
#गढ़वा #अधिवक्ता_परिषद : अधिवक्ताओं ने परिषद की ऐतिहासिक यात्रा और राष्ट्रहित के संकल्प को याद किया
- गढ़वा जिला इकाई के अध्यक्ष राकेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
- 1992 में दत्तोपंत ठेंगड़ी द्वारा परिषद की नींव रखे जाने की चर्चा की गई।
- वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने परिषद के उद्देश्यों और समाजहित पर विस्तृत विचार रखे।
- न्याय प्रवाह पत्रिका को लेकर युवाओं में जागरूकता लाने का आह्वान किया गया।
- नरेन्द्र पांडे, नवीन सिंह और रामा कुमारी को अंगवस्त्र और माला पहनाकर सम्मानित किया गया।
गढ़वा जिला अधिवक्ता संघ के सभा कक्ष में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का 33वां स्थापना दिवस 13 सितंबर को बड़े उत्साह और गंभीर चिंतन के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने परिषद की ऐतिहासिक यात्रा, उद्देश्यों और समाजहित की प्रतिबद्धता को याद किया। वक्ताओं ने संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संस्था केवल अधिवक्ताओं के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित है।
परिषद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि अधिवक्ता परिषद कर्तव्य के साथ अधिकारों की लड़ाई की बात करती है। उन्होंने बताया कि दत्तोपंत ठेंगड़ी ने सबसे पहले भारतीय मजदूर संघ और किसान संघ की स्थापना की थी और स्वदेशी चिंतन को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि 7 सितंबर 1992 को जब अधिवक्ता परिषद की नींव रखी गई, तब इसमें राष्ट्रहित और समाजहित को सर्वोच्च स्थान दिया गया।
परिषद का उद्देश्य और मूल विचार
अधिवक्ता प्रेमचंद तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि परिषद निशुल्क और निस्वार्थ जागरूकता पर बल देती है। वहीं जिला इकाई के अध्यक्ष राकेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह परिषद विश्व का सबसे बड़ा अधिवक्ता संगठन है जो केवल अर्थोपार्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि न्याय और राष्ट्रहित के लिए समर्पित है। उन्होंने संगठन के ध्येय वाक्य “न्याय: मम: धर्म:” को भी उपस्थित अधिवक्ताओं को स्मरण कराया।
युवाओं से जुड़ाव और जागरूकता
जिला इकाई के महामंत्री राकेश कुमार शुक्ला ने युवाओं से परिषद से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि न्याय प्रवाह पुस्तिका की सदस्यता लेकर परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों को समझा और आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को जागरूकता फैलाने और संगठन से अधिक से अधिक अधिवक्ताओं को जोड़ने पर जोर दिया।
सम्मान समारोह और प्रेरणादायी क्षण
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार पांडे, नवीन चंद्र सिंह और गढ़वा जिले की पहली महिला अधिवक्ता रामा कुमारी को परिषद की ओर से अंगवस्त्र और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। अधिवक्ता संतोष कुमार ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें परिषद से बहुत पहले ही जुड़ जाना चाहिए था, आज कार्यक्रम में आकर उन्हें यह एहसास हुआ।
व्यापक उपस्थिति
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए, जिनमें अरविंद कुमार पांडेय, बसंत राम, परशुराम, अनुज मिश्रा, ओम प्रकाश चौबे, संतोष कुमार, दिग्विजय कुमार, राहुल ऋषि, धनंजय कुमार तिवारी, कन्हैया कुमार सिंह, प्रणव कुमार, सर्वजीत प्रकाश पांडे, मधु सूदन शर्मा, पंकज मिश्रा, सत्य नारायण सिन्हा, विकास कुमार चौबे समेत अनेक अधिवक्ता शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ अधिवक्ता उपेंद्र प्रसाद सिंह ने किया।



न्यूज़ देखो: अधिवक्ताओं की सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का यह स्थापना दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि अधिवक्ताओं को उनके सामाजिक और नैतिक कर्तव्यों की याद दिलाने वाला मंच है। यह संगठन अधिवक्ताओं की भूमिका को न्यायपालिका की सीमाओं से बाहर निकालकर समाजहित और राष्ट्रहित की दिशा में आगे बढ़ाता है।
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