
#सिमडेगा #वॉलपेंटिंगप्रतियोगिता : स्कूली बच्चों ने केलाघाघ डैम परिसर की दीवारों पर रंग–रचनात्मकता से सजाकर पर्यटन स्थल को नई पहचान दी।
- केलाघाघ डैम परिसर में जिला स्तरीय वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता का सफल आयोजन।
- उद्देश्य: पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण और स्कूली बच्चों की कला प्रतिभा को प्रोत्साहन।
- उपायुक्त कंचन सिंह और उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने स्थल पर पहुँचकर बच्चों की प्रतिभा की सराहना की।
- प्रतियोगिता में KGBV CM SOE Simdega, KGBV Thethaitangar, KGBV Kolebira, JBAV Pakartanr, DCM SOE Simdega, व स्किल सेंटर सिमडेगा ने भाग लिया।
- प्रशासन ने घोषणा की कि अन्य पर्यटन स्थलों पर भी ऐसी प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी।
- उत्कृष्ट प्रतिभागियों को जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
- कार्यक्रम में समीर रेनियर खालखो, मिथलेश केरकेट्टा, दीपक राम सहित कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
सिमडेगा जिले में पर्यटन स्थलों की सुंदरता बढ़ाने और बच्चों की कलात्मक क्षमताओं को मंच देने हेतु सोमवार को केलाघाघ डैम परिसर में जिला स्तरीय वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिले से आए विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने पर्यटन–थीम पर आधारित रंग–बिरंगी, संदेशप्रद और रचनात्मक पेंटिंग बनाकर दीवारों को जीवन्त बना दिया। इस पहल से न सिर्फ केलाघाघ परिसर की खूबसूरती बढ़ी, बल्कि स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने का संदेश भी प्रतिध्वनित हुआ।
बच्चों की रचनात्मकता ने जीता दिल
डैम परिसर की दीवारों पर बनाई गई पेंटिंग्स में प्राकृतिक सौंदर्य, सिमडेगा की सांस्कृतिक विरासत, वन–जीव संरक्षण, स्वच्छ पर्यटन और प्रेरणादायी सामाजिक संदेशों को अभिव्यक्त किया गया।
बच्चों ने अपनी कल्पनाशक्ति का शानदार प्रदर्शन करते हुए रंगों के माध्यम से पर्यटन को नई पहचान देने का प्रयास किया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक भी पहुँचे।
उपायुक्त और उप विकास आयुक्त ने किया निरीक्षण
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह और उप विकास आयुक्त श्री दीपांकर चौधरी स्वयं केलाघाघ पहुँचे। दीवारों पर बनी पेंटिंगों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने बच्चों की सराहना करते हुए कहा:
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा:
“बच्चों की कला न सिर्फ उनकी प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि पर्यटन स्थल को आकर्षक बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसी प्रकार की प्रतियोगिताएँ जिले के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी की जाएंगी।”
उन्होंने आगे बताया कि प्रशासन सिमडेगा को पर्यटन मानचित्र पर बेहतर तरीके से स्थापित करने के प्रयासों को लगातार आगे बढ़ा रहा है।
विभिन्न संस्थानों की उत्साही भागीदारी
प्रतियोगिता में जिले के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इनमें शामिल रहे:
- KGBV CM SOE Simdega
- KGBV Thethaitangar
- KGBV Kolebira
- JBAV Pakartanr
- DCM SOE Simdega
- स्किल सेंटर सिमडेगा
बच्चों की नई सोच, रंगों का चयन और चित्रकारी की तकनीक अत्यंत प्रभावशाली देखने को मिली। कई पेंटिंग्स में जिले के प्राकृतिक सौंदर्य और आदिवासी सांस्कृतिक पहचान को बड़े ही सुंदर ढंग से उकेरा गया था।
उत्कृष्ट प्रतिभागियों को मिलेगा सम्मान
जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
यह घोषणा बच्चों में उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली सिद्ध हुई।
प्रशासनिक अधिकारियों की विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला प्रशासन के कई अधिकारियों की अहम भूमिका रही।
इनमें प्रमुख रूप से उपस्थित थे:
- नजारत उप समाहर्ता–सह–प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर रेनियर खालखो
- जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथलेश केरकेट्टा
- जिला शिक्षा अधीक्षक दीपक राम
- जिला खेलकूद एवं अन्य प्रशासनिक कर्मी
इन अधिकारियों ने बच्चों को प्रोत्साहित किया और कहा कि कला–आधारित प्रतियोगिताएँ छात्रों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता ने सिमडेगा जिले में पर्यटन जागरूकता को नई दिशा दी है। केलाघाघ डैम जैसे लोकप्रिय स्थल को सौंदर्य एवं संदेश से भरपूर नई पहचान मिली है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ–साथ बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
न्यूज़ देखो: कला से पर्यटन की नई उड़ान
यह आयोजन साबित करता है कि कला और पर्यटन का संगम किसी भी क्षेत्र को नई पहचान दे सकता है।
स्कूली बच्चों की पेंटिंग्स ने न सिर्फ केलाघाघ डैम को सजाया, बल्कि जिले को रचनात्मकता और पर्यटन नवाचार का संदेश भी दिया।
जिला प्रशासन की यह पहल बच्चों के आत्मविश्वास के साथ–साथ पर्यटन विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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कला अभिव्यक्ति से जागता है समाज
रंग जब दीवारों पर उतरते हैं, तो वे सिर्फ चित्र नहीं बनाते—वे संदेश देते हैं, समाज को जोड़ते हैं और नई सोच को जन्म देते हैं।
सिमडेगा के बच्चों ने आज यह साबित किया कि युवा मन में अपार संभावनाएँ छिपी हैं, जिन्हें सही दिशा देकर नए भविष्य की राह बनाई जा सकती है।





