
#चंदवा #किसान_आंदोलन : चार दिन से गड्ढे में बैठकर पोल, तार और ट्रांसफार्मर की मांग कर रहे किसानों ने एसडीओ के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त किया।
- चौथा दिन किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह जारी रहा।
- पोल, तार और ट्रांसफार्मर लगाने की मांग को लेकर किसान आंदोलनरत थे।
- एसडीओ बिरसा उरांव ने एक सप्ताह में कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया।
- कार्यपालक अभियंता राजदेव मेहता ने भी फोन पर कार्य शीघ्र शुरू कराने की बात कही।
- पंद्रह दिन में कार्य न होने पर पुनः आंदोलन की चेतावनी: अयुब खान।
चंदवा प्रखंड के सांसद आदर्श ग्राम अठुला–चटुआग में बिजली व्यवस्था को लेकर किसानों का चार दिन से जारी जमीन समाधि सत्याग्रह आंदोलन आखिरकार समाप्त हो गया। ग्रामीण लगातार गड्ढे में बैठकर पोल, तार और ट्रांसफार्मर लगाने की मांग पर अड़े थे। गांव के कई टोलों में वर्षों से बिजली के लिए आवश्यक पोल और तार नहीं लगे थे, जिसके कारण किसानों ने बांस और लकड़ी के खंभों के सहारे बिजली खींचकर गुजर-बसर की व्यवस्था बना रखी थी। बारिश और हवा में यह अस्थायी व्यवस्था बार-बार गिर जाती थी, जिससे कई दुर्घटनाएँ होते-होते बची थीं।
एसडीओ पहुंचे आंदोलन स्थल, एक सप्ताह में कार्य शुरू करने का आश्वासन
चौथे दिन दोपहर में बिजली विभाग के एसडीओ बिरसा उरांव, बिजली कर्मचारी मो. अली, मोईजी कंपनी के ठेकेदार अशोक यादव और पंकज कुमार आंदोलन स्थल पहुंचे। यहां पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, मुखिया नरेश भगत, किसान जीदन टोपनो, सनीका मुंडा, रामबृछ गंझु, ललुआ गंझु, बिजेंद्र गंझु समेत अन्य ग्रामीणों से विस्तृत वार्ता हुई। वार्ता में एसडीओ ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर पुराने लकड़ी के खुटे हटाकर नए पोल, तार और जहां जरूरत होगी वहां ट्रांसफार्मर लगाना शुरू कर दिया जाएगा।
इस बीच कार्यपालक अभियंता राजदेव मेहता और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अयुब खान के बीच फोन पर बात हुई। अभियंता ने भी जल्द कार्य शुरू कराने का भरोसा दिया। आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने चार दिन से जारी सत्याग्रह आंदोलन समाप्त कर दिया।
किसानों ने दिया ज्ञापन, कई टोलों में विद्युतीकरण की मांग
किसानों ने अपनी मांगों से संबंधित विस्तृत ज्ञापन कार्यपालक अभियंता, लातेहार के पदनाम सौंपा। ज्ञापन में चटुआग के अठुला, कारी टोंगरी, उबका पानी, पहना पानी, परहैया टोला, लोहराही, पोक्या, चोरझरीया, पुरंमपनियां, भेलवाही, बगडेगवा, चरकापत्थल समेत कई टोलों में पोल और तार लगाने, आवश्यकता अनुसार ट्रांसफार्मर देने तथा भुसाढ़ के भंडारगढ़ा स्थित बांड़ी सीमर टोला में विद्युतीकरण की मांग की गई।
“समय पर काम नहीं हुआ तो 15 दिन बाद फिर आंदोलन”—अयुब खान
पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा कि अगर निर्धारित एक सप्ताह की समयसीमा में काम शुरू नहीं हुआ तो 15 दिन बाद किसान पुनः आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्षों से गांव के लोग लकड़ी, बांस और पेड़ों के सहारे बिजली तार खींचकर घरों में रोशनी कर रहे हैं। कई बार तार गिरने से लोग, मवेशी और बच्चे दुर्घटना का शिकार होते-होते बचे हैं। आजादी के बाद भी पोल–तार की उचित व्यवस्था न होना एक बड़ी विडंबना है।
आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में जुटे किसान
आंदोलन के दौरान पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, मुखिया नरेश भगत, बिजली कर्मचारी मो. अली, कंपनी के ठेकेदार अशोक यादव, पंकज कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण—फगुनी भेंगरा, बीनीता कोंगाड़ी, फुलो भेंगरा, सीमा केरकेट्टा, उरमीला भेंगरा, जीदन टोपनो, रामबृछ गंझु, ललुआ गंझु, मुना मुंडा, अंधरियस टोपनो, भीखू गंझु, टुला गंझु, बुधराम बारला, बिजेंद्र गंझु, नेमा परहैया, पेरटा गंझु, अभिराम बारला, छोटेलाल भेंगरा सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।
न्यूज़ देखो: बिजली व्यवस्था पर किसानों की जंग—अब प्रशासन की जिम्मेदारी
अठुला–चटुआग के किसानों का संघर्ष बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है, अब समय पर कार्य पूरा होना जनहित के लिए अनिवार्य है।
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