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झारखंड में स्वास्थ्य ढांचे की बड़ी चुनौती हर जिले में AIIMS जैसी सुविधा क्यों नहीं: सुधीर चंद्रवंशी

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#झारखंड #स्वास्थ्य : सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने उठाया बड़ा सवाल—क्यों नहीं हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
  • सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर चिंता जताई।
  • AIIMS और CMC वेल्लोर जैसी सुविधाओं की मांग, हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की आवश्यकता।
  • बड़े नेताओं को भी इलाज के लिए रांची, वेल्लोर और दिल्ली जाना पड़ा।
  • सरकारी अस्पतालों पर भरोसा कम होने और निजी अस्पतालों में लूट की समस्या को किया उजागर।
  • GST से मिलने वाले हिस्से से 10-15 AIIMS जैसे अस्पताल हर साल बनाने का सुझाव।

झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय रही है। इस मुद्दे पर विश्रामपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने एक अहम सवाल उठाया है—क्यों आज भी राज्य के लोग गंभीर बीमारी के इलाज के लिए रांची, वेल्लोर या दिल्ली जैसे बड़े शहरों का रुख करने को मजबूर हैं?

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड के बड़े नेताओं को भी राजधानी से बाहर जाकर इलाज कराना पड़ा। दिवंगत ददई दुबे, रामदास सोरेन और माननीय शिबू सोरेन तक को अपने राज्य से बाहर इलाज कराना पड़ा। यह स्थिति आम जनता के लिए और भी चिंताजनक है।

सरकारी अस्पतालों से उठ रहा भरोसा क्यों

चंद्रवंशी ने कहा कि आज भी गरीब लोग सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हैं, लेकिन वहां मिलने वाली सुविधाएं बेहद सीमित हैं।

सुधीर कुमार चंद्रवंशी ने कहा: “हम गरीबों को अगर कुछ होता है तो मजबूरन सरकारी अस्पतालों में झोंक देते हैं—जिंदा रखो या मार दो।”

वहीं, मध्यम वर्गीय परिवार इलाज के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेते हैं, लेकिन वहां इतना खर्च करना पड़ता है कि परिवार आर्थिक रूप से टूट जाता है। कई बार मरीज की हालत बिगड़ने पर निजी अस्पताल उसे सरकारी अस्पताल में रेफर कर देते हैं।

AIIMS जैसे अस्पताल क्यों जरूरी

झारखंड के हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की आवश्यकता है। चंद्रवंशी का कहना है कि जब तक स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक राज्य के लोग बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए बाहर जाते रहेंगे।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है—अतिरिक्त कर्मियों की बहाली, अत्याधुनिक उपकरण, और सुविधाओं का विस्तार अनिवार्य है।

GST और फंडिंग पर चंद्रवंशी का तर्क

चंद्रवंशी का कहना है कि यह सब हमारे टैक्स के पैसे से संभव है।

उन्होंने कहा: “अगर केंद्र सरकार सही से राज्य सरकार को GST दे दे, तो हर साल झारखंड में 10 से 15 AIIMS जैसे अस्पताल बनाए जा सकते हैं।”

झारखंड को GST से हर साल लगभग 20 से 25 हजार करोड़ रुपये की कमाई होती है, जिसमें 50% हिस्सा राज्य को मिलना चाहिए। एक AIIMS जैसा अस्पताल बनाने में 600 से 800 करोड़ रुपये का खर्च आता है और इसके साथ 2000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव जरूरी

झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव एक गहरी समस्या है। सुधीर चंद्रवंशी की यह पहल केवल सवाल नहीं, बल्कि एक जनहित की पुकार है। समय आ गया है कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
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अब समय है कि हम सब आवाज उठाएं

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