#लातेहार #मुख्यमंत्रीहेमन्तसोरेन — आदिम जनजाति के युवक को सम्मानपूर्वक दी गई अंतिम विदाई
- मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर महुआडांड़ के दौना गांव पहुंचा पार्थिव शरीर
- 29 मई को आंध्रप्रदेश के चुराला स्टेशन पर ट्रेन दुर्घटना में हुई थी कुशल बिरजिया की मौत
- राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने परिजनों से समन्वय कर की मदद
- मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष से दी गई सहायता राशि
- आदिम जनजाति युवक को सम्मानपूर्वक विदाई देने की पहल
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सक्रिय हुआ प्रशासन, कुशल बिरजिया को मिली अंतिम विदाई
महुआडांड़, लातेहार। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की संवेदनशीलता और तत्परता से एक आदिम जनजाति युवक को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई मिल सकी। दौना गांव निवासी कुशल बिरजिया का पार्थिव शरीर बुधवार को महुआडांड़ पहुंचाया गया, जिससे परिजन और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
आंध्रप्रदेश रेल हादसे में गई थी जान
गौरतलब है कि 29 मई को आंध्रप्रदेश के बाबरलाजुला ज़िले के चुराला रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन दुर्घटना में कुशल बिरजिया की मौत हो गई थी। कुशल बिरजिया आदिम जनजाति से आते थे और बाहर मजदूरी करने गए थे।
दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने तत्काल श्रम विभाग, लातेहार उपायुक्त और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश दिया कि पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक लातेहार लाया जाए।
सहायता राशि से एम्बुलेंस और व्यवस्था
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने मृतक के परिजनों से संपर्क कर पूरी जानकारी प्राप्त की और मुख्यमंत्री झारखंड प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिससे एम्बुलेंस के माध्यम से पार्थिव शरीर लाया जा सका।

न्यूज़ देखो: मुख्यमंत्री की तत्परता बनी संवेदनशील शासन का उदाहरण
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने एक आदिवासी युवक की मौत पर जिस संवेदनशीलता से कदम उठाया, वह राज्य की जवाबदेह सरकार की मिसाल पेश करता है। कुशल बिरजिया को मिली यह मानवीय विदाई आने वाले समय में भी ऐसी घटनाओं में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जगाती है।
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संवेदनशील शासन की मिसाल
झारखंड सरकार का यह कदम न केवल मृतक परिवार के लिए राहत बना, बल्कि राज्य की उस सोच को भी दिखाता है जहां हर नागरिक की गरिमा सर्वोपरि है।