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तेलंगा खड़िया जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का भव्य आयोजन, जनजातीय खिलाड़ियों ने दिखाया शानदार दमखम

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#सिमडेगा #जनजातीय_खेल : बराबर पानी खेल मैदान में वनवासी कल्याण केंद्र के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता में जिले भर की जनजातीय प्रतिभाओं ने उत्साह और अनुशासन के साथ भाग लिया
  • सिमडेगा जिले के बराबर पानी खेल मैदान में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन।
  • वनवासी कल्याण केंद्र सिमडेगा के तत्वावधान में हुआ भव्य एवं गरिमामय कार्यक्रम।
  • 100, 200, 400, 800, 1500 मीटर दौड़, गोला फेंक, लंबी कूद, तीरंदाजी, गुलेल और फुटबॉल प्रतियोगिताएं आयोजित।
  • पूर्व मंत्री विमला प्रधान रहीं मुख्य अतिथि, आयोजन की सराहना की।
  • कोलेबिरा, बानो, कुरडेग, बोलबा, जलडेगा सहित कई प्रखंडों से आए प्रतिभागियों ने लिया भाग।
  • चयनित खिलाड़ी 28 दिसंबर 2025 से बोकारो में होने वाली प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता में लेंगे हिस्सा।

सिमडेगा जिले में जनजातीय युवाओं की खेल प्रतिभा को मंच देने के उद्देश्य से तेलंगा खड़िया जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन बराबर पानी स्थित स्थानीय खेल मैदान में वनवासी कल्याण केंद्र, सिमडेगा (झारखंड) के तत्वावधान में संपन्न हुआ। प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए सैकड़ों जनजातीय खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपने कौशल और क्षमता का प्रदर्शन किया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ खेल के माध्यम से जनजातीय समाज के समग्र विकास को प्रोत्साहित करना रहा।

विविध खेल स्पर्धाओं में खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन

इस जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों के लिए कई खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया गया। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर और 1500 मीटर दौड़, गोला फेंक, लंबी कूद, तीरंदाजी, गुलेल और फुटबॉल प्रतियोगिता प्रमुख रूप से शामिल रहीं।

सभी स्पर्धाओं में खिलाड़ियों ने अनुशासन, उत्साह और खेल भावना का परिचय देते हुए दर्शकों को रोमांचित किया। खासकर दौड़ और फुटबॉल मुकाबलों में खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धा देखने लायक रही। तीरंदाजी और गुलेल जैसी पारंपरिक खेल विधाओं में भी जनजातीय युवाओं ने अपनी पारंपरिक दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया।

पूर्व मंत्री विमला प्रधान ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि झारखंड सरकार की पूर्व मंत्री श्रीमती विमला प्रधान रहीं। उन्होंने खिलाड़ियों और आयोजकों को संबोधित करते हुए वनवासी कल्याण केंद्र के प्रयासों की सराहना की।

विमला प्रधान ने कहा: “वनवासी कल्याण केंद्र जनजातीय समाज के विकास के लिए शिक्षा और चिकित्सा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में जो सतत प्रयास कर रहा है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है। ऐसे आयोजन जनजातीय युवाओं में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को मजबूत करते हैं।”

उन्होंने कहा कि खेल केवल शारीरिक विकास का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन में अनुशासन और लक्ष्य प्राप्ति की प्रेरणा भी देता है।

जिले के विभिन्न प्रखंडों से पहुंची जनजातीय प्रतिभाएं

इस जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में कोलेबिरा, सिमडेगा, टी टांगर, बोलबा, कुरडेग, बानो, बांसजोर, पाकरटाड़, पालकोट और जलडेगा सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों एवं गांवों से आए जनजातीय प्रतिभागियों ने भाग लिया।

प्रतियोगिता स्थल पर पूरे दिन उत्सव जैसा माहौल बना रहा। खिलाड़ियों के साथ पहुंचे अभिभावकों और ग्रामीणों ने भी तालियों और उत्साहवर्धन के जरिए प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया।

आयोजन को सफल बनाने में कार्यकर्ताओं का रहा अहम योगदान

कार्यक्रम को सफल बनाने में वनवासी कल्याण केंद्र सिमडेगा से जुड़े कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसमें जिला सचिव अरुण सिंह, विभाग संगठन मंत्री खेदु नायक, संकुल प्रमुख संतोष दास, जिला संयोजक बसंत नारायण मांझी के साथ-साथ रवि वर्मा, पुरुषोत्तम दास, राजेन्द्र साहू, मानएल मुंडा, मनीष महतो, वेदप्रकाश भोक्ता, मनोज प्रसाद, जितेंद्र पाठक और तपेश्वर सिंह शामिल रहे।

कार्यक्रम का संचालन सुदर्शन कुमार और संतोष दास ने संयुक्त रूप से किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बसंत नारायण मांझी द्वारा किया गया।

सफल प्रतिभागियों को किया गया सम्मानित

प्रतियोगिता के समापन अवसर पर सभी खेल स्पर्धाओं के सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। आयोजकों ने बताया कि इस जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित खिलाड़ी आगामी प्रांत स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता, जो 28 दिसंबर 2025 से बोकारो में आयोजित होगी, में भाग लेंगे।

यह जानकारी पाकर खिलाड़ियों में विशेष उत्साह देखने को मिला और उन्होंने और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया।

जनजातीय समाज के उज्ज्वल भविष्य की ओर पहल

तेलंगा खड़िया जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता न केवल खेल आयोजन तक सीमित रही, बल्कि यह जनजातीय समाज की छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने का सशक्त मंच भी बनी। ऐसे आयोजनों से युवाओं को अपनी पहचान बनाने और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

न्यूज़ देखो: खेल से सशक्त हो रहा जनजातीय समाज

यह आयोजन दर्शाता है कि यदि सही मंच और मार्गदर्शन मिले, तो जनजातीय क्षेत्रों के खिलाड़ी भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकते हैं। वनवासी कल्याण केंद्र द्वारा खेल, शिक्षा और सामाजिक विकास को एक साथ जोड़ने की पहल सराहनीय है। जरूरत है कि ऐसे आयोजनों को निरंतर और व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

खेल के मैदान से सपनों की उड़ान

खेल युवाओं को अनुशासन, आत्मविश्वास और नेतृत्व सिखाता है। सिमडेगा में आयोजित यह प्रतियोगिता बताती है कि जनजातीय प्रतिभाओं में अपार संभावनाएं हैं। यदि उन्हें सही दिशा और अवसर मिले, तो वे जिले और राज्य का नाम रोशन कर सकते हैं।

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Birendra Tiwari

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