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जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए गिरिडीह के संजय मुर्मू का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

#गिरिडीह #शहादत : हजारों की भीड़ ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड अंतर्गत धरमपुर गांव का बेटा और सीआईएसएफ का जांबाज सिपाही संजय कुमार मुर्मू अब हमारे बीच नहीं रहा। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में ड्यूटी के दौरान बादल फटने की प्राकृतिक आपदा ने उनकी जिंदगी छीन ली। उनके पार्थिव शरीर को जब गांव लाया गया तो पूरा इलाका गम और गर्व से सराबोर हो गया।

शोक में डूबा धरमपुर गांव

धरमपुर गांव में जैसे ही संजय मुर्मू का पार्थिव शरीर पहुंचा, हजारों की भीड़ अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। हर कोई नम आंखों से उन्हें विदाई देने आया। “भारत माता की जय” और “संजय बाबू अमर रहें” जैसे नारों से पूरा गांव और इलाका गूंज उठा। लोग गर्व भी महसूस कर रहे थे कि उनका बेटा मातृभूमि के लिए शहीद हुआ।

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

शहादत की खबर मिलते ही परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। पिता केशर मुर्मू और मां सोनिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। पत्नी चंपा हांसदा की आंखों से आंसुओं की धारा थम नहीं रही थी। संजय के चले जाने से पूरे परिवार की दुनिया उजड़ गई।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का सांत्वना संदेश

बगोदर विधायक नागेंद्र महतो स्वयं धरमपुर पहुंचे। उन्होंने शहीद जवान के परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढाढ़स बंधाया। विधायक ने कहा, “संजय मुर्मू ने अपने कर्तव्य पथ पर प्राण न्यौछावर किए हैं, उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

संजय मुर्मू का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और पूरे सैन्य सम्मान से उन्हें अंतिम विदाई दी गई। हजारों लोग इस दौरान मौजूद रहे और आंखों में आंसू लिए “शहीद संजय अमर रहें” के नारे लगाए।

न्यूज़ देखो: शहादत से सीखने की जिम्मेदारी

संजय मुर्मू की शहादत हमें यह याद दिलाती है कि देश की सुरक्षा करने वाले हर जवान का बलिदान राष्ट्र के लिए अमूल्य है। अब जरूरत है कि सरकार उनके परिवार की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करे। एक नवयुवक की शहादत केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अमर शहादत से प्रेरणा लें

अब समय है कि हम सब संजय मुर्मू जैसे जांबाजों की शहादत को याद रखें और अपने हिस्से का योगदान समाज और देश के लिए करें। उनकी शहादत को नमन करते हुए आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें, ताकि सबको गर्व और जिम्मेदारी का एहसास हो।

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