
#नेतरहाट #स्थापना_दिवस : बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर आवासीय विद्यालय में हुआ प्रेरणादायक और उत्साहपूर्ण कार्यक्रम
- नेतरहाट आवासीय विद्यालय ने मनाया 72वां स्थापना दिवस।
- कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सभापति संतोष उराँव सहित कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति।
- छात्रों ने गार्ड ऑफ ऑनर, योगा, पीटी और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
- विज्ञान और कृषि आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन अतिथियों ने किया।
- प्राचार्य संतोष कुमार और समर्थगुरु सिद्धार्थ ओलिया ने दिए प्रेरणादायक संबोधन।
नेतरहाट आवासीय विद्यालय का 72वां स्थापना दिवस इस वर्ष झारखंड राज्य स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा जयंती के साथ एक विशेष अवसर के रूप में मनाया गया। विद्यालय परिसर उत्सव के रंगों, परंपरा, अनुशासन और सांस्कृतिक ऊर्जा से सराबोर दिखाई दिया। छात्रों, पूर्व छात्रों, विशिष्ट मेहमानों और शिक्षकों की गरिमामय उपस्थिति ने समारोह को ऐतिहासिक बना दिया। इस अवसर पर विद्यालय की उत्कृष्ट शैक्षणिक परंपरा और गुरुकुल संस्कृति का सार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदर्शित हुआ।
परंपरा और अनुशासन से भरा उद्घाटन
समारोह की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ की गई। इसके बाद विद्यालय के छात्रों ने मुख्य अतिथियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया और परेड का निरीक्षण करवाया। विद्यालय के विभिन्न वर्गों के छात्रों ने योग, पीटी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कौशल आधारित गतिविधियों की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें मंच पर मौजूद सभी अतिथियों ने सराहा।
अतिथियों की विशिष्ट उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का गौरव
स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि विद्यालय कार्यकारिणी समिति के सभापति संतोष उराँव थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में विद्यालय के पूर्व छात्र एवं समर्थगुरु सिद्धार्थ ओलिया उपस्थित रहे। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. भास्कर प्रसाद, श्री सचिन्द्र कुमार झा तथा 1980-87 बैच के कई पूर्व छात्र समारोह में शामिल हुए। पूर्व छात्रों में प्रोफेसर, आरबीआई अधिकारी, चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी और न्यायिक पदों पर कार्यरत लोग मौजूद थे, जिन्होंने विद्यालय के प्रति अपनी भावनाएँ और गर्व व्यक्त किया।
विज्ञान व कृषि प्रदर्शनी ने खींचा ध्यान
विज्ञान तथा कृषि विषयों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया। छात्रों द्वारा तैयार किए गए मॉडल, नवीन वैज्ञानिक प्रयोग, आधुनिक खेती तकनीक और नवाचार-आधारित प्रोजेक्ट प्रदर्शनी की विशेष आकर्षण बने।
प्राचार्य संतोष कुमार का वार्षिक प्रतिवेदन
स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि नेतरहाट विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था अनुशासन, नैतिक मूल्यों और उत्कृष्ट शैक्षणिक परिणामों पर आधारित है। उन्होंने डिजिटल कक्षा, पुरानी पेंशन योजना, चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति और विद्यालय भवन के जीर्णोद्धार के लिए राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने छात्रों को निरंतर प्रयासशील रहने और आत्मानुशासन से अपना भविष्य बनाने की प्रेरणा दी।
सभापति संतोष उराँव का प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सभापति संतोष उराँव ने कहा—
“नेतरहाट विद्यालय केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक तपोस्थली है, जहाँ जीवन मूल्यों और उत्कृष्ट चरित्र का निर्माण होता है। यह स्थान साधारण छात्र को असाधारण व्यक्तित्व में बदलने की क्षमता रखता है।”
उन्होंने सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं—डिजिटल क्लासरूम, 06 IFP स्क्रीन, भवन जीर्णोद्धार और पुरानी पेंशन लाभ—का उल्लेख करते हुए छात्रों से इन सुविधाओं का सार्थक उपयोग करने की अपील की।
समर्थगुरु सिद्धार्थ ओलिया का भावुक और आध्यात्मिक वक्तव्य
समर्थगुरु सिद्धार्थ ओलिया ने अपनी पुरानी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा—
“मैं भी इसी पवित्र भूमि का विद्यार्थी रहा हूँ। आज इस विद्यालय में लौटकर मेरी आँखें नम हैं। यदि जीवन को सुंदर बनाना है तो प्रसन्नता, विनम्रता और अहंकार त्यागना सीखें। अपने भीतर के प्रकाश को पहचानें, तभी जीवन की सार्थकता सिद्ध होगी।”
उनके इस आध्यात्मिक संदेश ने छात्रों और उपस्थित सभी लोगों को गहराई से प्रभावित किया।
कार्यक्रम में प्राचार्य, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, पूर्व छात्रगण, प्रशासनिक पदाधिकारी, शिक्षक और विद्यालय के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यह 72वां स्थापना दिवस जहाँ अतीत की गौरवशाली परंपराओं को याद करता है, वहीं भविष्य की दिशा में प्रेरक संदेश भी देता है।

न्यूज़ देखो: नेतरहाट की तपोभूमि से शिक्षा और मूल्यों की अनूठी मिसाल
नेतरहाट आवासीय विद्यालय वर्षों से उन आदर्शों को जीवित रखे हुए है जो शिक्षा को केवल ज्ञान नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का माध्यम बनाते हैं। यह समारोह न केवल परंपरा की पुनर्पुष्टि करता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरक मार्ग भी तैयार करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा का उजाला तभी बढ़ेगा जब हम स्वयं बने प्रेरणा के स्रोत
समाज और राष्ट्र का विकास तभी संभव है, जब शिक्षा में मूल्य, अनुशासन, प्रेरणा और संवेदना जुड़ी हो। नेतरहाट जैसी संस्थाएं हमें यही संदेश देती हैं कि हर छात्र में अपार क्षमता छिपी होती है—जरूरत है सही मार्गदर्शन और आत्मविश्वास की।
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