
#विशुनपुरा #मानवता : उप प्रमुख प्रतिनिधि अजय पाल और थाना प्रभारी की सक्रियता से एक वर्ष बाद संजय कोरवा लौटे घर — छठी माई की कृपा से परिवार में लौटी खुशियाँ
- राजस्थान में फंसे संजय कोरवा को सकुशल गढ़वा जिला के सारो गाँव पहुँचाया गया।
- उप प्रमुख प्रतिनिधि अजय पाल और विशुनपुरा थाना प्रभारी की विशेष पहल से हुआ संभव।
- प्रशासनिक सहयोग और लगातार प्रयासों से एक वर्ष बाद हुई घर वापसी।
- परिजनों ने जताया आभार, कहा — “छठी माई की कृपा और जनसेवा का परिणाम है यह।”
- क्षेत्रवासियों ने सराहा पहल, कहा — “यह इंसानियत और प्रशासनिक तत्परता की मिसाल है।”
एक साल बाद लौटे संजय कोरवा, परिवार में खुशी की लहर
गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड के सारो गाँव निवासी संजय कोरवा, पिता रामचंद्र कोरवा, जो बीते एक वर्ष से राजस्थान में फंसे हुए थे, आखिरकार सकुशल घर लौट आए हैं। छठ महापर्व के इस पावन अवसर पर हुई उनकी घर वापसी को लोग “छठी माई की कृपा” के रूप में देख रहे हैं।
उप प्रमुख प्रतिनिधि अजय पाल की संवेदनशील पहल
परिवार की चिंता को देखते हुए उप प्रमुख प्रतिनिधि अजय पाल ने व्यक्तिगत रुचि लेकर संजय की वापसी की दिशा में पहल की। उन्होंने विशुनपुरा थाना प्रभारी और जिला प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए रखा और सभी आवश्यक दस्तावेज़ों व औपचारिकताओं को पूरा करवाया। प्रशासनिक प्रयासों के बाद, अंततः संजय को राजस्थान से सकुशल उनके घर लाया गया।
अजय पाल ने कहा: “यह सब छठी माई की कृपा और प्रशासनिक सहयोग से संभव हुआ। हमारा दायित्व है कि किसी भी जरूरतमंद तक मदद पहुँचे और कोई परिवार अपने सदस्य से दूर पीड़ा न सहे।”
पुलिस-प्रशासन की त्वरित कार्यवाही
विशुनपुरा थाना प्रभारी ने भी इस पूरे मामले में तत्परता दिखाते हुए प्रशासनिक स्तर पर समन्वय स्थापित किया। संबंधित राज्य के अधिकारियों से बात कर राहत की प्रक्रिया को तेज किया गया, जिसके परिणामस्वरूप संजय की सुरक्षित वापसी संभव हो पाई। इस दौरान थाना प्रशासन ने परिवार को लगातार जानकारी देते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि हर संभव प्रयास जारी हैं।
परिजनों की आँखों में खुशी और कृतज्ञता
संजय के परिजनों ने अजय पाल, थाना प्रभारी, और पूरे प्रशासन के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक साल से वे अपने बेटे की चिंता में परेशान थे, लेकिन अब छठी माई की कृपा और जनसेवकों की मदद से उनका घर फिर से खुशियों से भर गया है।
गाँव में संजय के लौटने की खबर फैलते ही लोग उनके घर पहुँचकर बधाई देने लगे।
सामाजिक सद्भाव और जनसेवा की मिसाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना न केवल मानवता और जनसेवा की मिसाल है, बल्कि यह दिखाती है कि यदि जनप्रतिनिधि और प्रशासन संवेदनशील हों, तो कोई समस्या असंभव नहीं होती।
इस पहल ने पूरे क्षेत्र में प्रशासन के प्रति विश्वास और आपसी सहयोग की भावना को और मजबूत किया है।
न्यूज़ देखो: संवेदनशील प्रशासन और जनसेवा की जीवंत मिसाल
संजय कोरवा की घर वापसी की यह कहानी बताती है कि जब नेतृत्व में संवेदना और प्रशासन में प्रतिबद्धता हो, तो हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। उप प्रमुख प्रतिनिधि अजय पाल और थाना प्रभारी की सक्रियता ने दिखाया कि छठ जैसे पर्व सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि मानवता और सेवा की प्रेरणा भी हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मानवता की राह पर चलें, सेवा को बनाएं संस्कार
यह घटना हमें याद दिलाती है कि छोटी-सी कोशिश भी किसी परिवार के लिए बड़ी राहत बन सकती है। आइए, हम सब मिलकर ऐसे नेक कार्यों को प्रोत्साहित करें, जनसेवकों की सराहना करें और इस खबर को साझा करें ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव की यह भावना और मजबूत हो सके।




