BiharPolitics

तेजस्वी यादव बने बिहार विपक्ष की नई आवाज, महागठबंधन ने सर्वसम्मति से सौंपी कमान

Join News देखो WhatsApp Channel
#पटना #राजनीतिक_घोषणा : महागठबंधन की बैठक में सभी दलों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना—संख्या कम होने के बाद भी जनता के मुद्दों पर तेज आवाज उठाने का संकल्प।
  • महागठबंधन के सभी 35 विधायक तेजस्वी यादव के चयन पर सहमत।
  • बैठक एक पोलो रोड स्थित आवास पर आयोजित की गई।
  • राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने संयुक्त स्वर में विपक्ष को मजबूत करने पर जोर दिया।
  • 1 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानमंडल सत्र से पहले बैठक बेहद अहम।
  • एनडीए के 202 विधायक, जबकि विपक्ष मात्र 35 सीटों पर सिमटा।
  • तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत से परहेज करते हुए सीधे बैठक स्थल पहुँचे।

बिहार की 18वीं विधानसभा में विपक्ष का नेतृत्व अब एक बार फिर तेजस्वी यादव संभालेंगे। शनिवार को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष चुन लिया गया। बैठक में मौजूद राजद, कांग्रेस और वाम दलों के सभी विधायकों ने यह स्पष्ट किया कि भले ही विपक्ष की संख्या कम है, लेकिन जनता के मुद्दों पर आवाज और अधिक धारदार होगी। तेजस्वी यादव सुबह दिल्ली से पटना पहुंचे और सीधे बैठक स्थल रवाना हो गए। पत्रकारों ने सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने किसी भी टिप्पणी से परहेज किया।

विपक्ष की एकजुटता पर जोर

महागठबंधन के नेताओं ने माना कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में विपक्ष को एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। विधानसभा चुनाव में विपक्ष केवल 35 सीटों तक सीमित रह गया है। इसमें राजद के 25, कांग्रेस के 6 और वाम दलों के 4 विधायक शामिल हैं। दूसरी ओर, एनडीए के पास 202 विधायकों का विशाल बहुमत है। इसके बावजूद विपक्षी दलों ने कहा कि संख्या कम होने का अर्थ यह नहीं कि उनकी भूमिका कमजोर होगी।

सड़क से सदन तक जनता की आवाज उठाने का संकल्प

बैठक में यह संकल्प लिया गया कि विपक्ष सड़क से लेकर सदन तक जनता की समस्याओं, बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था और सरकारी नीतियों पर सवाल उठाएगा। नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष जरूरी है, और वे अपनी भूमिका बखूबी निभाएंगे।

वाम दलों और कांग्रेस का स्पष्ट संदेश

माले विधायक अजय कुमार ने कहा कि विपक्ष पूरी एकजुटता से सरकार की गलत नीतियों का विरोध करेगा। वहीं राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि संख्या कम होने के बावजूद विपक्ष का मनोबल बिल्कुल कमजोर नहीं है। सरकार को हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर सदन में जवाब देना होगा।

तेजस्वी की चुप्पी ने बढ़ाई उत्सुकता

दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। उन्होंने बिना किसी बयान के सीधे बैठक में भाग लिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी यह चुप्पी आने वाले सत्र में विपक्ष की नई रणनीति का संकेत भी हो सकती है।

न्यूज़ देखो: बिहार में विपक्ष की नई चुनौती

बिहार की राजनीति में यह चरण बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कम संख्या में होने के बावजूद विपक्ष को जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करना है। तेजस्वी यादव पर अब न केवल विपक्ष को एकजुट रखने की जिम्मेदारी है, बल्कि एक प्रभावी और आक्रामक विपक्ष की छवि बनाए रखने का दबाव भी है। आने वाले विधानमंडल सत्र में उनकी भूमिका पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जनभागीदारी से ही मजबूत होगा लोकतंत्र

बिहार के नागरिकों के लिए यह समय सक्रिय रूप से अपनी समस्याएं सामने रखने का है। विपक्ष चाहे जितना भी मजबूत हो, असली शक्ति जनता की आवाज में होती है। आप अपने इलाके की समस्याएं स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक पहुँचाएँ, सदन में उठाए जा रहे मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दें और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सहभागिता बढ़ाएँ।
अगर आप इस खबर से जुड़ी अपनी राय या अनुभव साझा करना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट जरूर करें और खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए शेयर करें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

20251209_155512
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
1000264265
IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button