
#महुआडांड़ #शिक्षक_दिवस : महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने शिक्षकों को पुष्पगुच्छ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सम्मानित किया
- संत जेवियर्स महाविद्यालय महुआडांड़ में शिक्षक दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोश और उप प्राचार्य डॉ. फादर समीर टोप्पो ने दीप प्रज्वलित कर किया।
- विद्यार्थियों ने स्वागत नृत्य, पुष्पगुच्छ, गिफ्ट और मिठाइयों के साथ शिक्षकों का सम्मान किया।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बॉलीवुड, सोलो डांस, ग्रुप डांस, साउथ इंडियन डांस और नागपुरी नृत्य प्रस्तुत किए गए।
- असिस्टेंट प्रोफेसर बसंती मैम ने शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
- टीचिंग और नॉन टीचिंग एसोसिएट्स के लिए आयोजित गेम्स और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का रोमांच बढ़ाने वाले हिस्से रहे।
शिक्षक दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में हर्षोल्लास और श्रद्धा का वातावरण बना रहा। विद्यार्थियों ने न केवल अपने शिक्षकों का सम्मान किया बल्कि उनके योगदान और मार्गदर्शन को याद करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच स्नेह और तालमेल को भी बढ़ावा मिला। इस आयोजन ने शिक्षक-छात्र संबंधों की गरिमा को दर्शाते हुए पूरे महाविद्यालय में उत्साह और आनंद का माहौल पैदा किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ और उद्घाटन
कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोश और उप प्राचार्य डॉ. फादर समीर टोप्पो ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद विद्यार्थियों ने स्वागत नृत्य और पुष्पगुच्छ के माध्यम से सभी शिक्षकों का औपचारिक स्वागत किया।
डॉ. फादर एम. के. जोश ने कहा: “हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। यह दिन हमें शिक्षकों की मेहनत, त्याग और उनके द्वारा सिखाए गए मूल्यों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों के ज्ञान, मूल्य और बुद्धिमता के प्रति आभार व्यक्त करने का शुभ अवसर है।”
उन्होंने आगे कहा:
“शिक्षक हमारे जीवन में पथ-प्रदर्शक होते हैं। वे हमें सिर्फ पढ़ना-लिखना ही नहीं सिखाते बल्कि अच्छे अनुशासन, संस्कार और जीवन जीने की सही कला भी सिखाते हैं। जैसे दीपक अंधकार को मिटाकर प्रकाश फैलाता है, वैसे ही शिक्षक अज्ञान को दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम और छात्र सहभागिता
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने बॉलीवुड डांस, सोलो डांस, ग्रुप डांस, साउथ इंडियन डांस और नागपुरी नृत्य जैसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से शिक्षकों के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त किया गया।
असिस्टेंट प्रोफेसर बसंती मैम ने कहा: “विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना विद्यार्थी अधूरा होता है।”
गेम्स और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम के अंत में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए रोमांचक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वालों को सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए, जिससे कार्यक्रम में आनंद और उत्साह का स्तर और बढ़ गया।
उपस्थित प्रमुख सदस्य
कार्यक्रम में महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फादर समीर टोप्पो, डॉ. फादर राजीव तिर्की, डॉ. फादर लियो, शशी शेखर सिंह, सिस्टर चंद्रोदय, शालिनी बारा, अंशु अंकिता, शिल्पी होरो, अभय सुकुट डुंगडुंग, डॉ. मनु कुमार शर्मा, डॉ. आरिफुल हक, शेफाली प्रकाश और राचेल मैम सहित कई अन्य शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: शिक्षक दिवस पर महाविद्यालय में श्रद्धा और उत्साह का संपूर्ण माहौल
इस कार्यक्रम ने दिखाया कि शिक्षक केवल ज्ञान का स्रोत ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों के जीवन में नैतिकता, अनुशासन और जीवन कौशल का मार्गदर्शन भी करते हैं। महाविद्यालय ने इस दिन को विशेष तरीके से मनाकर शिक्षक-छात्र संबंधों की गरिमा और शिक्षा के महत्व को स्पष्ट किया।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षकों का सम्मान करें और शिक्षा को सशक्त बनाएं
अपने जीवन में शिक्षकों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन और मूल्यों का सम्मान करें। अपनी राय कमेंट में साझा करें, यह खबर दूसरों तक पहुंचाएं और शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दें।