#गिरिडीह #एलआईसी_वर्षगांठ : बीमा कर्मचारी संघ ने प्रेसवार्ता कर बताया कि निगम ने 69 वर्षों में करोड़ों लोगों को आर्थिक सुरक्षा देने के साथ देश के विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया
- भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 1 सितम्बर को अपना 69वां वर्षगांठ मनाया।
- धर्म प्रकाश, सचिव बीमा कर्मचारी संघ, हजारीबाग मंडल गिरिडीह बेस ने प्रेसवार्ता की।
- निगम ने अब तक 54.52 लाख करोड़ रुपये जनता के कल्याण में निवेश किए।
- 20 जनवरी 2025 को एलआईसी ने एक दिन में 5.88 लाख से अधिक पॉलिसियां बेचकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- 2025 में एलआईसी दुनिया का तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड बना।
- बीमा कर्मचारी संघ ने सरकार की विनिवेश नीति का कड़ा विरोध जताया।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपने गौरवशाली इतिहास की 69वीं वर्षगांठ के मौके पर सोमवार को देशभर में जश्न मनाया। गिरिडीह में आयोजित प्रेसवार्ता में बीमा कर्मचारी संघ, हजारीबाग मंडल गिरिडीह बेस के सचिव धर्म प्रकाश ने निगम की उपलब्धियों, उसकी ऐतिहासिक यात्रा और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि एलआईसी ने न केवल आर्थिक सुरक्षा दी है बल्कि देश के आधारभूत ढांचे और सामाजिक कल्याण में भी बड़ा योगदान दिया है।
एलआईसी की स्थापना और प्रारंभिक यात्रा
भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना 1 सितम्बर 1956 को हुई थी। उस समय 245 निजी बीमा कंपनियों का अधिग्रहण कर मात्र 5 करोड़ रुपये की पूंजी से इसकी नींव रखी गई। स्थापना के साथ ही निगम ने सरकार के उद्देश्य “जनता का पैसा, जनता के कल्याण के लिए” को केंद्र में रखकर कार्य करना शुरू किया। धीरे-धीरे यह संस्था आम लोगों की जीवन सुरक्षा की रीढ़ बन गई और आज यह दुनिया के सबसे बड़े बीमा संगठनों में से एक है।
देश के विकास में एलआईसी की भूमिका
धर्म प्रकाश ने जानकारी दी कि 31 मार्च 2025 तक एलआईसी ने 54.52 लाख करोड़ रुपये का निवेश देश के विभिन्न विकास कार्यों में किया है। इनमें आवास, बिजली, सिंचाई, सड़क, रेलवे, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। एलआईसी की वित्तीय परिसंपत्ति 56.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। साथ ही निगम ने अपनी 100 करोड़ की पूंजी आधार से अब तक सरकार को 38,000 करोड़ रुपये का भुगतान लाभांश के रूप में किया है।
धर्म प्रकाश ने कहा: “एलआईसी की यात्रा केवल बीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्था देश के सामाजिक-आर्थिक विकास की धुरी बन चुकी है।”
विश्व रिकॉर्ड और वैश्विक पहचान
एलआईसी ने 20 जनवरी 2025 को एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की जब उसने केवल 24 घंटे में 5,88,160 पॉलिसियां बेचकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इस अद्भुत सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारतीय जनता का भरोसा अब भी एलआईसी पर उतना ही अटूट है। इसी वर्ष एलआईसी को दुनिया का तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड के रूप में मान्यता मिली।
विनिवेश और विरोध की राजनीति
एलआईसी की प्रगति के बीच बीमा कर्मचारी संघ ने सरकार की विनिवेश नीति पर चिंता जताई। सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि यदि निगम का पुनः विनिवेशीकरण किया गया तो इसका प्रतिकूल असर बीमाधारकों और आम जनता पर पड़ेगा।
संयुक्त सचिव अनुराग मुर्मू ने कहा: “एलआईसी हमारे संघ की विचारधारात्मक प्रतिबद्धता है, इसलिए हम केंद्र सरकार की निगम विरोधी नीतियों का विरोध करते रहेंगे।”
संयुक्त सचिव विजय कुमार और राजेश कुमार उपाध्याय ने भी यह मांग उठाई कि बीमा पॉलिसी पर लगने वाला जीएसटी हटाया जाए, क्योंकि यह सीधे आम लोगों के हित को प्रभावित करता है।
मौके पर उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी
इस मौके पर बीमा कर्मचारी संघ से सचिव धर्म प्रकाश, उपाध्यक्ष कुमकुम बाला वर्मा, उमानाथ झा, संयुक्त सचिव अनुराग मुर्मू, विजय कुमार और श्वेता मौजूद रहे। सभी ने एलआईसी की उपलब्धियों पर गर्व जताया और आने वाले समय में इसे और मजबूत बनाने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: देश की जनता के भरोसे की पहचान एलआईसी
एलआईसी केवल एक बीमा कंपनी नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। 69 साल की यात्रा ने यह साबित किया कि जनता का भरोसा और कर्मचारियों का समर्पण मिलकर संस्थान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। सरकार की नीतियों और चुनौतियों के बीच यह देखना जरूरी है कि एलआईसी की मजबूती और जनता का हित सुरक्षित रहे।
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विश्वास को और मजबूत करें
एलआईसी की उपलब्धियां दिखाती हैं कि जब संस्थाएं जनता के हित में काम करती हैं, तो वे विश्व पटल पर पहचान बना लेती हैं। अब जिम्मेदारी हम सबकी है कि इस धरोहर को बचाए रखें। अपनी राय नीचे कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों तक साझा करें ताकि जागरूकता फैले।