तेली समाज अब “पहले जाति, फिर पार्टी” के सिद्धांत पर करेगा राजनीति: दिलीप नितेश

#रांची #तेलीसमाज #राजनीतिक_आंदोलन : राज्य में तेली घानी बोर्ड की मांग के साथ राजनीतिक उपेक्षा पर फूटा गुस्सा — दिलीप नितेश ने कहा, अब समाज करेगा राजनीतिक दलों से हिसाब

तेली समाज की उपेक्षा पर तीखा हमला

राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार नितेश ने बड़कागांव स्थित माता रुक्मणी भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में तेली समाज की राजनीतिक उपेक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में 14 करोड़ से अधिक आबादी वाले तेली समाज को राजनीतिक रूप से लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में तेली समाज की आबादी लगभग 14% है, फिर भी विधानसभा में सिर्फ दो विधायक ही समाज से हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अब समय आ गया है कि समाज “पहले जाति, फिर पार्टी” के सिद्धांत पर काम करे।

दिलीप नितेश ने कहा: “अब समाज किसी राजनीतिक दल का बंधुआ मजदूर नहीं बनेगा और न ही किसी से परहेज करेगा। जो दल जनसंख्या के अनुपात में टिकट देगा, समाज उसे ही समर्थन करेगा।”

जातिगत आंकड़ों की अनदेखी पर सवाल

तेली समाज के नेताओं ने कहा कि जिन जातियों की आबादी मात्र 2-3% है, वे देश के 40% संसाधनों पर काबिज हैं, जबकि तेली जैसी बहुसंख्यक जातियां हाशिए पर हैं। दिलीप नितेश ने कहा कि बिहार में आगामी चुनावों में दो दलों ने 17-17 सीटें तेली समाज को देने का प्रस्ताव दिया है, जो एक सकारात्मक शुरुआत है।

संगठन के अंदर साजिश की बात भी उठी

प्रेस वार्ता में तेली महासंगठन को हाईजैक करने की कोशिश का आरोप भी सामने आया। दिलीप नितेश ने कहा कि झारखंड में केवल 22 लोगों का एक गुट संगठन को अपने स्वार्थ में इस्तेमाल करना चाहता है। वे ब्लैकमेलिंग की राजनीति कर रहे हैं, जिससे समाज को सावधान रहने की जरूरत है।

तेली घानी बोर्ड की मांग

दिलीप नितेश ने अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी तेली घानी बोर्ड गठित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड तेल व्यवसायियों और परंपरागत तेल उद्योग को बढ़ावा देने में सहायक होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संगठन की प्राथमिकता तेली समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित करना और उन्हें आर्थिक सहयोग देना है।

जातिगत एकता और राजनीतिक जागरूकता की अपील

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हरिनाथ साहू ने कहा: “जब तक हमें जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा, तब तक सामाजिक न्याय अधूरा रहेगा। हमें जातिगत एकता को प्राथमिकता देनी होगी और राजनीतिक चेतना से लैस होना होगा।”

इस दौरान हजारीबाग जिला अध्यक्ष कैलाश साहू, रांची जिला अध्यक्ष प्रमोद प्रसाद गुप्ता, युवा अध्यक्ष अरविंद कुमार, कौलेश्वर साव, धनु प्रसाद निराला, पदुम साव, डूबन साव, झमन साव, अजय कुमार, संतोषी कुमारी समेत कई महिला और पुरुष कार्यकर्ता उपस्थित थे।

न्यूज़ देखो: बहुसंख्यक समाज के अधिकारों की अनदेखी कब तक?

राजनीतिक भागीदारी के बिना सामाजिक न्याय अधूरा रह जाता है। बहुसंख्यक होने के बावजूद जब कोई समाज उपेक्षित महसूस करता है, तो यह लोकतंत्र की विफलता की ओर इशारा करता है। न्यूज़ देखो हमेशा ऐसी आवाजों को मंच देता रहा है जो सत्ता और सिस्टम से जवाब मांगती हैं।
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अब जागरूकता ही बदलाव की कुंजी है

अब वक्त है कि समाज संगठित होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे। राजनीतिक चेतना और सामाजिक एकता से ही वास्तविक प्रतिनिधित्व हासिल किया जा सकता है।

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