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लावा नदी पर बना ब्रिज खतरे में बड़ी दुर्घटना की आशंका से ग्रामीण दहशत में

#जारी #ब्रिज_संकट : पुल की जर्जर हालत से 30 गांवों का संपर्क टूटने का खतरा

लावा नदी पर बना यह पुल अब गंभीर संकट में है। पुल के एक किनारे पर बना बड़ा गड्ढा लगातार फैल रहा है और नींव को खोखला कर रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हालात ऐसे ही रहे तो पुल किसी भी समय धराशायी हो सकता है।

यह पुल जारी और भीखमपुर के बीच लोगों की आवाजाही का सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है। इस पर रोजाना सैकड़ों लोग स्कूल, अस्पताल और बाजार के लिए निर्भर रहते हैं। अगर पुल टूट गया, तो क्षेत्र के लगभग 30 गांव पूरी तरह अलग-थलग पड़ जाएंगे। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक संकट भी खड़ा कर सकती है।

भय और बेबसी के बीच ग्रामीणों की पुकार

ग्रामीणों में इस स्थिति को लेकर गहरी चिंता है। वे रोज इस पुल से गुजरते हैं, लेकिन हर कदम के साथ डर भी बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बार-बार प्रशासन को चेताया है कि पुल की हालत खराब है, मगर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

स्थानीय निवासी रामलाल ने कहा: “हम कई बार अधिकारियों को सूचना दे चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुल कभी भी गिर सकता है।”

प्रशासन की खामोशी बढ़ा रही खतरा

पुल की यह स्थिति प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रही है। अगर समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई, तो यह न केवल भौगोलिक रूप से इलाके को काट देगा बल्कि जानमाल की भारी क्षति भी हो सकती है। यह पुल ही ग्रामीणों के जीवन का आधार है—स्कूल, अस्पताल और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए यही एकमात्र रास्ता है।

न्यूज़ देखो: लापरवाही पर सवाल और जवाबदेही की मांग

इस खतरे से बचने का एक ही रास्ता है—तुरंत मरम्मत और सुरक्षा उपाय। प्रशासन को चाहिए कि बिना समय गंवाए काम शुरू करे। ऐसी लापरवाही न केवल विकास पर सवाल उठाती है, बल्कि आम नागरिकों की जान को भी खतरे में डालती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब वक्त है कार्रवाई का, नहीं तो कीमत होगी भारी

आइए हम सब इस मुद्दे पर आवाज उठाएं ताकि प्रशासन तक यह संदेश पहुंचे। कॉमेंट में अपनी राय दें और खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए शेयर करें।

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