
#रांची #शिक्षा_प्रतियोगिता : जेसीईआरटी में आयोजित राज्य स्तरीय समृद्धि प्रतियोगिता में 48 जिलों के शिक्षक और विद्यार्थी हुए शामिल
- झारखंड शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) में आयोजित हुआ “स्टेट लेवल समृद्धि प्रतियोगिता 2025”।
- राज्य के सभी जिलों से 48 शिक्षक और विद्यार्थी हुए शामिल।
- प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य कला-आधारित शिक्षण पद्धतियों को प्रोत्साहित करना।
- कार्यक्रम में श्री सच्चिदानंद डी. तिग्गा, प्रशासनिक पदाधिकारी, झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (JEPC) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
- प्रतियोगिता का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप नवाचारपूर्ण शिक्षण को बढ़ावा देना रहा।
रांची स्थित झारखंड काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (JCERT) के सभागार में “स्टेट लेवल समृद्धि प्रतियोगिता 2025” का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यभर से आए शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपने कला-समेकित शिक्षण मॉडल प्रस्तुत किए। यह प्रतियोगिता शिक्षकों द्वारा विकसित आर्ट इंटीग्रेटेड एजुकेशनल मेथडोलॉजीज पर आधारित थी, जो कठिन विषयों को सरल और रोचक तरीके से सिखाने पर केंद्रित रही।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों ने अपने-अपने जिलों के अभिनव शिक्षण प्रयोगों का प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि झारखंड के शिक्षक अब शिक्षा में कला, संस्कृति और नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में काम कर रहे हैं।
प्रतियोगिता का उद्देश्य और महत्व
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत रचनात्मक, अनुभवात्मक और छात्र-केंद्रित शिक्षण की ओर प्रेरित करना था। आयोजकों ने बताया कि कला-संवर्धित शिक्षण विधि के प्रयोग से विद्यार्थियों की विषय-वस्तु की समझ अधिक गहराई से विकसित होती है।
आयोजक मंडल की ओर से कहा गया: “समृद्धि प्रतियोगिता का लक्ष्य है कि शिक्षण को रटने की प्रक्रिया से निकालकर अनुभवात्मक बनाया जाए, ताकि बच्चे विषयों को जीवन से जोड़कर सीख सकें।”
प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न जिलों के शिक्षकों ने चित्रकला, नाटक, संगीत, हस्तकला और स्थानीय संस्कृति को शिक्षा से जोड़ते हुए नवाचारपूर्ण मॉड्यूल प्रस्तुत किए।
मुख्य अतिथि का संबोधन
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री सच्चिदानंद डी. तिग्गा, प्रशासनिक पदाधिकारी, झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (JEPC) ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल शिक्षकों को प्रेरित करती हैं, बल्कि विद्यार्थियों में भी सीखने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाती हैं।
श्री सच्चिदानंद डी. तिग्गा ने कहा: “जब शिक्षण में कला का समावेश होता है, तो बच्चे न केवल ज्ञान अर्जित करते हैं, बल्कि अपनी रचनात्मकता और संवेदनशीलता भी विकसित करते हैं।”
उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने अनुभवों और प्रयोगों को साझा करें ताकि राज्यभर में कला-आधारित शिक्षा मॉडल को आगे बढ़ाया जा सके।
शिक्षकों और विद्यार्थियों का उत्साह
प्रतिभागी शिक्षकों और विद्यार्थियों में कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखा गया। कई प्रतिभागियों ने कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से उन्हें अपने विचारों को मंच देने का अवसर मिला।
विजेताओं को प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्रतियोगिता के अंत में आयोजकों ने बताया कि चयनित शिक्षकों के मॉडल को आगामी राज्य स्तरीय प्रशिक्षणों और विद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के उदाहरण के रूप में शामिल किया जाएगा।

न्यूज़ देखो: कला से जुड़ा नवाचार ही है नई शिक्षा की पहचान
JCERT द्वारा आयोजित यह समृद्धि प्रतियोगिता इस बात का प्रमाण है कि झारखंड के शिक्षक अब केवल शिक्षण नहीं, बल्कि सृजन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कला और संस्कृति से जुड़ी यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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शिक्षा में नवाचार को अपनाएं
अब समय है कि हम सब शिक्षा में कला, रचनात्मकता और अनुभव को प्राथमिकता दें। ऐसे प्रयास न केवल बच्चों की सोच को विकसित करेंगे, बल्कि झारखंड को एक नवाचारमूलक शिक्षा मॉडल के रूप में पहचान दिलाएंगे। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और शिक्षा में सकारात्मक बदलाव के सहभागी बनें।