जेल में मौजूद 420 बंदियों की स्थिति का गहन आकलन किया। इनमें 414 विचाराधीन बंदी और 6 दोषसिद्ध बंदी शामिल थे।

उन्होंने हर बैरक में पहुंचकर बंदियों से व्यक्तिगत बातचीत की और उनके स्वास्थ्य, चिकित्सा, भोजन, नाश्ता, पीने के पानी और मुकदमे की पैरवी की स्थिति की जानकारी ली।

“हमारी प्राथमिकता है कि हर बंदी को न केवल न्याय मिले, बल्कि उसके मौलिक अधिकारों की रक्षा भी हो।”
मनोज कुमार सिंह

स्वच्छता और कल्याण की दिशा में दिए अहम निर्देश

पीडीजे ने जेल परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए शौचालयों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि जेल में कल्याणकारी, शिक्षापरक और रोजगारपरक शिविरों का आयोजन नियमित किया जाए, ताकि बंदियों को कारगर पुनर्वास का अवसर मिल सके।

“जेल सिर्फ दंडस्थल नहीं, सुधारस्थल भी है। पढ़ाई करने वाले बंदियों को हम शिक्षा से जोड़ेंगे।”
मनोज कुमार सिंह

तकनीक और डेटा व्यवस्था पर भी खास जोर

पीडीजे ने स्कैनर का सही उपयोग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बंदियों को न्यायालय में पेश करने की व्यवस्था को प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही पैरा लीगल वॉलेंटियर्स के जरिए सभी बंदियों का डेटा कम्प्यूटर में फीड और अपडेट रखने को कहा गया।

उन्होंने जेल प्रशासन को जेल मैनुअल के अनुरूप बंदियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया और कहा कि किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निरीक्षण में उपस्थित रहे विधिक सेवा प्राधिकरण व न्यायिक अधिकारी

इस निरीक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) के सचिव शिवम् चौरसिया और प्रभारी न्यायाधीश उत्कर्ष जैन भी मौजूद रहे। निरीक्षण की पूरी प्रक्रिया सहयोग और जवाबदेही के साथ संपन्न हुई, जिससे यह संदेश गया कि बंदियों के अधिकार और गरिमा सर्वोपरि है।

न्यूज़ देखो : सुधारगृह नहीं, पुनर्निर्माण का केंद्र है आज की जेल

न्यूज़ देखो लाता है आपके लिए जेल सुधारों, बंदियों के अधिकार और न्यायिक प्रक्रियाओं से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर। लातेहार जेल निरीक्षण का यह उदाहरण बताता है कि कैसे न्यायिक व्यवस्था समाज के हर वर्ग के लिए समान रूप से सजग है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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