#हुसैनाबाद #अवैध_खनन : प्रशासनिक सख्ती के बीच अवैध बालू कारोबार पर कार्रवाई हुई तेज—थाना पुलिस की मिलीभगत पर उठे सवाल, सड़क सुरक्षा और खनन नियंत्रण पर भी निर्देश।
- हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में अवैध बालू कारोबार लगातार सक्रिय पाया गया।
- प्रशासन द्वारा लगातार जांच और जब्ती अभियान चलाया जा रहा है।
- अवैध बालू उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए खनन टास्क फोर्स की बैठक हुई।
- सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए ओवरलोड और तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश।
- क्षेत्र की कई सड़कों की जर्जर हालत पर चिंता, तत्काल मरम्मत का आदेश।
हुसैनाबाद में अवैध बालू कारोबार पर प्रशासन ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। सबानो तकेया गांव के पास अवैध बालू भंडारण पर की गई कार्रवाई और उसके अगले ही दिन हैदरनगर में बालू जब्ती के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह धंधा लंबे समय से सक्रिय नेटवर्क के सहारे चल रहा था। अनुमंडलाधिकारी सह आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश गुप्ता और एसडीपीओ की संयुक्त कार्रवाई ने इस अवैध कारोबार की जड़ों को हिलाया है, लेकिन साथ ही स्थानीय थाना पुलिस की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासनिक कार्रवाई के बावजूद बालू माफिया का निर्भीक होकर संचालन यह संकेत देता है कि कहीं न कहीं पुलिस स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
खनन टास्क फोर्स की बैठक में कड़े निर्देश
अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए एसडीओ ओमप्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में खनन टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अवैध खनन के मुद्दों के साथ सड़क सुरक्षा पर भी गहन चर्चा हुई। हाल के दिनों में सड़क दुर्घटनाओं में हुई बढ़ोतरी ने प्रशासन को चिंतित किया है, खासकर युवाओं की लगातार हो रही मौतों ने इस चिंता को और गहरा किया है। एसडीओ ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बालू से भरे ओवरलोड ट्रकों और तेज रफ्तार वाहनों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।
जर्जर सड़कों की मरम्मत पर जोर
एसडीओ ने स्वीकार किया कि अनुमंडल क्षेत्र की कई सड़कें जर्जर और गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को स्थानीय स्तर पर तत्काल मरम्मत सुनिश्चित करने को कहा। उनका कहना था कि अवैध खनन पर अंकुश लगाने के साथ-साथ सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना भी बेहद आवश्यक है, क्योंकि खराब सड़कों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
थाना पुलिस की जिम्मेदारी पर उठे सवाल
अवैध बालू कारोबार का वर्षों से फलने-फूलने के पीछे स्थानीय थाना पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई मामलों में यह आरोप सामने आते रहे हैं कि अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस की उदासीनता ने इस अवैध धंधे को बढ़ावा दिया है। प्रशासनिक सख्ती के बाद अब पुलिस पर भी जवाबदेही तय होगी या नहीं—यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
क्या इस बार टूटेगा माफियाओं का नेटवर्क?
एसडीओ द्वारा चलाए जा रहे सघन अभियान से बालू माफियाओं में हड़कंप मचा है। हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि अभियान तभी प्रभावी होगा जब थाना स्तर पर भी ठोस और निरंतर कार्रवाई की जाए। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह अभियान लंबे समय तक जारी रह पाएगा या कुछ दिनों बाद फिर अवैध कारोबार उसी तरह फलने-फूलने लगेगा?
न्यूज़ देखो: अवैध खनन रोकने की लड़ाई—सिस्टम की पारदर्शिता ही असली चुनौती
प्रशासन की सख्ती तब ही परिणाम दे सकती है, जब पुलिस, खनन विभाग और स्थानीय मशीनरी ईमानदारी के साथ काम करे। अवैध खनन केवल संसाधनों की चोरी नहीं, बल्कि जान-माल को जोखिम में डालने वाला खतरा भी है। ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही अनिवार्य है।
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अवैध गतिविधियों के खिलाफ जागरूक नागरिक ही सबसे बड़ी ताकत
अब समय है कि स्थानीय नागरिक भी जागरूक रहें और अवैध खनन जैसी गतिविधियों की जानकारी प्रशासन को दें। आप अपने विचार कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जनजागरण बढ़े और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था मजबूत हो सके।





