
#गढ़वा #खेल : राज्य को 18 राष्ट्रीय खिलाड़ी देने वाले गढ़वा के टेबल टेनिस खिलाड़ियों को मिला सम्मान
- गढ़वा जिला टेबल टेनिस चैंपियनशिप का पुरस्कार वितरण वन विभाग के सामुदायिक भवन में आयोजित।
- मुख्य अतिथि डीएसपी यशोद्रा ने कहा, खेल गढ़वा का सम्मान बढ़ा रहे हैं।
- 18 राष्ट्रीय खिलाड़ी गढ़वा ने राज्य को दिए, बेहतर सुविधाओं का आश्वासन।
- संघ पदाधिकारियों ने खिलाड़ियों को खेल भावना और फिटनेस अपनाने की दी सीख।
- आगामी 21 अगस्त को हजारीबाग प्रतियोगिता में गढ़वा के खिलाड़ी होंगे शामिल।
गढ़वा जिले में आयोजित टेबल टेनिस चैंपियनशिप का पुरस्कार वितरण समारोह वन विभाग के सामुदायिक भवन में उत्साह और जोश के माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि डीएसपी यशोद्रा ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि गढ़वा में नियमित रूप से टेबल टेनिस का आयोजन होना बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने गर्व व्यक्त किया कि गढ़वा अब तक राज्य को 18 राष्ट्रीय खिलाड़ी दे चुका है, जो न केवल जिले बल्कि पूरे राज्य का मान बढ़ा रहे हैं।
खेल से मिलता है आत्मविश्वास
डीएसपी यशोद्रा ने अपने संबोधन में बताया कि वे स्वयं बैडमिंटन खिलाड़ी रही हैं और नियमित खेलना पसंद करती हैं। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी अपनाएं। उनके अनुसार खेल एकाग्रता और फोकस बढ़ाते हैं, जिससे पढ़ाई और कार्यक्षेत्र दोनों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है।
खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाओं का वादा
डीएफओ एबीन बेनी अब्राहम ने कहा कि गढ़वा के खिलाड़ी लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि खिलाड़ियों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन कर सकें।
खेल भावना का महत्व
संघ के संरक्षक अलख नाथ पांडे ने कहा कि खेल में हार-जीत लगी रहती है।
अलख नाथ पांडे: “जीतने वालों को अति-उत्साहित होने की जरूरत नहीं और हारने वालों को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। जीत-हार से सीख लेकर आगे बढ़ना ही वास्तविक खेल भावना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब खेल भी उतने ही मजबूत होंगे।
समाज को जोड़ने का माध्यम
संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद केशरी ने कहा कि खेलों के आयोजन से जहां खिलाड़ियों का शारीरिक विकास होता है, वहीं समाज में आपसी प्रेम और भाईचारा भी बढ़ता है। खेल समाज को संगठित करने का एक सशक्त माध्यम है। वहीं उपाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह ने वन विभाग के नर्सरी उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता भविष्य के खिलाड़ियों को तैयार करने का कार्य कर रही है।
फिटनेस पर जोर
नंदकुमार गुप्ता ने खिलाड़ियों को संदेश दिया कि हार-जीत को स्वीकार करें और फिटनेस पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि फिटनेस से न केवल बेहतर खिलाड़ी बना जा सकता है बल्कि जीवन भी स्वस्थ और खुशहाल बनता है।
आगे की तैयारी
संघ के सचिव आनंद सिन्हा ने बताया कि प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी आगामी 21 अगस्त को हजारीबाग में होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। उन्होंने इच्छुक छात्र-छात्राओं से वन विभाग के सामुदायिक भवन में अभ्यास शिविर में शामिल होकर टेबल टेनिस सीखने की अपील की।

न्यूज़ देखो: खेल से संवरता समाज और भविष्य
गढ़वा की यह उपलब्धि दिखाती है कि छोटे शहरों में भी प्रतिभा किसी से कम नहीं। यदि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं और सही मंच मिले तो वे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकते हैं। खेल न केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि सामाजिक एकता और राष्ट्रीय गौरव का भी आधार हैं।
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खेलों को जीवन का हिस्सा बनाएं
खेल केवल मैदान तक सीमित नहीं रहते, वे जीवन जीने की कला सिखाते हैं। अब समय है कि हम सब खेलों को शिक्षा और समाज के साथ जोड़ें और नई पीढ़ी को स्वस्थ, अनुशासित और आत्मविश्वासी बनाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और खबर को शेयर करें ताकि खेलों को लेकर और जागरूकता फैले।