#दुमका #संदेहास्पदमौत : हंसडीहा थाना क्षेत्र में 65 वर्षीय सोनामुनी हेंब्रम की गिरकर मौत, पुलिस जांच के बावजूद परिजनों ने पोस्टमार्टम से किया इनकार
- हंसडीहा थाना क्षेत्र के छोटी रनबहियार गांव में 65 वर्षीय सोनामुनी हेंब्रम की मौत।
- महिला की मौत गिरकर चोट लगने से होने की बात परिजनों ने कही।
- एसडीपीओ अमित कच्छप, सर्कल इंस्पेक्टर विशुन देव पासवान और थाना प्रभारी ताराचंद मौके पर पहुंचे।
- पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही, लेकिन परिजनों ने लिखित रूप से इनकार किया।
- ग्रामीणों की सूचना पर परिजन शव को घर ले गए और अंतिम संस्कार की तैयारी की।
छोटी रनबहियार गांव में मंगलवार की देर शाम उस समय अफरा-तफरी का माहौल हो गया जब गांव की एक वृद्ध महिला सोनामुनी हेंब्रम की अचानक गिरकर मौत हो गई। घटना की जानकारी ग्रामीणों ने परिजनों को दी, जिसके बाद मृतका को घर लाया गया। पुलिस को खबर मिलने पर हंसडीहा थाना दल-बल के साथ मौके पर पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी ली। अधिकारियों ने शव का पोस्टमार्टम कराने की बात रखी, लेकिन परिजनों ने स्पष्ट कहा कि यह साधारण दुर्घटना है और वे पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते। इस पर उन्होंने थाना में लिखित आवेदन भी दिया।
पुलिस की तत्परता और जांच की शुरुआत
घटना की खबर मिलते ही एसडीपीओ अमित कच्छप, सर्कल इंस्पेक्टर विशुन देव पासवान और थाना प्रभारी ताराचंद अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने मृतका के घर जाकर परिवारजनों से बात की और पूरी घटना की जानकारी ली।
थाना प्रभारी ताराचंद ने कहा: “मृतका के परिजनों ने बताया कि वह सड़क किनारे गिरी हुई मिली थी। ग्रामीणों ने सूचना दी, जिसके बाद वे शव को घर ले आए। परिवार ने लिखित रूप से पोस्टमार्टम से इनकार किया है।”
परिजनों का रुख स्पष्ट
परिवार का कहना है कि महिला की मौत गिरने से लगी चोट की वजह से हुई है। उनका कहना था कि किसी तरह की साजिश या हिंसा की संभावना नहीं है, इसलिए वे पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूरी नहीं करना चाहते। उन्होंने पुलिस को भी साफ कर दिया कि वे शव का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
गांव में हुई इस घटना से लोग दुखी हैं। ग्रामीणों का मानना है कि सोनामुनी हेंब्रम शांत स्वभाव की महिला थीं और उनकी मृत्यु गांव के लिए पीड़ा का कारण बनी है। हालांकि, पोस्टमार्टम नहीं कराने के निर्णय को लेकर कई ग्रामीणों में असमंजस भी देखने को मिला।
प्रशासनिक प्रक्रिया
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था बनाए रखना उनका दायित्व है। लिहाजा, परिजनों के लिखित इनकार को रिकार्ड में दर्ज कर लिया गया है। अब महिला का अंतिम संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार किया जाएगा।
न्यूज़ देखो: मौत की जांच पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हर दुर्घटना की जांच पोस्टमार्टम के बिना पूरी हो सकती है। पुलिस ने अपना काम किया और परिजनों की भावनाओं का सम्मान भी किया, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी भी संदिग्ध घटना को नजरअंदाज न किया जाए।
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संवेदनशीलता और सतर्कता ज़रूरी
गांव-समाज में इस तरह की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि सजगता और प्रशासनिक प्रक्रिया दोनों ही जरूरी हैं। अब समय है कि हम सभी अपने आस-पड़ोस में होने वाली घटनाओं को गंभीरता से लें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और व्यवस्था और मजबूत हो।