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डुमरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष उत्सव धूमधाम से सम्पन्न

#डुमरी #राष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघ : शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में नगर में भव्य पथ संचलन और समाजिक सभा आयोजित कर संघ ने राष्ट्रभक्ति और एकता का संदेश दिया

डुमरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण से हुई, जहां स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित थे और ध्वज प्रणाम के साथ शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात शास्त्र पूजन और दीप प्रज्वलन के बाद नगर में भव्य पथ संचलन निकाला गया।

पथ संचलन और नगर में स्वागत

पथ संचलन सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू होकर नवाडीह चौक, ब्लॉक परिसर होते हुए डुमरी बस्ती तक गया। रास्ते में ग्रामीणों और महिलाओं ने दीप जलाकर, फूल बरसाकर एवं जल छींटक कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। मार्ग पूरे मार्ग पर राष्ट्रभक्ति के नारों और भगवा ध्वज से सजाया गया।

सभा और संदेश

पथ संचलन के पश्चात सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में विशाल सभा आयोजित की गई। सभा की अध्यक्षता विभाग समरसता प्रमुख अजय जी ने की। उन्होंने कहा कि

“संघ का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र को संगठित कर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। प्रत्येक स्वयंसेवक को समाज और राष्ट्र के उत्थान में अपनी भूमिका निभानी होगी। शाखा ही संघ का आधार है, इसलिए प्रत्येक गांव में नियमित रूप से शाखा का आयोजन करना चाहिए।”

उन्होंने आगे बताया कि संघ ने पिछले 100 वर्षों में सेवा, शिक्षा, संस्कार और संगठन के माध्यम से समाज में एकता और समरसता का भाव जगाया है और अब आने वाले 100 वर्षों में विकसित भारत के संकल्प को साकार करना आवश्यक है।

उपस्थित अतिथियों और स्वयंसेवकों की भागीदारी

सभा और पथ संचलन में ग्राम अध्यक्ष अनिल ताम्रकार, मनोज कुमार सिन्हा, भूषण सिंह, उमेश ताम्रकार, चंचल कुमार, संदीप कुमार, उत्तम केशरी, रोहित ताम्रकार, सिकंदर साहू, बिपिन केशरी सहित सैकड़ों स्वयंसेवक और ग्रामीण शामिल थे। सभी ने उत्साहपूर्वक राष्ट्रभक्ति नारों के साथ कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।

न्यूज़ देखो: डुमरी में शताब्दी वर्ष उत्सव ने संघ की सेवा और समरसता की विरासत को दिखाया

इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ न केवल अपने 100 वर्षों के इतिहास में समाज में शिक्षा और सेवा का संदेश फैलाने में सफल रहा है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों में एकजुटता और राष्ट्रभक्ति की भावना भी मजबूत कर रहा है। कार्यक्रम ने स्थानीय समुदाय को भी सामाजिक सहभागिता और एकता का अनुभव कराया।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

समाज में एकता और राष्ट्रभक्ति की भावना को बढ़ावा दें

डुमरी का यह उत्सव यह दिखाता है कि जब समाज के सभी वर्ग सक्रिय रूप से भाग लें, तो राष्ट्रीय और सामाजिक मूल्यों की रक्षा संभव है। अपने परिवार और समुदाय के साथ इस आयोजन की प्रेरणा साझा करें, और अपने विचार कमेंट में लिखकर राष्ट्रभक्ति और समरसता की भावना को फैलाने में योगदान दें।

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