
#हुसैनाबाद #शोक_सभा : पोलडीह पंचायत के पूर्व मुखिया धनंजय सिंह के असामयिक निधन की खबर से पूरा क्षेत्र गमगीन
- हुसैनाबाद प्रखंड के पोलडीह पंचायत के पूर्व मुखिया धनंजय सिंह का निधन होने से क्षेत्र में शोक की लहर।
- समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाने वाले धनंजय सिंह को ग्रामीणों ने सच्चा जनसेवक बताया।
- विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने जताया शोक, कहा – क्षेत्र ने खोया एक ईमानदार नेता।
- ग्रामीणों ने बताया, गरीबों और किसानों के लिए हमेशा आगे रहते थे धनंजय सिंह।
- पंचायत क्षेत्र में शोकसभा आयोजित कर दी गई श्रद्धांजलि, सैकड़ों लोगों ने दी अंतिम विदाई।
हुसैनाबाद प्रखंड के पोलडीह पंचायत के पूर्व मुखिया श्री धनंजय सिंह के असामयिक निधन की खबर ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। उनके निधन की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया और लोग उनके आवास पर जुटने लगे। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहे धनंजय सिंह का जीवन जनता की सेवा को समर्पित था। वे अपनी सरलता, मिलनसार स्वभाव और जनहित कार्यों के कारण लोगों के बीच गहरी पहचान बना चुके थे।
सामाजिक सेवा के लिए समर्पित जीवन
धनंजय सिंह का पूरा जीवन समाजसेवा और जनहित के कार्यों में बीता। ग्रामीणों के अनुसार वे हमेशा जनता की समस्याओं को सुनते थे और उनके समाधान के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास करते थे। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना उनका स्वभाव बन गया था। पंचायत के विकास कार्यों में उन्होंने न केवल योजनाएं शुरू कराईं बल्कि उनके क्रियान्वयन की लगातार निगरानी भी की।
गांव के बुजुर्ग रामेश्वर सिंह ने बताया कि धनंजय सिंह का योगदान पोलडीह पंचायत के लिए अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा, “धनंजय जी न सिर्फ एक मुखिया थे, बल्कि हर परिवार के सदस्य जैसे थे। पंचायत के विकास, सड़क निर्माण, और शिक्षा के क्षेत्र में उनका प्रयास सराहनीय था।”
जनता के बीच लोकप्रिय नेता
धनंजय सिंह को जनता के बीच बेहद लोकप्रिय माना जाता था। वे हमेशा सादगी और ईमानदारी के साथ लोगों के बीच रहते थे। क्षेत्र में किसी भी जरूरतमंद को मदद की आवश्यकता होती, तो वे सबसे पहले पहुंचते। यही कारण था कि पंचायत में उन्हें सभी वर्गों के लोग सम्मान की दृष्टि से देखते थे।
ग्रामीण महिला शांति देवी ने बताया, “धनंजय बाबू हमेशा महिलाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुनते थे। उन्होंने आत्मसहायता समूहों को बढ़ावा दिया और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए योजनाएं शुरू कीं।”
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की श्रद्धांजलि
धनंजय सिंह के निधन के बाद क्षेत्र के कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया। पंचायत भवन परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
स्थानीय जनप्रतिनिधि अरविंद तिवारी ने कहा:
“धनंजय सिंह एक सच्चे जनसेवक थे। उन्होंने बिना भेदभाव के समाज के हर वर्ग के लिए काम किया। उनका जाना पंचायत के लिए अपूरणीय क्षति है।”
वहीं समाजसेवी राजेश भगत ने कहा कि धनंजय सिंह ने पंचायत में शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए। उनके प्रयासों से कई परिवारों का जीवन बेहतर हुआ।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
धनंजय सिंह की अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। लोगों की आंखें नम थीं और हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा था। गांव के युवाओं ने कंधा देकर उन्हें अंतिम विदाई दी। उनके निवास स्थान से लेकर श्मशान घाट तक का मार्ग फूलों से सजाया गया।
गांव के लोगों ने बताया कि धनंजय सिंह का जाना एक युग का अंत है। उन्होंने समाज के हर वर्ग के बीच सामंजस्य स्थापित करने का काम किया था। उनके जाने से पंचायत में जो रिक्ति बनी है, उसे भर पाना मुश्किल है।
न्यूज़ देखो: समाजसेवा की मिसाल बने धनंजय सिंह
धनंजय सिंह का जीवन इस बात का उदाहरण है कि जनप्रतिनिधि बनना केवल पद नहीं, बल्कि जिम्मेदारी होती है। उन्होंने जनता के लिए जिस निष्ठा और ईमानदारी से कार्य किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। समाज के प्रति समर्पण और जनहित की भावना उनके जीवन का सार थी।
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समाजसेवा की परंपरा को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी
धनंजय सिंह जैसे जनसेवक हमें याद दिलाते हैं कि समाज में परिवर्तन तभी संभव है जब हम सब अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाएं। उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर हमें भी अपने समुदाय में सहयोग और एकता की भावना को मजबूत करना चाहिए।
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