
#गढ़वा #शिक्षा_संस्कार : विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया
- 08 दिसंबर 2025 को वार्षिकोत्सव आयोजित।
- मुख्य अतिथि: जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री क्वेसर राजा, विशिष्ट अतिथि: जवाहर नवोदय विद्यालय, गढ़वा के प्राचार्य।
- दीप प्रज्वलन, गणेश वंदना और “आई गिरि नंदिनी” से शुभारंभ।
- मंच संचालन: शिक्षक श्री हरि ओम शुक्ला और विद्यार्थी निहारिका, अयम तिवारी।
- कक्षा 1 से 9 तक विद्यार्थियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- नाटक निर्देशन: श्री देवेश दुबे, श्री राजेश द्विवेदी, श्री गुलाम।
- वार्षिक प्रतिवेदन: प्राचार्य श्री संजय कुमार सिंह।
- धन्यवाद ज्ञापन: श्रीमती रितिका श्रीवास्तव, समापन: राष्ट्रगान।
गढ़वा स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में 08 दिसंबर 2025 को वार्षिकोत्सव “स्पंदन–2025” का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय परिसर विद्यार्थियों, अभिभावकों और अतिथियों की उपस्थिति से उल्लासपूर्ण बना रहा। मुख्य अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री क्वेसर राजा और विशिष्ट अतिथि जवाहर नवोदय विद्यालय, गढ़वा के प्राचार्य थे। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, इसके बाद गणेश वंदना और “आई गिरि नंदिनी” की आकर्षक प्रस्तुति दी गई।
मंच संचालन शिक्षक श्री हरि ओम शुक्ला और विद्यार्थियों निहारिका व अयम तिवारी ने किया। कक्षा 1 से 9 के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम, विशेषकर कक्षा 5 से 8 के समूह नृत्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया। शिक्षकों श्री देवेश दुबे, श्री राजेश द्विवेदी और श्री गुलाम के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक ने सामाजिक जागरूकता का सशक्त संदेश दिया।
प्राचार्य श्री संजय कुमार सिंह ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए शैक्षणिक, खेलकूद और सह-शैक्षणिक गतिविधियों में विद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित किया। खेल शिक्षक डॉ. अभय सिंह राठौड़ और पुस्तकालयाध्यक्ष श्री आलोक कुमार यादव ने कार्यक्रम के अनुशासित और सुव्यवस्थित संचालन में विशेष भूमिका निभाई। अनुशासन समिति और समस्त शिक्षकों का योगदान भी उल्लेखनीय रहा।
अंत में श्रीमती रितिका श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और राष्ट्रगान के साथ वार्षिकोत्सव “स्पंदन–2025” का सफल समापन हुआ।





न्यूज़ देखो: गढ़वा में शिक्षा और संस्कृति का संगम
वार्षिकोत्सव “स्पंदन–2025” यह दर्शाता है कि विद्यालय न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता पर ध्यान देता है, बल्कि विद्यार्थियों में सांस्कृतिक संवेदनशीलता, अनुशासन और सामाजिक जागरूकता का विकास भी करता है। ऐसे कार्यक्रम शिक्षा और समग्र विकास का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
विद्यार्थियों को प्रेरित करें और शिक्षा में सक्रिय भागीदारी बढ़ाएँ
अभिभावकों और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल करें। विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारें, उन्हें मंच दें और उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाएँ। अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान दें।





