
#लातेहार #पर्यटन_सीजन : नवंबर में बेतला पार्क और आसपास के प्राकृतिक स्थलों की खूबसूरती चरम पर
- बेतला पार्क में नवंबर से पर्यटन सीजन हुआ शुरू।
- देश–विदेश के सैलानी प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने पहुंच रहे।
- पलामू किला, केचकी संगम, कमलदह झील जैसे स्थल पर्यटकों के लिए तैयार।
- गजेबो, रेस्टोरेंट, वॉच टॉवर समेत बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध।
- वनकर्मियों की तैनाती से सुरक्षा व सेवा सुनिश्चित।
नवंबर माह के आगमन के साथ ही बेतला और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों में रौनक बढ़ने लगी है। झारखंड का यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, हरियाली और शांत वातावरण के लिए देश–विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी बेतला ने परंपरागत रूप से पर्यटकों का स्वागत करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। पार्क, जंगल, पहाड़, झील और ऐतिहासिक धरोहरों से सजे इस क्षेत्र में हर कदम पर प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य झलकता है।
बेतला पार्क और आसपास के पर्यटन स्थल पूरी तरह तैयार
नवंबर की चमचमाती धूप और सुहावना मौसम बेतला की वादियों को और मनमोहक बना देता है। पलामू किला, कमलदह झील, केचकी संगम, मंडल डैम, ततहा गर्म झरना, मिरचैया फॉल, सुग्गा बांध और आसपास के कई स्थल इस समय प्राकृतिक सौंदर्य की charam पर हैं। पर्यटक यहां हरियाली, शांत वातावरण, जलप्रपात और जंगल की अनोखी शोभा का आनंद लेने आते हैं।
बेतला टाइगर रिज़र्व (PTR) प्रबंधन ने इस वर्ष भी पर्यटकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए पार्क और उसके आसपास की व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ किया है। पार्क में नए गजेबो, आकर्षक रेस्टोरेंट, वॉच टावर, विश्राम स्थल और अन्य पर्यटक सुविधाओं का निर्माण कराया गया है, ताकि आने वाले सैलानियों को आरामदायक और सुरक्षित माहौल मिल सके।
पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा वन विभाग की प्राथमिकता
वन विभाग ने जंगल में पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पार्क और अन्य स्थलों पर पर्याप्त संख्या में वनकर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि आने वाले सैलानियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। रेंजर उमेश कुमार दूबे ने बताया कि विभाग पर्यटकों की सेवा, सुविधा और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बेतला आने वाले पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी और उनकी हर आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा।
प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम
बेतला की घाटियाँ, जंगलों की महक, वन्यजीवों की छटा और पहाड़ी इलाकों की ताज़गी यहां आने वालों को एक अनोखा अनुभव देती हैं। इसी कारण यह स्थान लंबे समय से प्रकृति प्रेमियों, ट्रैकर्स, फोटोग्राफरों और शांत वातावरण की तलाश में आने वाले पर्यटकों की पसंदीदा मंज़िल बना हुआ है।
पर्यटकों के आने का इंतजार
स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों और पार्क कर्मियों के मुताबिक, नवंबर से जनवरी का समय बेतला पर्यटन का स्वर्णिम महीना माना जाता है। इस वर्ष भी तैयारियां पूरी हैं, सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है और सभी पर्यटन स्थल सजे–धजे इंतजार में हैं। अब सिर्फ जरूरत है सैलानियों के आगमन की, जो बेतला की इन वादियों में नई रौनक लेकर आएंगे।
न्यूज़ देखो: पर्यटन विकास की संभावनाओं का केंद्र बना बेतला
बेतला की तैयारियाँ बताती हैं कि अगर प्राकृतिक संपदा और पर्यटन ढांचे का सही प्रबंधन किया जाए, तो यह क्षेत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान बना सकता है। वन विभाग द्वारा की गई सुविधाओं की पहल स्वागतयोग्य है, लेकिन इन स्थलों तक बेहतर सड़क, संचार और आवास सुविधाओं का विस्तार भविष्य में पर्यटन को और गति देगा।
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प्रकृति के साथ कदम बढ़ाएँ—पर्यटन को बनाएं विकास का मार्ग
बेतला की वादियाँ सिर्फ देखने योग्य दृश्य नहीं, बल्कि झारखंड की पहचान हैं। इस मौसम में हर नागरिक का प्रयास होना चाहिए कि प्राकृतिक स्थलों की स्वच्छता, संरक्षण और सम्मान बनाए रखें। पर्यावरण संरक्षण और जिम्मेदार पर्यटन के संदेश को आगे बढ़ाएँ—अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और बेतला की सुंदरता को दुनिया तक पहुँचाएँ।





