#गिरिडीह #संस्कारऔरगौरव : महाराज जरासंध की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चंद्रवंशी समाज ने मनाया स्थापना दिवस
- गिरिडीह के महाराज जरासंध चौक पर हुआ आयोजन।
- अखिल भारतीय चंद्रशेखर समाज के पदाधिकारियों ने की शिरकत।
- सवा मन लड्डू का हुआ वितरण, वातावरण जयकारों से गुंजायमान।
- बोधगया में प्रतिमा विखंडन पर वक्ताओं ने जताया गहरा आक्रोश।
- नीतीश सरकार और डीजीपी बिहार से की कार्रवाई की मांग।
गिरिडीह शहर के हृदयस्थल महाराज जरासंध चौक मंगलवार को भक्ति, गर्व और एकता के भाव से सराबोर हो उठा। यहां भारत के चक्रवर्ती सम्राट महाराज जरासंध की आदमकद प्रतिमा के 8वें स्थापना दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम में समाज के हजारों महिला-पुरुषों ने भाग लिया और एकजुट होकर अपने पूर्वज के आदर्शों को याद किया।
आयोजन की शुरुआत और श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत अखिल भारतीय चंद्रशेखर समाज (अभाचंस) के केंद्रीय अध्यक्ष नागेंद्र चंद्रवंशी, केंद्रीय सचिव सूरज नयन, और केंद्रीय कोषाध्यक्ष हरि सुदर्शन ने की। सभी गणमान्य अतिथियों ने महाराज जरासंध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर चारों ओर महाराज जरासंध अमर रहें के जयघोष गूंज उठे। समारोह स्थल पर समाज के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने गौरवशाली इतिहास को पुनः स्मरण किया।
सवा मन लड्डू का वितरण और जनता की सहभागिता
प्रतिमा पूजन के बाद चंद्रवंशी चौक पर सवा मन लड्डू का वितरण किया गया। लोग इस प्रसाद को ग्रहण करने के लिए पंक्तिबद्ध हुए। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि यह परंपरा हर वर्ष स्थापना दिवस पर निभाई जाती है, जिससे समाज में एकता और आपसी प्रेम का संदेश फैलता है।
वक्ताओं ने कहा कि गिरिडीह में महाराज जरासंध जयंती आगामी जेठान एकादशी को मनाई जाएगी। यह परंपरा पूरे भारतवर्ष में एक ही दिन मनाई जाती है और समाज के लिए यह एक गौरव का प्रतीक दिवस है।
अभाचंस के अध्यक्ष नागेंद्र चंद्रवंशी का संबोधन
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि गिरिडीह के हृदयस्थल पर महाराज जरासंध की प्रतिमा स्थापित होना पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है।
नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा: “साल 2018 में जिस संकल्प के साथ इस प्रतिमा की स्थापना की गई थी, वह आज समाज की एकता और जागरूकता का प्रतीक बन चुकी है।”
उन्होंने आगे कहा कि बोधगया में महाराज जरासंध की प्रतिमा विखंडित किए जाने की घटना अत्यंत निंदनीय है और इससे पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने सभी से एकजुट होकर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने का आह्वान किया।
समाज के अन्य वक्ताओं ने जताया आक्रोश
मंच से बोलते हुए केंद्रीय सचिव सह अधिवक्ता सूरज नयन, केंद्रीय कोषाध्यक्ष हरि सुदर्शन, मुकेश चंद्रवंशी, मिथुन चंद्रवंशी, सुरेश चंद्रवंशी, मिहिर चंद्रवंशी, शिवा चंद्रवंशी, अमित आर्या, राजेश रवानी, सागर रवानी, विक्की चंद्रवंशी, सूरज चंद्रवंशी, विशाल चंद्रवंशी और गोलू चंद्रवंशी सहित कई वक्ताओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि समाज अपनी चट्टानी एकता दिखाए।
सभी ने एक स्वर में कहा कि वे इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य सरकार, और डीजीपी बिहार को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करेंगे ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके।
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और आयोजन का संदेश
इस आयोजन में बड़ी संख्या में चंद्रवंशी समाज की महिलाएं भी शामिल हुईं। उन्होंने पूजा-अर्चना में भाग लेकर समाज के गौरवशाली इतिहास को नमन किया। कार्यक्रम के दौरान माहौल पूरी तरह धार्मिक, सांस्कृतिक और एकजुटता से भरा रहा।
न्यूज़ देखो: समाज की एकता का जीवंत उदाहरण
गिरिडीह में आयोजित यह कार्यक्रम सिर्फ एक स्थापना दिवस नहीं बल्कि समाजिक जागरूकता का प्रतीक बन गया। जिस तरह से चंद्रवंशी समाज ने एक स्वर में एकता, गर्व और न्याय की बात रखी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
बोधगया की घटना पर जिस दृढ़ता से आवाज उठाई जा रही है, वह दर्शाता है कि समाज अपने गौरव और अस्मिता को लेकर अब पूरी तरह सजग है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अपनी विरासत पर गर्व करें, समाज की एकता को मजबूत बनाएं
महाराज जरासंध की प्रतिमा के सामने उमड़ा यह जनसैलाब हमें यह संदेश देता है कि जब समाज एकजुट होता है, तब न्याय और सम्मान दोनों सुनिश्चित होते हैं।
अब वक्त है कि हम सब अपनी संस्कृति और इतिहास की रक्षा के लिए सक्रिय नागरिक बनें।
अपने विचार कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और समाज के हर सदस्य तक एकता का संदेश पहुंचाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां भी अपनी जड़ों पर गर्व कर सकें।