
#हुसैनाबाद #धार्मिक_अनुष्ठान : शारदीय नवरात्र में मंगल भवन अमंगल हारी के उद्घोष से क्षेत्र गुंजायमान
- हुसैनाबाद के महाबीर जी भवन में श्रीरामचरितमानस नवाह परायण यज्ञ का आयोजन।
- आचार्य धर्मराज पांडे और अन्य पुरोहितों ने किया मंगल भवन अमंगल हारी का उद्घोष।
- आयोजन 45 वर्षों से लगातार हो रहा है और इसे सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष उदय सोनी सहित कई गणमान्य लोग शामिल।
- पाठ से भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद, हनुमान जी की सुरक्षा और जीवन में सुख-शांति की कामना।
- यह महायज्ञ सामाजिक बंधनों को मजबूत करने और अध्यात्मिक संस्कार देने का अवसर प्रदान करता है।
हुसैनाबाद में शारदीय नवरात्र के अवसर पर श्रीरामचरितमानस नवाह परायण यज्ञ का शुभारंभ हुआ। महाबीर जी भवन में आयोजित इस यज्ञ में आचार्य धर्मराज पांडे और अन्य पुरोहितों ने मंगल भवन अमंगल हारी के उद्घोष के साथ सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डूबा दिया। यह परंपरा पिछले 45 वर्षों से लगातार जारी है और क्षेत्रवासियों के लिए अध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत बनी हुई है।
अध्यात्म और जीवन का मार्गदर्शन
आचार्य धर्मराज पांडे ने कहा कि नियमित रूप से श्रीरामचरितमानस का पाठ करने से जीवन में भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद बना रहता है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी विपदाओं से रक्षा करते हैं और जीवन में सुख, शांति और अध्यात्मिक उन्नति के लिए यह मार्गदर्शक है।
आचार्य धर्मराज पांडे ने कहा: “रामचरितमानस के अध्ययन और पूजन मात्र से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। यह महाग्रंथ पुत्र धर्म, मातृ धर्म, पिता धर्म सहित सभी सामाजिक बंधनों को मजबूत करता है।”
आयोजन में समिति और गणमान्य व्यक्तियों की भूमिका
इस महायज्ञ को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष उदय सोनी, संरक्षक श्रवण अग्रवाल, राजेन्द्र पाल, प्रकाश लाल अग्रवाल, मिंटू अग्रवाल, दीना सोनी, सुबोध कश्यप, मनीष कश्यप, छोटू अग्रवाल, सुरेंद्र पाल, अजित अग्रवाल, अनिल ओझा, अरविंद ओझा, राजकुमार कश्यप, रवि चंदेल, सन्नी कुमार, गोपाल सोनी, दीपक कुमार, सुनील शर्मा, राज जयसवाल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
समिति ने यज्ञ के संचालन, पाठ व्यवस्था, श्रद्धालुओं की सुविधा और पूजन सामग्री की देखरेख सुनिश्चित की। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रोत्साहित किया बल्कि सामाजिक एकता और समुदायिक सहभागिता का संदेश भी दिया।
श्रद्धालुओं में भक्ति का उत्साह
यज्ञ स्थल पर उपस्थित ग्रामीण और शहर के लोग भक्ति रस में डूबे दिखाई दिए। हर उम्र के लोग, महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे, सभी ने इस महायज्ञ में भाग लेकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।
न्यूज़ देखो: हुसैनाबाद में धर्म और संस्कृति का संगम
श्रीरामचरितमानस नवाह परायण यज्ञ यह दिखाता है कि धार्मिक आयोजन केवल पूजा-पाठ का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज में भाईचारा, संस्कार और सामाजिक जिम्मेदारी की नींव भी रखता है।
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आस्था और संस्कार की शक्ति
हुसैनाबाद का यह महायज्ञ साबित करता है कि जब समाज एकजुट होकर आस्था और धर्म के मार्ग पर चलता है, तो न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है बल्कि सांस्कृतिक विरासत भी मजबूत होती है। इस ऊर्जा को फैलाएं, अपने अनुभव साझा करें और इस खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं ताकि समाज में भक्ति और एकता का संदेश फैले।