
#कोलेबिरा #स्थापना_दिवस : शोभायात्रा, माल्यार्पण और सामुदायिक सहभागिता के बीच भोगता समाज ने वीर ओहदार रणबहादुर सिंह के योगदान को श्रद्धांजलि दी
- ओहदार रणबहादुर सिंह चौक का 21वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया।
- भोगता विकास संघ के नेतृत्व में कार्यक्रम, अध्यक्षता घुंसी सिंह ने की।
- 33 मौजा के प्रतिनिधि तथा ओड़िशा, गुमला, पालकोट से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
- नीलांबर-पीताम्बर स्मारक स्थल से आरंभ हुई शोभायात्रा, पैंकी नाच और बैंड-बाजा आकर्षण का केंद्र।
- कई गणमान्य अतिथि, सामाजिक नेता, राजनीतिक प्रतिनिधि और नारी शक्ति की सक्रिय भागीदारी।
- अंत में बिरसा मुंडा, फिर पुनः नीलांबर-पीताम्बर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम संपन्न।
कोलेबिरा में ओहदार रणबहादुर सिंह चौक का 21वां स्थापना दिवस इस वर्ष विशेष उत्साह और एकजुटता के माहौल में मनाया गया। भोगता विकास संघ के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में क्षेत्र के विभिन्न समुदायों और इलाकों से आए लोगों ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। कार्यक्रम की शुरुआत वीर शहीद नीलांबर-पीताम्बर स्मारक स्थल पर हुई, जिसके बाद आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई और अंत में चौक पर माल्यार्पण कर वीर ओहदार रणबहादुर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत: स्मारक स्थल से सामूहिक एकत्रीकरण
इस ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत नीलांबर-पीताम्बर स्मारक स्थल पर की गई, जहां विभिन्न समुदायों के लोग एकत्र हुए। सभी प्रतिनिधियों ने शहीदों को नमन करते हुए सामाजिक एकता और क्षेत्रीय गौरव की भावना का संदेश दिया।
इसके बाद पारंपरिक पैंकी नाच और बैंड-बाजा के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। नृत्य, संगीत और सामुदायिक उल्लास के बीच शोभायात्रा चौक तक पहुँची, जहाँ लोगों ने ऐतिहासिक शख्सियत के प्रति श्रद्धा व्यक्त की।
ओहदार रणबहादुर सिंह चौक पर माल्यार्पण
ओहदार रणबहादुर सिंह चौक पहुँचकर अतिथियों और आम सहभागियों ने सामूहिक रूप से माल्यार्पण किया। स्थानीय समाज ने उन्हें ऐसे नेता के रूप में याद किया, जिन्होंने क्षेत्र में भाईचारा और समरसता की मजबूत नींव रखी।
प्रमुख अतिथि और उनकी उपस्थिति
कार्यक्रम में अनेक सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की, जिनमें शामिल थे:
- मंगल सिंह भोगता, प्रमंडलीय अध्यक्ष एवं भाजपा नेता
- वीरेंद्र किंडो, कोलेबिरा प्रखंड विकास पदाधिकारी
- जितु प्रधान, जिलाध्यक्ष, भोगता समाज गुमला
- भरत प्रधान, सचिव
- कृष्णा सिंह भोगता, उपाध्यक्ष
- कैलाश प्रधान
- घुंसी सिंह, प्रखंड अध्यक्ष
- गौरी प्रसाद सिंह, सचिव
- रूपधर सिंह, दिलेश्वर सिंह
- अशोक इंदवार, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष
- प्रकाश बागे, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष
- बिरीश डुंगडुंग, सचिव
- देखु तलवार, गदाधर दास
- हीरा प्रधान, महासचिव
- उर्मिला देवी सहित कई गणमान्य और स्थानीय नागरिक
नारी शक्ति की उपस्थिति और उत्साह इस आयोजन की विशेष पहचान रही, जिन्होंने परंपरागत पोशाकों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से आयोजन को और जीवंत बनाया।
सांस्कृतिक गौरव और सामुदायिक एकजुटता का प्रदर्शन
शोभायात्रा में पारंपरिक पैंकी नाच, ढोल-नगाड़ों और स्थानीय संगीत ने सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया। भीड़ के उत्साह और रंग-बिरंगे माहौल ने आयोजन को सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक बना दिया। स्थानीय युवाओं ने चौक स्थापना दिवस को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के महत्व पर बल दिया।
बिरसा मुंडा और नीलांबर-पीताम्बर को श्रद्धांजलि
चौक पर समारोह समाप्त होने के बाद प्रतिनिधि दल ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। इसके बाद पुनः नीलांबर-पीताम्बर स्मारक स्थल जाकर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी गई, जिससे कार्यक्रम का औपचारिक समापन हुआ।
उपस्थित अतिथियों का संदेश: एकता और सौहार्द की प्रेरणा
अतिथियों ने अपने संदेश में कहा कि ओहदार रणबहादुर सिंह ने क्षेत्र और समाज में समरसता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके दिखाए रास्ते पर चलकर समाज और अधिक संगठित, जागरूक और विकासशील बन सकता है।
अतिथियों ने कहा: “ओहदार रणबहादुर सिंह ने सभी समुदायों को जोड़ने का काम किया। आज उनके आदर्शों को अपनाने और समाज में सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।”
उनके अनुसार, आज के आयोजन ने यह सिद्ध किया है कि कोलेबिरा में आज भी सभी समुदायों के बीच परस्पर स्नेह और सहयोग की मजबूत भावना जीवित है।
सामाजिक समन्वय का मजबूत संदेश
इस कार्यक्रम ने न केवल विरासत को याद किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि सामुदायिक शक्ति और एकता किसी भी क्षेत्र के विकास के मुख्य आधार हैं। लोगों की भारी उपस्थिति ने बताया कि चौक स्थापना दिवस सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि लगभग दो दशकों से चली आ रही परंपरा का गौरवशाली उत्सव है।
न्यूज़ देखो: परंपरा, एकता और सामाजिक सम्मान का संगम
ओहदार रणबहादुर सिंह चौक का 21वां स्थापना दिवस सिर्फ ऐतिहासिक स्मरण नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक समन्वय की गहरी सीख देता है। यह आयोजन कोलेबिरा की बहु-सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक एकजुटता को नई ऊर्जा देता है। स्थानीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति और जनता की भागीदारी बताती है कि क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक धरोहर को लेकर जागरूक और गर्वित है।
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अपनी विरासत को पहचानें, अपनी एकता को मजबूत करें
इतिहास उन समाजों को याद रखता है, जो अपनी पहचान और परंपरा को संजोते हुए आगे बढ़ते हैं। कोलेबिरा की यह सामूहिक भागीदारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। सांस्कृतिक आयोजनों में सहभागिता न सिर्फ समाज को जोड़ती है, बल्कि विकास की नई दिशा भी तय करती है।
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