#धनबाद #नदीमेंशव :निरसा थाना क्षेत्र के नया डांग काली मंदिर के पास की घटना — स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस, इलाके को खतरनाक घोषित करने की मांग
- खुदिया नदी में मिला अज्ञात युवक का तैरता हुआ शव
- निरसा थाना पुलिस ने शव को बाहर निकालकर शुरू की जांच
- अब तक नहीं हुई मृतक की पहचान, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे
- पूर्व मुखिया मजनू बाउरी ने प्रशासन से खतरनाक क्षेत्र घोषित करने की मांग की
- इलाके में चेतावनी बोर्ड लगाने की भी अपील
रविवार सुबह नदी में तैरता मिला शव
धनबाद जिले के निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत नया डांग स्थित काली मंदिर के पास खुदिया नदी में रविवार सुबह एक अज्ञात युवक का शव तैरता हुआ मिला। शव को सबसे पहले स्थानीय लोगों ने देखा, जिसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही निरसा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नदी से बाहर निकाला। घटनास्थल पर उत्सुक भीड़ जमा हो गई और लोगों में घटना को लेकर चर्चा शुरू हो गई।
मृतक की पहचान अब तक नहीं
निरसा थाना प्रभारी के अनुसार, मृतक युवक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस ने इलाके के स्थानीय निवासियों से पूछताछ शुरू कर दी है और आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का स्पष्ट पता चलेगा। हालांकि, अब तक की जांच में कोई बाहरी चोट का संकेत नहीं मिला है।
पूर्व मुखिया ने जताई चिंता
पूर्व मुखिया मजनू बाउरी ने कहा: “इस क्षेत्र में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। लगता है युवक की मौत डूबने से हुई है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।“
उन्होंने प्रशासन से इस इलाके को खतरनाक क्षेत्र घोषित करने की मांग की, ताकि लोग अनावश्यक रूप से इस नदी में न उतरें।
चेतावनी बोर्ड लगाने की अपील
मजनू बाउरी ने आगे कहा कि प्रशासन को तुरंत चेतावनी बोर्ड लगाना चाहिए, जिससे आमजन को इस स्थान की संवेदनशीलता की जानकारी मिल सके। इससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नदी के इस हिस्से में गहराई और पानी की तेज बहाव के कारण अक्सर खतरा बना रहता है। बावजूद इसके, यहां कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया है।
न्यूज़ देखो: जानलेवा इलाकों को लेकर प्रशासन गंभीर कब होगा?
धनबाद जैसे औद्योगिक और आबादी घनत्व वाले इलाके में जब कोई सार्वजनिक स्थल बार-बार हादसों का कारण बनता है, तो प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि सही समय पर सुरक्षा उपाय किए जाएं। खुदिया नदी का यह इलाका पहले से संवेदनशील माना जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सतर्कता और जनजागरूकता ही बचाव का रास्ता
ऐसी घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि प्रशासनिक व्यवस्था के साथ-साथ जनजागरूकता और सतर्कता भी ज़रूरी है। जनता को चाहिए कि खतरनाक स्थलों से दूरी बनाए रखें और प्रशासन को भी चाहिए कि एहतियाती उपायों में ढिलाई न बरती जाए।
इस खबर पर अपनी राय जरूर दें, इसे रेट करें और अपने जानने वालों के साथ शेयर करें — ताकि जानलेवा इलाकों को लेकर जागरूकता बढ़े।